स्वास्थ्य

श्मशान घाट से ग्राउंड रिपोर्ट: अहमदाबाद में भी छिपाए जा रहे हैं कोविड-19 से हुई मौतों के आंकड़े?

9 अप्रैल 2021 को अहमदाबाद नगर निगम के आंकड़ों के मुताबिक कोरोना के कारण 12 लोगों की मौत हुई, लेकिन श्मशान घाटों के आंकड़े कुछ और कह रहे हैं

Kaleem Siddiqui

कोविड-19 की दूसरी लहर ने गुजरात को पूरी तरह से अपनी चपेट में ले लिया है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार अब रविवार (11 अप्रैल 2021) तक कोविड से 4,797 लोगों की मृत्यु हो चुकी है। रविवार को पूरे प्रदेश में एक दिन में 54 लोगों की मृत्यु हुई। जिसमें सबसे अधिक अहमदाबाद में 24 और सूरत में 18 हैं।

लेकिन कोविड-19 से हो रही मौतों के आंकड़ों पर सवाल उठ रहे हैं, क्योंकि नगर निगम या सरकार के आंकड़ों और श्मशान घाट के आंकड़ों में अंतर आ रहा है। 9 अप्रैल शुक्रवार को नगर निगम द्वारा जारी संख्या के अनुसार एक दिन में कोरोना से 12 मौत हुई है। जबकि अहमदाबाद के 13 श्मशान घाट के रजिस्टर में दर्ज आंकड़ों के अनुसार 23 शवों का अंतिम संस्कार कोरोना गाइड लाइन के तहत किया गया। सबसे अधिक जमालपुर सप्तऋषि श्मशान घाट में 5 दाह संस्कार हुए। इसके अलावा ठलतेज में 3, एलिस ब्रिज में 3, वाडज में 2, ओढव में 2 , प्रहलाद नगर में 2 , लीलानागर में 2, मकरबा में 1, बिलोल नगर में 1, हाटकेश्वर में 1, घंटी टेकरा में 1, इशनपुर में 1 और वेजलपुर में 1 शव का अंतिम संस्कार किया गया।

अहमदाबाद नगर निगम में के जमाल पुर सप्तऋषि श्मशान घाट में पंजीकरण अधिकारी वीनू भाई जीवा भाई पटेल कहते हैं कि अहमदाबाद में 24 श्मशान घाट हैं जिसमें से 13 श्मशान घाट में सीएनजी भट्टी की सुविधा है। कोरोना से हुई मृत्यु को सरकारी गाइड लाइन का पालन करते हुए अंतिम दाह संस्कार किया जाता है। 12 अप्रैल 2021 को रात आठ बजे तक जमालपुर श्मशान घाट में 28 अंतिम संस्कार हुए, जिसमें से 6 कोरोना के थे। जबकि अभी एक शव को वेटिंग में रखा गया था और एक अन्य शव को लाए जाने की सूचना उनके पास थी।

यहां सीएनजी की दो भट्टी है एक खराब होने के कारण शव को वेटिंग में रखना पड़ रहा है। एक शव को जलने में एक घंटा लगता है, फिर भट्टी को ठंडा करना पड़ता है। आम दिनों में शव वेटिंग में नहीं रहते अचानक कोरोना से बढ़ रही मृत्यु दर से सभी जगह आज वेटिंग है।

50 वर्षीय विनू भाई पटेल पिछले दो सालों से अहमदाबाद के इसी श्मशान घाट में मृत शव का पंजीकरण का कार्य देखते हैं।यह एक क्लेरिकल पद है। विनु भाई कहते हैं कि कोविड-19 के पहले दौर से ही श्मशान घाट में 23 मार्च 2020 से लेकर अब तक कोई ऐसा दिन नहीं गुजरा, जिस दिन कोविड-19 के मरीज का अंतिम संस्कार जमालपुर सप्तऋषि श्मशान घाट में नहीं किया गया हो। 

जमालपुर सप्तऋषि श्मशान घाट के रजिस्टर के अनुसार मार्च महीने में 333 अंतिम संस्कार हुए थे। जिसमें 30 कोरोना गाइड लाइन के तहत हुए। जबकि अप्रैल के दस दिनों में ही 200 से अधिक अंतिम संस्कार हो चुके हैं, इनमें से 20 का अंतिम संस्कार कोविड-19 प्रोटोकॉल के तहत किया गया। 

शहर के वरिष्ठ पत्रकार शायर रावल बताते हैं कि 10 अप्रैल से रात 12 बजे से रविवार (11 अप्रैल) के 12 बजे के बीच अहमदाबाद के सिविल अस्पताल से 77 शवों को श्मशान भेजा गया। जबकि शव वाहन की कमी के कारण 35 मृत शव सिविल अस्पताल में ही थे। यानी कि 112 लोगों की मौत कोरोना के कारण हुई, लेकिन जब स्वास्थ्य विभाग का बुलेटिन आया तो उसमें कोरोना से मारे गए लोगों की संख्या 19 थी।