स्वास्थ्य

कोरोनावायरस: देश के सबसे साफ शहर इंदौर में तीसरा चरण शुरू होने के संकेत!

मध्यप्रदेश के 34 मामलों में से लगभग आधे मामले (19) इंदौर शहर में ही हैं। 27 मार्च को मिले चार नए मरीजों का विदेश यात्रा का कोई इतिहास नहीं पाया गया

Manish Chandra Mishra

इंदौर से मार्च 22 को हुए जनता कर्फ्यू के दौरान उल्लंघन की सबसे अधिक तस्वीरें सामने आई थी। लोग शाम पांच बजे के बाद सड़कों पर उतर आए थे जिसके बाद जिला प्रशासन ने 200 लोगों पर वीडियो के आधार पर मामले दर्ज किए। इस मामले के बाद स्वच्छता अभियान के मामले में जागरूक देश के सबसे साफ शहर इंदौर की छवि का काफी नुकसान हुआ था। स्वच्छता सर्वेक्षण में इंदौर लगातार तीन वर्ष से नंबर एक पर है। इंदौर नोवेल कोरोना वायरस को लेकर एक बार फिर सूर्खियों में है। इसकी वजह यहां तेजी से आ रहे पॉजिटिव केसों की संख्या है। जिला प्रशासन के मुताबिक अबतक इंदौर में 199 संदिग्ध मामलों की जांच हुई है जिसमें से 19 लोग कोरोना से संक्रमित पाए गए। इनमें से दो लोगों की मृत्यु भी हो गई है।

इंदौर शहर मध्यप्रदेश की व्यवसायिक राजधानी होने की वजह से यहां विदेश और देश के प्रमुख शहरों में लोगों का आवागमन काफी है। शहर में लगभग 30 लाख की आबाजी होने का अनुमान है जिस वजह से बाजार में काफी भीड़भाड़ रहती है।

इंदौर में तेजी से बढ़ रहे मामलों को लेकर सवाल उठता है कि क्या इस शहर में कोरोना वायरस सामुदायिक प्रसार के स्तर तक पहुंच गया है। यह सवाल इसलिए क्योंकि इंदौर में जिन चार नए मरीजों की पुष्टि मार्च 27 को हुई हैं उनमें से सभी किसी मरीज की चपेट में आए हैं और किसी का भी कोई विदेश यात्रा का इतिहास नहीं रहा है। इंदौर से बाहर जा रहे लोगों में भी वायरस का संक्रमण मिल रहा है। इंदौर से राजस्थान के डूंगरपुर पहुंचे पिता-पुत्र पॉजिटिव मिले हैं। डूंगरपुर निवासी 38 वर्षीय पिता इंदौर की सोडा वैन में काम करता है और 25 मार्च को ही 8 साल के बेटे के साथ अपने गांव पहुंचा था। चार नए मरीजों में 60 ‌वर्षीय मरीज श्रीनगर कांकड़ के रहने वाले हैं। इनका कोई विदेश यात्रा का इतिहास नहीं मिल रहा है। वहीं, एक अन्य मरीज कोयला बाखल (42) के लिए आशंका जताई जा रही है कि वो किसी मरीज के संपर्क में आई है। 23 वर्षीय एक युवक भी संक्रमित है जिसका कोई विदेश यात्रा का इतिहास नहीं मिल रहा है। हालांकि उनके रिश्तेदार को यह संक्रमण था। इंदौर में कोरोना वायरस से पहली मृत्यु 26 मार्च को 65 वर्षीय महिला की हुई। मृतक का विदेश यात्रा का कोई इतिहास अबतक सामने नहीं आया है। न ही किसी कोरोना के मरीज से संपर्क में आने का पता चल पाया है।  

क्या हैं प्रशासन के इंतजाम

जिला प्रशासन के मुताबिक वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए जिले में कोरोना पॉजिटिव पाए गए मरीजों के निवास स्थल को एपिसेंटर घोषित किया गया है। इनके तीन किलोमीटर परिधि का एरिया कंटेन्मेंट एरिया घोषित किया गया है। शहर के प्रमुख इलाकों में (सोडियम हाईपोक्लोराईट का छिड़काव किया जा रहा है। शहर में भीड़ को कंट्रोल करने के लिए ऑड इवन फार्मूला तय किया गया है। यहां से ही कर्फ्यू लागू है। इस बीच सामान लेने के लिए भी बड़ी संख्या में लोगों के निकलने पर दिल्ली की तर्ज पर ऑड इवन फार्मूला तय कर दिया है। दो दिन ऑड-ईवन लागू रहने के बाद 30 मार्च को कोई भी वाहन बाहर नहीं निकलेंगे। 31 मार्च को ऑड और 1 अप्रैल को ईवन नंबर वाले वाहन आ सकेंगे। प्रशासन की तमाम कोशिशों के बावजूद इंदौर के जरूरी सामान बेचने वाले बाजारों में भीड़-भाड़ कम नहीं हो पा रही है। मध्यप्रदेश सरकार ने मार्च 28 को इंदौर के कलेक्टर लोकेश जाटव और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रुचि मिश्र का तबालता कर दिया। अब इंदौर के नए कलेक्टर मनीष सिंह और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक हरिनारायणचारी मिश्रा होंगे।