कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य ने 11 जून से 15 जुलाई के बीच एक महीने में, विशेष रूप से इतुरी प्रांत में प्लेग के मामलों की अधिकता दर्ज की है। वहीं, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के ताजा रोग प्रसार बुलेटिन के मुताबिक प्लेग-एंडेमिक प्रांत में 45 मामले सामने आए हैं जिनमें से नौ की मौत पहले ही हो चुकी है।
वहीं, 12 जून को प्रांत के रेथी स्वास्थ्य क्षेत्र (11 गांवों का एक समूह) की एक 12 वर्षीय लड़की की मौत सिरदर्द, बुखार, खांसी और बढ़े हुए लिम्फ नोड के प्लेग के लक्षणों के साथ हुई। डब्ल्यूएचओ को कांगो की ओर से की गई रिपोर्टिंग के अनुसार, इस लड़की के समुदाय से बाद अन्य की भी संदिग्ध प्लेग के लक्षणों से अधिक मौतें हुई हैं।
रेथी में सीमांकित 22 स्वास्थ्य क्षेत्रों (भारत में एक सार्वजनिक स्वास्थ्य केंद्र के तहत एक क्षेत्र) के छह क्षेत्रों में 45 मामले सामने आए हैं, जिनमें से नौ की मृत्यु 22 जुलाई को हुई थी। यह मृत्यु दर को 20 प्रतिशत तक बढ़ा देता है।
प्लेग तीन ज्ञात रूपों में प्रकट होता है: बुबोनिक, सेप्टिकमिक और न्यूमोनिक। बुबोनिक प्लेग का इलाज न किए जाने पर न्यूमोनिक प्लेग में बदल जाता है। किंसहासा में इंस्टीट्यूट नेशनल डे रीचार्चे बायोमेडिकल (आईएनआरबी) प्रयोगशाला के नोडल के अनुसार, जिन 45 मामलों की रिपोर्ट की गई, उनमें से दो सेप्टिमिक प्लेग के थे और बाकी बुबोनिक प्लेग के थे। लेकिन डब्ल्यूएचओ बुलेटिन का कहना है कि तीनों प्रकार के प्लेग अब देश में मौजूद हैं।
2020 की शुरुआत के बाद से, इतुरी प्रांत में प्लेग के 64 मामले दर्ज किए गए हैं और इसके कारण 14 मौतें हुई हैं। 2019 में इसी अवधि के दौरान, प्रांत ने सिर्फ 10 मामले सामने आए थे।
एक भूगोल में सीमित यह
प्लेग लगातार खतरनाक संक्रमण बना हुआ है। 2019 में, दुनियाभर से मानव प्लेग के 289 मामले सामने आए। 21वीं सदी के पहले दशक में प्लेग के प्रकोप पर एक अध्ययन- अमेरिकन जर्नल ऑफ ट्रॉपिकल मेडिसिन एंड हाइजीन में प्रकाशित हुआ। इसके मुताबिक प्लेग पहले दशक में 1,612 लोगों की मृत्यु हुई और इसने 21,725 लोगों को प्रभावित किया। अमेरिका ने 57 मामलों की सूचना दी, जिनमें से सात की मृत्यु हो गई। 2010-2015 के दौरान, प्लेग ने 3,248 लोगों को संक्रमित किया, जिनमें से 584 लोग मारे गए।
पिछले एक दशक में प्लेग के मामलों में 10 गुणा कमी आई है। पिछले 30 वर्षों में जिन 33 देशों ने कुछ मामले दर्ज किए थे, उनमें से केवल 10 ने पिछले पांच वर्षों में मानव मामलों की रिपोर्ट की है। हाल के वर्षों में, प्लेग का प्रकोप उप-सहारा अफ्रीका, एशिया और उत्तर और दक्षिण अमेरिका तक सीमित है।
अफ्रीकी देशों से अभी भी प्लेग की रिपोर्ट हो रही है। इनमें कांगो, मेडागास्कर, तंजानिया और युगांडा शामिल हैं। वहीं, अमेरिका, बोलीविया और पेरू के साथ एशिया में, चीन, रूस, मंगोलिया और किर्गिस्तान ने हाल के वर्षों में प्लेग की सूचना दी है। दुनिया में प्लेग के अधिकांश मामले कांगो और मेडागास्कर में है।
डब्ल्यूएचओ के हेल्थ इमर्जेंसी प्रोग्राम के एरिक बेरेटाटा कहते हैं, "यह ध्यान में रखना चाहिए कि मानव प्लेग का भौगोलिक वितरण संक्रमण के प्राकृतिक फोकी की तुलना में अधिक सीमित है, जहां प्लेग बेसिलस पशु जलाशय में निम्न स्तर पर फैलता है। दुनिया में सबसे ज्यादा प्रभावित कुछ गरीब देश हैं और जहां पर पर्यावरण निगरानी बहुत सीमित या गैर-मौजूद है। पशु निगरानी आंकड़ा, जहां ये मौजूद हैं (उदाहरण के लिए, संयुक्त राज्य अमेरिका में), या पहले अप्रभावित क्षेत्रों में मानव मामलों की घटना (पहले उल्लेखित मेडागास्कर का मामला), भौगोलिक विस्तार की दिशा में एक सामान्य प्रवृत्ति के विपरीत है। इस विस्तार को विशेष रूप से काले चूहे द्वारा पर्यावरण के एन्थ्रोपोजेनिक संशोधनों या नए क्षेत्रों के उपनिवेशण से जोड़ा जा सकता है। "
डब्ल्यूएचओ की अंतर्राष्ट्रीय स्वास्थ्य विनियम रिपोर्टिंग के तहत प्लेग पर एक ताजी स्थिति रिपोर्ट के अनुसार, "यह भूली हुई बीमारी आमतौर पर अंतर्राष्ट्रीय समुदाय और दाताओं का ध्यान बहुत कम खींचती है। साथ ही यह स्थानिक देशों में गहन नियंत्रण कार्यक्रम का विषय भी नहीं है।"
यह एक चेतावनी जारी करता है "प्लेग एक विशेष रूप से दुर्जेय महामारी बीमारी बनी हुई है,"