स्वास्थ्य

तेलंगाना में कोविड-19 वैक्सीन लगवाने वाले की मृत्यु, सरकार ने कहा टीके से कोई संबंध नहीं

अब तक देश में तीन स्वास्थ्यकर्मियों की मृत्यु हो चुकी है। सभी में हृदयाघात की एकसमानता है, साथ ही तीनों को कोविडशील्ड टीका लगने के एक दिन बाद सीने में दर्द की शिकायत हुई थी।

Banjot Kaur

तेलंगाना में 20 जनवरी, 2020 को नोवेल कोरोनावायरस से बचाव के लिए कोविड वैक्सीन लेने वाले एक व्यक्ति की मौत हो गई। यह तीसरी ऐसी संदिग्ध मौत है जो वैक्सीन लेने के बाद भारत में हुई है। हालांकि, प्राधिकरणों ने यह स्पष्ट किया है कि टीकाकरण के कारण कोई भी मृत्यु देश में नहीं हुई है। 

तेलंगाना के निर्मल जिले में 42 वर्ष उम्र के जिस व्यक्ति की मौत हुई है वह कुंतला प्राइमरी हेल्थ सेंटर में एंबुलेंस ड्राइवर था। इससे पहले जिन दो लोगों की मौत हुई है, उनमें एक उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिसे से और दूसरा कर्नाटक के बल्लारी जिले का रहने वाला था। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने इन दोनों की मृत्यु को भी लेकर कहा था कि इनका टीके से कोई संबंध नहीं है। 

निर्मल जिले के स्वास्थ्य अधिकारी चेरुपल्ली धनराज ने डाउन टू अर्थ से मरने वाले व्यक्ति की घटना को तफसील से बताते हुए कहा कि लाभार्थी को पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के जरिए निर्मित कोविशील्ड वैक्सीन मांगी थी। एंबुलेंस ड्राइवर को 19 जनवरी, 2020 को 11:30 बजे सुबह टीका लगाया गया था। उसे किसी तरह की तकलीफ नहीं हुई थी और न ही उसने अपनी ड्यूटी छोड़ी थी। वह शाम को 5 बजे घर गया लेकिन आधी रात के बाद 2.30 बजे उसे सीने में दर्द महसूस हुआ और वह जिला अस्पताल पहुंचाया गया। हालांकि, अस्पताल पहुंचने पर उसे मृत घोषित घर दिया गया। 

उसे स्पष्ट तौर पर हृदयाघात, जिसे मेडिकल भाषा मायोकैरडियल इंफ्रैक्शन (एमआई) के लक्षण थे और उसकी मृत्यु का टीके से कोई संबंध नहीं है। संबंधित ड्राइवर को मृत्यु से पहले से ऐसा कोई लक्षण था। वहीं, पोस्ट-मॉर्टम रिपोर्ट को लेकर डाउन टू अर्थ से चेरुपल्ली ने कहा कि अभी तक पोस्ट-मॉर्टम रिपोर्ट अभी तक नहीं आई है लेकिन एमआई के स्पष्ट संकेत थे। 

दिवंगत ड्राइवर अपने परिवार में अकेला कमाई करने वाला था। स्वास्थ्य अधिकारी चेरुपल्ली ने कहा कि इम्यूनाइजेशन के बाद विपरीत प्रभावों से बचने के लिए सभी जरूरी प्रोटोकॉल को अपनाया था। निर्मल जिले में कुल 2,919 लोगों का टीकाकरण किया गया है और किसी में सेहत संबंधी कोई दुष्प्रभाव नहीं पड़ा है। 

दो अन्य मृत्यु एक जैसी घटनाएं

तेलंगाना जैसा मामला उत्तर प्रदेश और कर्नाटक में भी हुआ है। 

कर्नाटक के स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि राज्य स्वास्थ्य विभाग के 43 वर्षीय कर्मचारी को भी टीकाकरण के बाद सीने में दर्द हुआ और बाद में वह हृदयाघात का शिकार हो गया।

कर्नाटक के स्वास्थ्य विभाग ने 19 जनवरी, 2020 को जारी अपने बयान में कहा कि 16 जनवरी, 2020 को कर्मचारी को दोपहर एक बजे टीका लगाया गया था। 20 जनवरी, 2020 को सुबह 09:30 सुबह बजे हृदयाघात का शिकार हो गया। उसे हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था जहां सुबह 11:15 बजे उसकी मृत्यु हो गई। वहीं, विभाग ने कहा कि उच्च स्तरीय उपचार उसे मुहैया कराया गया लेकिन इसके बावजूद उसकी जिंदगी बचाई नहीं जा सकी।

कर्नाटक के बल्लारी जिला स्तरीय एईएफआई टीम ने बिना पोस्ट मॉर्टम रिपोर्ट के अपनी रिपोर्ट में कहा कि मृत्यु का कारण मायोक्रैडियल इनफैरक्शन था। संबंधित व्यक्ति को भी कोविशील्ड वैक्सीन लगाई गई थी। 

वहीं यूपी के मुरादाबाद जिले में 52 वर्षीय वृद्ध और जिला अस्पताल में वार्ड ब्वॉय की मौत को पोस्ट मॉर्टम रिपोर्ट के हवाले से हार्ट अटैक और कार्डियोपल्मनरी डिजीज की वजह बताई गई है। संबंधित व्यक्ति की मृत्यु 17 जनवरी को हुई थी और एक दिन पहले उसे कोविशील्ड वैक्सीन लगाई गई थी। 

प्राधिकरण ने इस मृत्यु के टीके से किसी तरह के संबंध होने की अटकलों को नकारा है।