स्वास्थ्य

श्मशान घाट से ग्राउंड रिपोर्ट: भोपाल में जलती चिताएं खोल रही हैं सरकारी आंकड़ों की पोल

डाउन टू अर्थ ने कोरोनावायरस संक्रमण की वजह से मध्यप्रदेश में हो रही मौतों के रिकॉर्ड की सत्यता जांचने का प्रयास किया

Rakesh Kumar Malviya

देश में कोविड-19 महामारी का दूसरा दौर शुरू चुका है। एक बार फिर से सरकार के आंकड़े भयावह हो चुके हैं। 9 अप्रैल 2021 को जारी आंकड़ों के मुताबिक पिछले 24 घंटे में कोविड-19 की वजह से 780 मौतें हुई और कुल मरने वालों की संख्या 1,67,642 हो चुकी है, लेकिन क्या यह आंकड़े सही है। डाउन टू अर्थ ने कुछ शहरों के श्मशान घाटों में जाकर यह जानने की कोशिश की, जो बेहद चौंकाने वाले हैं। बिहार की राजधानी पटना का हाल पढऩे के लिए क्लिंक करें, श्मशान घाट से ग्राउंड रिपोर्ट: क्या कोविड-19 से मौत के आंकड़े छिपा रही है बिहार सरकार? । उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ का हाल जानने के लिए क्लिक करें श्मशान घाट से ग्राउंड रिपोर्ट: क्या लखनऊ में भी छिपाए जा रहे हैं कोविड-19 के मौत के आंकड़ें । अब पढ़ें, मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल का हाल 

मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में कोराना वायरस संक्रमण के शिकार शवों के अंतिम संस्कार के इंतजाम नाकाफी हो रहे हैं। गुरुवार 8 अप्रैल को जगह कम पड़ने पर शवों का नियत जगह से अलग सड़क पर अंतिम संस्कार करना पड़ा। एक अकेले भदभदा विश्राम घाट पर ही 36 शवों का अंतिम संस्कार किया गया, पांच शवों को क​ब्रिस्तान में दफनाया गया। दूसरी ओर सरकार की ओर से जारी मेडिकल बुलेटिन में इस दिन एक ही मौत होना दिखाया गया है। सरकार की ओर से जारी मेडिकल बुलेटिन और श्मशान घाट के आंकड़े दो अलग—अलग तस्वीरें दिखा रहे हैं। 

प्रदेश की राजधानी भोपाल और इंदौर में कोरोना संक्रमण की हालत हर घंटे खराब हो रही है। इन दो शहरों में प्रदेश के लगभग 42 प्रतिशत मरीज हैं, ज्यादा बीमार होने पर मरीजों को रेफर भी इन्हीं दो शहर के अस्पतालों में किया जाता है। यहां तेजी से संक्रमण बढ़ा है। मुख्यमंत्री के स्वास्थ्य आग्रह का भी कोई असर नहीं दिख रहा है, इसलिए प्रशासन ने पिछले सप्ताह शनिवार शाम से सोमवार सुबह तक का लॉकडाउन घोषित कर दिया था। स्थिति में सुधार नहीं होने पर इस सप्ताह शुक्रवार शाम से सोमवार सुबह तक पूरे भोपाल सहित प्रदेश में लॉकडाउन लगा दिया गया। भोपाल के दो क्षेत्रों में यह लॉकडाउन अगले दस दिन के लिए रहेगा। 

कोविड संक्रमित मरीजों के शवों का अंतिम संस्कार भोपाल स्थित भदभदा विश्राम घाट पर किया जा रहा है। शवों को नगर निगम की गाड़ी द्वारा सीधे अस्पताल से विश्राम घाट के पिछले गेट से लाया जाता है। यहां पर चार से पांच कर्मचारी कई महीनों से शवों के अंतिम संस्कार में मदद कर रहे हैं। विश्राम घाट के बाएं हिस्से में 12 पिलर के साथ एक अलग व्यवस्था बनाई गई है ताकि सामान्य अंतिम संस्कार वाले लोग संक्रमण से सुरक्षित रहें।

पिछले कुछ दिनों से यहां हालात असामान्य होते जा रहे हैं। इस श्मशाम घाट में 31 मार्च से लेकर 4 अप्रैल तक 62 शवों का अंतिम संस्कार किया गया, ये सभी कोविड-19 संक्रमित थे। जबकि मेडिकल बुलेटिन में इन दिनों में भोपाल शहर में छह मौतें दर्ज होना ही बताया गया है।

इसके अगले दिन 5 अप्रैल को यहां पर 17 शवों के अंतिम संस्कार होना बताया गया है, जबकि इस दिन भोपाल में केवल दो और प्रदेश में 13 मौतें होना मेडिकल बुलेटिन में बताया गया है।

आठ अप्रैल को शहर के दो श्मशान घाट और एक कब्रिस्तान में कुल 41 शवों का कोविड-19 प्रोटोकॉल के तहत अंतिम संस्कार किया गया। इनमें से भदभदा विश्राम घाट में 31, सुभाष नगर विश्राम घाट पर 5 और झदा कब्रिस्तान में 5 शवों का अंतिम संस्कार किया गया। जबकि शाम होने के चलते आठ शवों को अंतिम संस्कार उस दिन नहीं किया जा सका। 

जबकि आठ अप्रैल को जारी मेडिकल बुलेटिन के मुताबिक इस दिन भोपाल शहर में 4 और प्रदेश में 27 लोगों की मौत कोविड संक्रमण के चलते हुई है। आंकड़ों के मिलान न होने के सवाल पर स्वास्थ्य विभाग के एसीएस मोहम्मद सुलेमान ने पिछले दिनों कहा था कि हम सौ प्रतिशत सही आंकड़े नहीं दे सकते हैं क्योंकि ​गैर सरकारी अस्पतालों से आंकड़े मिलने मुश्किल हो रहे हैं।

पिछले सप्ताह अंतिम संस्कार के लिए लकड़ी कम पड़ जाने की बात भी सामने आई थी। हालात को देखते हुए यहां पर तीस और चिता स्थलों का निर्माण किया जा रहा है।