केरल उच्च न्यायालय ने अपने एक आदेश में कहा है कि नागरिकों को हमलावर कुत्तों से बचाने की जिम्मेवारी राज्य की है। साथ ही लोगों को भी कुत्तों को अनावश्यक नुकसान पहुंचाने से बचना चाहिए।
इस बारे में अदालत का कहना है कि राज्य ऐसे क्रूर कुत्तों की पहचान करके, उन्हें सार्वजनिक स्थानों से हटाने और नागरिकों की रक्षा करने के लिए बाध्य है। इस बारे में न्याय मित्र ने जानकारी दी है कि राज्य में सामुदायिक कुत्तों की अनधिकृत हत्या के कई खबरें सामने आई हैं।
ऐसे में केरल उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को पुलिस प्रमुख के माध्यम से सार्वजनिक निर्देशों को जारी करने का निर्देश दिया है। जानकारी दी गई है कि राज्य प्रशासन कुत्तों के काटने की घटनाओं को रोकने के लिए जरूरी कदम उठा रहा है, लेकिन साथ ही नागरिकों भी कानून को अपने हाथ में लेने से बचना चाहिए।
अपने इस आदेश में उच्च न्यायालय ने कोर्ट द्वारा पारित विभिन्न आदेशों का भी जिक्र किया है जिनमें दो अगस्त 2021 को दिया आदेश भी शामिल है। इस आदेश में कोर्ट ने थ्रीक्काकारा नगर पालिका को अपनी सीमा के भीतर उन क्षेत्रों की पहचान का निर्देश दिया था जहां सामुदायिक कुत्तों का पुनर्वास और आश्रय दिया जा सकता है।
अदालत ने अपने 29 अक्टूबर, 2021 को दिए आदेश का भी उल्लेख किया है, जिसमें कोर्ट ने राज्य पशु कल्याण बोर्ड को पशु जन्म नियंत्रण (एबीसी) उपायों को अपनाने के लिए राज्य में सभी स्थानीय अधिकारियों की क्षेत्रीय सीमा के भीतर उपलब्ध ढांचागत सुविधाओं का आकलन करने का निर्देश दिया था।
केरल उच्च न्यायालय ने अपने 8 जुलाई, 2022 को दिए आदेश में राज्य पशु कल्याण बोर्ड को अपनी वेबसाइट पर उन पशु चिकित्सालयों की सूची प्रकाशित करने के लिए कहा था जो रात में भी आपातकालीन सेवाओं उपलब्ध कराते हैं। इनमें से प्रत्येक केंद्र के टेलीफोन नंबर एकत्र करने के साथ यह सुनिश्चित करने का निर्देश कोर्ट ने दिया था कि यह अस्पताल 24 घंटे सेवाएं देते रहें।
राजस्थान में कुम्भलगढ़ वन्य जीव अभ्यारण्य के लिए गठित होगी समिति
सुप्रीम कोर्ट ने अपने 13 सितंबर, 2022 को कुम्भलगढ़ वन्य जीवन अभयारण्य के लिए समिति गठित करने के निर्देश दिए हैं। मामला राजस्थान के राजसमंद जिले का है।
कोर्ट ने राजस्थान सरकार को यह निर्देश पर्यावरण संरक्षण और कुंभलगढ़ वन्य जीवन अभयारण्य में पर्यावरण संवेदनशील क्षेत्र में होते अतिक्रमण को रोकने के लिए दिया है। समिति में संबंधित विभागों के अधिकारियों और विशेषज्ञों को शामिल किया जाएगा।
इस संबंध में अलगे चार सप्ताह के भीतर प्रस्ताव अदालत के सामना रखना है।
कर्नाटक उच्च न्यायालय ने दिए हावेरी में अवैध बूचड़खाने के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश
कर्नाटक उच्च न्यायालय ने हावेरी जिला उपायुक्त को जिले में चल रहे अवैध बूचड़खाने के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। इस बारे में अतिरिक्त सरकारी अधिवक्ता ने कहा है कि इस मामले में उचित कार्रवाई की जाएगी।
शिमला में अवैध खनन से प्रभावित भूमि को बहाल कर लिया गया है: रिपोर्ट
शिमला के डिविजनल फारेस्ट ऑफिसर ने 15 सितंबर, 2022 को नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल में सबमिट अपनी रिपोर्ट में जानकारी दी है कि गुरदयाल सिंह की जमीन अवैज्ञानिक रूप से किए जा रहे खनन से प्रभावित है। साथ ही यह भी जानकारी दी गई है कि इस जमीन को दोबारा बहाल कर दिया गया है। मामला हिमाचल प्रदेश में शिमला का है।
इस मामले में जानकारी दी गई है कि गुरदयाल सिंह की जमीन के जीर्णोद्धार के लिए खान के मालिक रमेश वर्मा ने पांच लाख रुपए जमा किए थे।