दिल्ली, नोएडा और गाजियाबाद में कोविड-19 के बढ़ते मरीजों के कारण अब यहां के मरीज हरियाणा पहुंच रहे है। मेडिकल हब के रूप में विकसित गुरुग्राम के अस्पतालों में दूसरे प्रदेशों से आने वाले मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ने लगी है। इससे गुरुग्राम में अचानक मरीजों की संख्या बढ़ने से अब अस्पतालों में बेड की कमी हो गई है। 20 अप्रैल, 2021 (मंगलवार) को जिले के 43 अस्पतालों में सभी आईसीयू बेड, वेंटिलेटर और आइसोलेशन वार्ड फुल हो गए। मंगलवार दोपहर तक जिले में दोपहर 1584 नए कोविड-19 पॉजिटीव मरीज सामने आए थे। जिले में 491 आईसीयू बेड, 233 वेंटिलेटर और 129 ऑक्सीजन वाले बेड उपलब्ध है। इसी के साथ सभी अस्पतालों में दूसरे ऑपरेशन और इलाज पर फिलहाल रोक लगा दी गई है।
आनन-फानन में मरीजों की संख्या बढ़ने और बेड फुल होने के बाद जिला प्रशासन ने बैठक कर दो मेडिकल कॉलेज और एक अस्पताल में 800 बेड जोड़ने का निर्णय लिया है। जिला प्रशासन अब अस्पतालों के नजदीक होटलों को आइसोलेशन सेंटर में बदलने पर विचार कर रहा है। हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने मंगलवार को कहा कि प्रदेश में दूसरे राज्यों के मरीजों के आने के कारण यहां अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ रही है।
सेक्टर-56 स्थित डब्ल्यू-प्रतीक्षा अस्पताल के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने बताया कि 19 अप्रैल, 2021 (सोमवार) को तीन मरीज गाजियाबाद से आए थे, लेकिन बेड नहीं होने के कारण उन्हें भर्ती नहीं किया जा सके। आर्टिमिस अस्पताल के एक डॉक्टर ने बताया कि शुक्रवार तक उनके पास 40 से अधिक बेड खाली थे, लेकिन दिल्ली में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ने के बाद अचानक वहां मरीज यहां आने लगे। मरीजों में ऑक्सीजन लेवल कम होने की वजह से उन्हें तत्काल एडमिट किया गया। तीन दिनों में उनके यहां मौजूद 42 मरीज एडमिट हुए है। मंगलवार को दस बेड का अलग से इंतजाम करना पड़ा। इसी तरह मेदांता अस्पताल में एक फ्लोर को कोविड आइसोलेशन वार्ड में तब्दील कर दिया गया है।
आंकड़ों के मुताबिक, अप्रैल महीने में अब तक गुरुग्राम में 21596 कोरोना संक्रमित मरीज सामने आए है। जबकि मार्च में 4483 और फरवरी में 792 मरीज ही आए थे। यदि उम्र के हिसाब से बात करें तो 0-20 वर्ष के आयु वर्ग में 1560 मरीज, 20-40 वर्ष के आयु वर्ग में 7393 मरीज, 40-60 वर्ष के आयु वर्ग में 3406 मरीज और 60 से अधिक आयु वर्ग में 1467 मरीज है।
गुरुग्राम के लिए कोविड मैनेजमेंट इंचार्ज टीसी गुप्ता ने बताया कि 12 अप्रैल को 185 संक्रमित व्यक्ति विभिन्न अस्पतालों के आईसीयू में भर्ती थे, जबकि 19 अप्रैल को 482 और 20 अप्रैल को 491 सभी फुल हो गए। इसे देखते हुए सभी अस्पतालों में सभी तरह के दूसरे ऑपरेशन और गैर जरूरी इलाज पर रोक लगा दी गई है और अस्पतालों को कोविड इलाज के लिए केवल तब्दील करने पर विचार किया जा रहा है।
जिला उपायुक्त यश गर्ग ने बताया कि अस्पतालों के फुल हो जाने के कारण होटल और सामुदायिक केंद्रों को कोविड आइसोलेशन सेंटर में तब्दील करने का निर्णय लिया गया है, लेकिन हमारे पास डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ की कमी है। इसे ध्यान में रखते हुए वॉक इन इंटरव्यू के जरिये भर्ती के लिए भी स्वास्थ्य विभाग को कहा गया है।