स्वास्थ्य

64 फीसदी ज्यादा घातक है यूके में मिला कोरोनावायरस बी.1.1.7

Lalit Maurya

यूके में मिला कोरोनावायरस बी.1.1.7, पहले के कोरोनावायरस की तुलना में करीब 64 फीसदी ज्यादा घातक है| यह वायरस पिछले वायरस की तुलना में कहीं ज्यादा तेजी से फैल सकता है इस बात की पुष्टि पहले ही हो चुकी है| अब यूनिवर्सिटी ऑफ एक्सेटर और ब्रिस्टल के वैज्ञानिकों द्वारा किए शोध ने वायरस के इस नए वैरिएंट बी.1.1.7 को पहले सामने आए वैरिएंट की तुलना में कहीं ज्यादा जानलेवा माना है| इससे जुड़ा शोध 10 मार्च 2021 को ब्रिटिश मेडिकल जर्नल में प्रकाशित हुआ है| गौरतलब है कि यह नया वैरिएंट यूके समेत दुनिया के 50 से भी ज्यादा देशों में पहुंच चुका है, जिनमें भारत भी शामिल है|

ब्रिटिश अधिकारियों ने पहले ही इस वेरिएंट के बारे में चेतावनी दी थी कि यह पिछले वैरिएंट की तुलना में कहीं अधिक संक्रामक है, वहीं ब्रिटेन में किए कई अन्य अध्ययनों के आधार पर इसे 40 फीसदी अधिक घातक माना था|

यह वायरस यूके के केंट में सितम्बर 2020 में सामने आया था, चूंकि यह बड़ी आसानी और तेजी से फैल सकता है इस वजह से वहां जनवरी 2021 में फिर से लॉकडाउन करना पड़ा था| इसकी गंभीरता को समझने के लिए शोधकर्ताओं ने अक्टूबर 2020 से जनवरी 2021 के बीच हर आयु वर्ग के, दोनों ही वैरिएंट के 54,906 अलग-अलग मामलों का विश्लेषण किया है| इसमें रोगियों की आयु, लिंग जैसे कई कारकों का मिलान किया गया था|

इस तुलनात्मक अध्ययन से पता चला है कि इस नए वैरिएंट बी.1.1.7 से मृत्यु की सम्भावना दूसरे वैरिएंट की तुलना में 64 फीसदी ज्यादा थी| जहां इस नए वैरिएंट बी.1.1.7  के प्रति हजार मामलों पर मरने वालों की संख्या 4.1 थी, जबकि अन्य वैरिएंट में मरने वालों की संख्या 2.5 दर्ज की गई थी|

यूनिवर्सिटी ऑफ ब्रिस्टल से जुड़े इस शोध के वरिष्ठ शोधकर्ता लियोन डैनन ने बताया कि "हमने अपने विश्लेषण में उन मामलों पर ध्यान केंद्रित किया जो नवंबर 2020 और जनवरी 2021 के बीच सामने आए थे| कोरोनावायरस बड़ी तेजी से म्युटेट हो सकता है और यही चिंता की सबसे बड़ी वजह है| मुमकिन है कि इस वायरस के नए वैरिएंट सामने आ जाएं जो वैक्सीन के प्रति रेसिस्टेंट हों| यही वजह है कि भविष्य में सार्वजनिक स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए नए वैरिएंट की निरंतर निगरानी करना जरुरी है|

हमें समझना होगा कि महामारी का यह दौर अभी खत्म नहीं हुआ है, दुनिया भर में अभी भी 2.2 करोड़ लोग इस बीमारी से ग्रस्त है| वहीं अब तक कुल 11.8 करोड़ मामले सामने आ चुके हैं जबकि 26 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है| साथ ही 9.43 करोड़ लोग इस बीमारी से अब तक उबर चुके हैं| यदि भारत की बात करें तो देश में मामलों की संख्या बढ़कर 112,85,561 पर पहुंच चुकी है। इस संक्रमण से अब तक 158,189 लोगों की मृत्यु हो चुकी है जबकि देश भर में 109,38,146 मरीज ठीक हो चुके हैं।