स्वास्थ्य

हल्दी को क्यों कहा जाता है गुणकारी?

Dayanidhi

खाना बनाने में हम बहुत से मसालों का उपयोग करते हैं। इनमें से कुछ ऐसे भी मसाले हैं, जिन्हें अपने औषधीय गुणों की वजह से विशेष दर्जा दिया गया है। इन्हीं में से एक हल्दी है जिसमें बहुत सारे औषधीय गुण होते हैं।

हल्दी के औषधीय गुण जिनमें एंटीइन्फ्लेमेटरी, एंटीऑक्सीडेंट, एंटीट्यूमर, एंटीसेप्टिक, एंटीवायरल, कार्डियोप्रोटेक्टिव जो हृदय को स्वस्थ रखता है, हेपटोप्रोटेक्टिव -लिवर को स्वस्थ रखने वाला गुण और नेफ्रोप्रोटेक्टिव - किडनी को स्वस्थ रखने वाला गुण इसमें प्रमुख हैं।

आखिर हल्दी में ऐसा क्या हैं जिसकी वजह से इसमें इतने औषधीय गुण होते हैं? अब कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय के एक नए अध्ययन में पता चला है कि, हल्दी में करक्यूमिन नामक एक तत्व पाया जाता है। यह तत्व शरीर में रक्त वाहिकाओं और ऊतकों को विकसित करने में मदद करता है।

अध्ययन से यह भी पता चला है कि यह रोगियों में क्षतिग्रस्त ऊतकों को बदलने और पुन: उत्पन्न करने के लिए प्रयोगशाला में विकसित रक्त वाहिकाओं और अन्य ऊतकों के विकास को तेज कर सकती है। 

करक्यूमिन में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं और यह घातक ट्यूमर में एंजियोजेनेसिस को दबाने के लिए जाना जाता है। करक्यूमिन से लिपटे नैनोकणों के साथ जुड़े चुंबकीय हाइड्रोजेल रक्त वाहिकाओं के एंडोथेलियल में वृद्धि करने वाले कारकों के स्राव को बढ़ावा देते हैं।

रक्त वाहिकाओं और ऊतकों को फिर से विकसित करने लिए करक्यूमिन के संभावित उपयोग पर कुछ समय पहले तक संदेह था, क्योंकि इसका अच्छी तरह से अध्ययन नहीं किया गया था। यूसीआर के मार्लन और रोजमेरी बॉर्न कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग में बायो-इंजीनियरिंग प्रोफेसर हुइनन लियू ने तत्वों के साथ चुंबकीय लौह ऑक्साइड नैनोकणों की कोटिंग करके और उन्हें बायो-कंपैटिबल हाइड्रोजेल में मिलाकर करक्यूमिन के पुनर्योजी गुणों की जांच करने के लिए एक प्रयोग किया।

कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय के बायो-इंजीनियरों ने अब पाया है कि जब चुंबकीय हाइड्रोजेल के माध्यम से स्टेम सेल कल्चर में पहुंचाया जाता है तो यह बहुमुखी तत्व विरोधाभासी रूप से रक्त वाहिकाओं के एंडोथेलियल ग्रोथ फैक्टर, या वीईजीएफ के स्राव को बढ़ा देता है, जो रक्त वाहिकाओं और ऊतकों को बढ़ने में मदद करता है।

जब अस्थि मज्जा से प्राप्त स्टेम कोशिकाओं के साथ कल्चर किया जाता है, तो चुंबकीय हाइड्रोजेल धीरे-धीरे कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाए बिना करक्यूमिन को छोड़ देता है। खुले नैनोकणों के साथ जुड़े हाइड्रोजेल की तुलना में, करक्यूमिन-चढ़े नैनोकणों से भरे हाइड्रोजेल के समूह ने वीईजीएफ स्राव की अधिक मात्रा दिखाई दी।

सह-अध्ययनकर्ता चांगलू जू ने कहा अध्ययन से पता चलता है कि चुंबकीय हाइड्रोजेल से निकलने वाली करक्यूमिन कोशिकाओं को वीईजीएफ को स्रावित करने के लिए बढ़ावा दिया जाता है, जो नई रक्त वाहिकाओं के निर्माण को बढ़ाने के लिए सबसे महत्वपूर्ण विकास कारकों में से एक है। 

शोधकर्ताओं ने नैनोकणों के चुंबकत्व का लाभ यह देखने के लिए भी लिया कि क्या वे नैनोकणों को शरीर में वांछित स्थानों पर निर्देशित कर सकते हैं। उन्होंने कुछ करक्यूमिन-चढ़े नैनोकणों को ताजा सुअर के ऊतक के टुकड़ों के पीछे एक ट्यूब में रखा और नैनोकणों की गतिविधि को सही से निर्देशित करने के लिए एक चुंबक का उपयोग किया।

जिससे पता चलता है कि इस विधि का उपयोग अंततः करक्यूमिन देने के लिए किया जा सकता है ताकि घायल ऊतक को ठीक करने या पुन: उत्पन्न करने में मदद मिल सके। यह अध्ययन 'एसीएस एप्लाइड मैटेरियल्स एंड इंटरफेस' में प्रकाशित हुआ है।