भारत में नॉवेल कोरोनावायरस (कोविड-19) की वैक्सीन लगाने का काम 16 जनवरी से शुरु हो गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कोविड-19 टीकाकरण कार्यक्रम की शुरुआत की। इसके साथ ही अलग-अलग राज्यों में इसकी शुरुआत हुई।
उत्तर प्रदेश में 317 केंद्रों पर लगभग 31 हजार स्वास्थ्य कर्मचारियों को कोरोना वैक्सीन लगाई गई। इस मौके पर नियमित टीकाकरण के महाप्रबंधक डॉ. मनोज शुक्ला ने डाउन टू अर्थ को बताया कि उत्तर प्रदेश को अभी तक कोविशील्ड के 10.55 लाख डोज और कोवैक्सीन के 20 हजार डोज मिले हैं। इन्हें जिलों तक पहुंचा दिया गया है। पहले चरण में प्रदेश के 9 लाख स्वास्थ्यकर्मियों को वैक्सीन लगाई जाएगी। यह स्वास्थ्यकर्मी सरकारी और प्राइवेट दोनों ही अस्पतालों के हैं। दूसरे चरण में करीब 18 लाख फ्रंटलाइन वर्कर्स और तीसरे चरण में 50 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को वैक्सीन लगेगी। प्रदेश में 25 हजार से ज्यादा वैक्सीनेटर और करीब 1.5 लाख फ्रंट लाइन वर्कर्स को ट्रेनिंग दी गई है।
मध्यप्रदेश में टीकाकरण का शुभारम्भ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अगुआई में हुआ, वह गांधी मेडिकल कालेज स्थित कोविड टीकाकरण केंद्र पहुंचे और मध्यप्रदेश के पहले हितग्राही वार्ड बॉय संजय यादव को टीका लगवाया। हालांकि जयप्रकाश अस्पताल में टीकाकरण निर्धारित समय से देर से हुआ, जिससे यहां सबसे पहले टीका लगवाने वाले सुरक्षा कर्मी हरिदेव दुखी हो गए। स्वास्थ्य मंत्री डाक्टर प्रभुराम चौधरी के देर से पहुंचने के कारण यहां देरी होना बताया गया। प्रथम चरण में लगभग 4 लाख 17 हजार हेल्थ केयर वर्कर्स को वेक्सीन लगाने का लक्ष्य रखा गया है, पहले हफ्ते में लगभग 57 हजार हेल्थ केयर वर्कर्स, दूसरे हफ्ते में 177 स्वास्थ्य संस्थाओं से संबद्ध लगभग 55 हजार हेल्थ केयर वर्कर्स का वैक्सीनेशन किया जाएगा।
राजस्थान में मुख्यमंत्री आवास से वैक्सीनेशन कार्यक्रम की शुरूआत की गई। समारोह में सबसे पहला टीका सवाई मानसिंह अस्पताल के अधीक्षक डॉ. सुधीर भंडारी को लगाया गया। प्रदेश में टीकाकरण के लिए 167 स्थानों का चयन किया गया है। केंद्र की तरफ से इसके लिए 5.63 लाख डोज राजस्थान को मिले हैं। स्टेट वैक्सीन स्टोर, जयपुर में सिरम इंस्टीट्यूट की कोविसिल्ड के 4.43 लाख, भारत बायोटेक की 20 हजार डोज और उदयपुर में 1.05 लाख कोविसिल्ड (सीरम इंस्टीट्यूट) के डोज पहुंचे हैं। 16 जनवरी को प्रदेश में 16500 हेल्थवर्कर्स को टीका लगाया जाना है। कोविड सॉफ्टवेयर पर अब तक 4,87,381 हेल्थ वर्कर्स का डेटा अपलोड किया जा चुका है। इसमें से 6758 हेल्थ वर्कर्स केन्द्रीय चिकित्सा संस्थानों में काम करने वाले हैं। इसके अलावा 1,01,761 फ्रंटलाइन वर्कर का डेटा भी कोविन सॉफ्टवेयर पर अपलोड किया गया है।
उत्तराखंड में पहले दिन 3400 स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं का टीकाकरण का लक्ष्य रखा गया। राज्य के सभी 13 जिलों में 34 स्थानों पर वैक्सीनेशन प्वाइंट बनाया गया। दून अस्पताल में स्टाफ नर्स गोविंद सिंह ने आज कोरोना वैक्सीन लगवाई। उनका कहना है कि वैक्सीन लगने के बाद उन्हें कोई दिक्कत नहीं हुई। उन्होंने सामान्य महसूस किया। टीकाकरण होने पर उन्होंने खुशी जतायी। गोविंद कहते हैं कि हम अस्पताल में काम करते थे और कोविड मरीजों के ज्यादा नज़दीक रहते थे। इस दौरान अस्पताल के कई कर्मचारी संक्रमित भी हुए लेकिन अब उन्हें बहुत राहत महसूस हो रही है।
दून अस्पताल में कर्मचारी कुलदीप बौड़ाई भी वैक्सीन लगने के बाद संतुष्ट नज़र आए। उन्होंने बताया कि आज सुबह उन्हें एसएमएस के जरिये जानकारी मिली। कुलदीप कहते हैं कि पहले डर लगता था लेकिन वैक्सीन आने से उत्साहित महसूस कर रहे हैं कि अब वे पूरी तरह सुरक्षित हैं। वैक्सीनेशन के बाद उन्होंने सामान्य महसूस किया। दून अस्पताल में सफाई कर्मचारी मीनाक्षी कहती हैं कि वह पहले से डरी हुई थी इसलिए वैक्सीनेशन के बाद भी उसे घबराहट महसूस हो रही थी। मीनाक्षी समेत अस्पताल के अन्य सफाई कर्मी भी वैक्सीन के लिए अपनी बारी का इंतज़ार कर रहे हैं। मीनाक्षी बताती हैं कि उनके वरिष्ठ ने उन्हें जानकारी दी थी कि पहले डॉक्टर, नर्स और वार्ड ब्वॉय का टीकाकरण किया जाएगा। उसके बाद सफ़ाई कर्मचारियों की बारी आएगी। वह पिछले 8 महीने से यहां सफाई कर्मचारी के तौर पर काम कर रही हैं। लेकिन अब सामान्य महसूस कर रही हैं।
हिमाचल प्रदेश में कोविड-19 टीकाकरण की शुरूआत शनिवार को शिमला समेत 12 जिलों के 27 चिन्हित स्थानों से हुई। हिमाचल में वैक्सीन की पहली खुराक हिमाचल के सबसे बड़े अस्पताल इंदिरा गांधी मेडिकल काॅलेज में सफाई कर्मचारी हरदीप सिंह और दूसरी खुराक आईजीएमसी के एमएस डाॅ जनक राज को दी गई। वैक्सीन देने के पहले चरण के पहले दिन 27 केंद्रों में 2529 लोगों को टीका लगाया गया।
झारखंड में पहला टीका रांची के सदर अस्पताल में यहां के फीजियोथिरेपी डिपार्टमेंट की सफाईकर्मी मरियम गुड़िया को लगा। मरियम ने कहा कि मेरा एक 10 साल का लड़का है। हर रोज अस्पताल आना होता है। कोविड के समय में जब अस्पताल आती थी तो अपने बेटे के लिए डर लगता था। टीका लगने के बाद कोई दिक्कत नहीं हुई है। एकदम नॉर्मल हूं। डेढ़ घंटे के बाद भी किसी प्रकार की कोई परेशानी नहीं हुई है। वहीं दूसरा टीका निजी अस्पताल मेडिका के डॉक्टर विजय मिश्रा को लगा। वहीं, राज्य प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. अजीत ने बताया कि को-विन एप को लेकर कोई खास परेशानी फिलहाल नहीं है. लेकिन कभी-कभी यह स्लो काम करता है, जिससे काम के रफ्तार पर थोड़ा असर पड़ता है. उन्होंने यह भी बताया कि यह बाकि वैक्सिनेशन कार्यक्रम की तरह ही है, फर्क बस इतना है कि इसमें तकनीकी का दखल ज्यादा है. क्योंकि कई चीजें उसमें अपलोड करनी होती है, रजिस्ट्रेशन जैसी प्रक्रियाएं शामिल हें।
झारखंड से आनंद दत्ता