गुरुग्राम स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि छह अप्रैल से लेकर दस अप्रैल के बीच कोविड-19 से केवल एक मौत हुई है, जबकि श्माशान घाट के आंकड़े इस दावे को झूठला रहे हैं। कोविड-19 से होने वाली मौत के लिए चिह्नित राम बाग श्माशान घाट में सात अप्रैल से दस अप्रैल तक 30 मरीजों को कोविड-19 नियम का पालन करते हुए एलपीजी युक्त शवगृह में अंतिम संस्कार किया गया। जबकि पांच शव को कब्रिस्तान में दफनाया गया है। इसी तरह के हरियाणा के रोहतक के श्माशान घाट और सरकारी हेल्थ बुलेटिन के आंकड़े भी जुदा है।
राम बाग श्माशान घाट में क्रियाकर्म करने वाले पंडित दीपक शर्मा ने डाउन टू अर्थ को बताया कि शनिवार दस अप्रैल को सात शव आए थे, जिनमें पांच शव को कोविड-19 नियमावली के तहत अंतिम संस्कार किया गया। जबकि दो शव का अंतिम संस्कार सामान्य प्रक्रिया के तहत किया गया। इसमें एक व्यक्ति की मौत परिजनों ने उन्हें हार्ट अटैक से बताया था। हरियाणा स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी बुलेटिन में केवल एक मौत का जिक्र किया गया है।
स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि छह अप्रैल से नौ अप्रैल तक कोई भी मौत कोविड-19 के कारण नहीं हुई है, जबकि इस दौरान श्मशान घाट में 18 अंतिम संस्कार कोविड-19 नियमावाली के तहत किया गया है। पांच शव को घाटा गांव के कब्रिस्तान में दफनाया गया है। श्मशान घाट के क्रियाकर्म करने वाले पंडित के मुताबिक, अप्रैल के पहले सप्ताह में अधिक अंतिम संस्कार कोविड-19 के नियमों के तहत किया गया है। श्मशान घाट में कोविड-19 के बढ़ते मामले को देखते हुए वहां पर परिजनों के लिए दूर एक चबूतरा निर्धारित किया गया है। वहां पर पीपीई किट और मास्क की भी व्यवस्था की गई है, ताकि जो लोग अचानक पहुंच जाए, उन्हें दी जा सके।
छह अप्रैल को सबसे अधिक 11 शवों का अंतिम संस्कार कोविड-19 प्रोटोकॉल के तहत किया गया। इसमें एक वर्ष का मासूम भी शामिल है। श्मशान के पंडित दीपक शर्मा के मुताबिक, आमतौर पर एक वर्ष के कम बच्चे का अंतिम संस्कार नहीं किया जाता है। वह कोविड-19 संक्रमित हो चुका था और घर पर ही इलाज चल रहा था। पांच अप्रैल की रात को मौत हो गई थी। छह अप्रैल को अंतिम संस्कार के लिए लाया गया तो दफनाने के बजाय उसका अंतिम संस्कार करना पड़ा। बाकी अन्य की उम्र 45-86 वर्ष के लोगों की थी।
उन्होंने बताया कि अधिक शव आने की वजह से दोनों शवगृह शुरू किए गए हैं। इसके बावजूद परिजनों को तीन-चार घंटे तक इंतजार करना पड़ा था। दो शवों को फिर लकड़ी की चिता बनाकर जलाया गया था। सात अप्रैल को चार, आठ अप्रैल को तीन और नौ अप्रैल को दो पांच शव का अंतिम संस्कार किया गया।
इसी तरह रोहतक क वैश्य कॉलेज रोड स्थित श्री शिव मंदिर श्मशान घाट में शनिवार को सात शवों का कोविड गाइडलाइन के तहत अंतिम संस्कार किया गया। इसमें तीन लोग रोहतक के थे, बाकी दूसरे जिले के रहने वाले थे। श्माशान घाट के एक पदाधिकारी के मुताबिक, बड़ा बाजार निवासी 57 वर्षीय महिला, आसन गांव की 89 साल की बुजुर्ग और 74 साल के मदीना गांव निवासी व्यक्ति शामिल है।
वहीं, कोविड-19 के मरीजों के आंकड़ों को लेकर अब स्वास्थ्य विभाग हेरफेर करने लगा है। हरियाणा महामारी रोग के एक वरिष्ठ डॉक्टर ने डाउन टू अर्थ को नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि अप्रैल में कोरोना की दूसरी लहर के बाद गुरुग्राम में सबसे अधिक संक्रमण के मामले सामने आए है। इसमें कई मौत गुरुग्राम के निजी अस्पताल में इलाज कराने वाले लोगों की हो रही है, लेकिन उसका डाटा गुरुग्राम स्वास्थ्य विभाग अपने खाते में नहीं जोड़ता है।
गुरुग्राम में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या लगातार बढ़ते जा रही है। दस अप्रैल को 864 संक्रमित, नौ अप्रैल को 703, 8 अप्रैल को 741, सात अप्रैल को 611 और छह अप्रैल को 604 संक्रमित के मामले सामने आए है। एक से सात मार्च के बीच जहां 342 संक्रमित मामले थे, वहां 510 अप्रैल के बीच 4104 पहुंच गया है। जिले के 2650 कोविड-19 संक्रमित बेड है, इसमें एक मार्च को 106 मरीज भर्ती थे, जबकि दस अप्रैल को 432 मरीज भर्ती थे। इसमें तीस लोगें की अधिक हालत खराब होने की वजह से वेंटिलेटर पर रखा गया है।