स्वास्थ्य

भारत के 127 जिलों में हालात बिगड़े, कोरोना से होने वाली मौतें राष्ट्रीय औसत से अधिक

भारत में कोविड-19 के 51 मामलों में एक मृत्यु हो रही है। 127 जिलों में यह अनुपात राष्ट्रीय औसत से अधिक है। आइए जानते हैं कि किस जिले में हैं क्या हालात

Rajit Sengupta, Kiran Pandey

भारत में कोविड-19 के मामले जिस तेजी से बढ़ रहे हैं, उसे देखते हुए कर्व के समतल होने की गुंजाइश फिलहाल नजर नहीं आती। संक्रमण के मामले में भारत विश्व में तीसरे और मृत्यु के मामले में चौथे स्थान पर आ गया है। देश में भले ही मृत्युदर कई विकसित देशों से कम हो और रिकवरी को उपलब्धि के तौर पर देखा जा रहा है लेकिन बड़ी संख्या में रोजाना आ रहे मामले हालात को बेकाबू बना रहे हैं।

इसके उलट राज्य और केंद्र सरकार आंकड़ों की बाजीगरी से यह दिखाने की कोशिश कर रही हैं कि हालात नियंत्रण में है लेकिन वस्तुस्थिति किसी से छुपी नहीं है। 

सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट (सीएसई) और डाउन टू अर्थ का विश्लेषण बताता है कि भारत में 51 मामलों में औसतन एक मौत हो रही है लेकिन 127 जिलों में स्थिति राष्ट्रीय औसत से बुरी है। 15 राज्यों में फैले इन 127 जिलों में कोरोना के मामलों और मृत्यु का अनुपात राष्ट्रीय औसत से अधिक है। महाराष्ट्र के चार, गुजरात के दो, मध्य प्रदेश के तीन और उत्तर प्रदेश के एक जिले में यह अनुपात सबसे खराब है। गुजरात के अरावली और मध्य प्रदेश के उज्जैन जिले में  कोविड-19 के 16 मामलों में एक मृत्यु हो रही है। यह सबसे खराब अनुपात है। अहमदाबाद में 17 मामलों में एक मृत्यु हो रही है जबकि महाराष्ट्र के मुंबई और मध्य प्रदेश के बुरहानपुर में यह औसत 18 है।   

हैरानी की बात यह है कि सात राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने जिलावार डाटा जारी नहीं किया है। इनमें दिल्ली, गोवा, तेलंगाना और अंडमान-निकोबार द्वीप समूह शामिल हैं।