स्वास्थ्य

कोरोनावायरस: दुनिया भर में दिसंबर 2020 में सामने आए सबसे अधिक मामले

आंकड़े बताते हैं कि कोरोना समाप्त होने की बजाय बढ़ रहा है और दिसंबर 2020 में सबसे अधिक मामले सामने आए हैं

Rajit Sengupta

कोरोनावायरस (कोविड-19) महामारी ने हमें कई बातें सिखाई हैं, जिनमें दुनिया के लोगों का भाग्य एक दूसरे के साथ जुड़े होने की बात भी शामिल है। दशकों से, इंसान दुनिया के प्रभावी आकार को अपने पासपोर्ट के आकार तक घटाने को लेकर अपनी पीठ थपथपाता रहा है। पिछली सदी के कई आत्म संतुष्ट वैज्ञानिक और सामाजिक इतिहासों की शुरुआत पृथ्वी की परिधि को एक सूत्र में बांधने के लिए चंद्रमा की गति को चुनौती देने की क्षमता के साथ होती रही है।

कोविड-19 ने इन पुरस्कारों और आत्म अभिवादन की कमजोरी को जगजाहिर कर दिया है। जब हम वैज्ञानिक उपलब्धियों के आधार पर दुनिया को देखते हैं तो हमें सभ्यतागत असंतोष का प्रभाव नजर आता है। अप्रत्याशित रूप से, अपनी पूर्ववर्ती महामारियों की तुलना में कोविड महामारी लगभग एक साथ दुनिया भर में पांव पसारने में कामयाब रही है और एक साल की निराशा के बावजूद यह बीमारी थमने का नाम नहीं ले रही है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने ठीक एक साल पहले चीन में वायरस का पहला मामला दर्ज किया था। 2020 के अंतिम दिन भी उसका प्रकोप लगभग बेरोकटोक जारी है। दिसंबर में वैश्विक स्तर पर 1.86 करोड़ नए मामले दर्ज किए गए, जो किसी एक महीने में सबसे बड़ा आंकड़ा है। पूरे साल की बात करें तो इस दौरान कुल लगभग 8.2 करोड़ मामले दर्ज किए जा चुके हैं। वैश्विक स्तर पर 3,21,000 लोगों की मृत्यु के साथ दिसंबर में यह वायरस सबसे ज्यादा जानलेवा भी साबित हुआ है। अभी तक यह वायरस कुल 18 लाख लोगों की जिंदगियां छीन चुका है।

दिसंबर में, उत्तरी अमेरिका में 35 प्रतिशत मामले दर्ज किए गए, उसके बाद यूरोप (32 प्रतिशत) और एशिया (21 प्रतिशत) का नंबर रहा। समग्र रूप से यूरोप में 28 प्रतिशत मामलों, उसके बाद उत्तरी अमेरिका (27 प्रतिशत) और एशिया (25 प्रतिशत) के नंबर के साथ कहानी बदल जाती है।

दुर्भाग्यशाली 51

दिसंबर में दर्ज किए गए 1.86 करोड़ मामलों में से 59 लाख मामले संयुक्त राज्य अमेरिका में दर्ज किए गए, उसके बाद तुर्की (15 लाख), ब्राजील (12 लाख), रूस (7.9 लाख), भारत (7.8 लाख), यूनाइटेड किंगडम (7.6 लाख), जर्मनी (6 लाख), इटली (4.7 लाख), फ्रांस (3.5 लाख) और उक्रेन (3 लाख) का नंबर रहा। दिसंबर में कुल मामलों में 68 प्रतिशत हिस्सेदारी 10 देशों की रही।

इनमें से पांच देशों- यूएस, तुर्की, रूस, यूके और जर्मनी में दिसंबर में सबसे ज्यादा मामले दर्ज किए गए। इन पांच के अलावा 46 अन्य देशों में दिसंबर में अधिकतम मामले दर्ज किए गए। इनमें से, 31 देशों में दिसंबर में सबसे ज्यादा मौत दर्ज की गईं। दिसंबर में ज्यादा मामले दर्ज होने के कारण इन 51 देशों में से ज्यादातर में जनवरी में सबसे ज्यादा मृत्यु दर रहने की आशंका रहेगी। इस महीने में इटली, स्विट्जरलैंड और ऑस्ट्रिया सहित 11 अन्य देशों में सबसे ज्यादा लोगों की मृत्यु हुई।

भारत की कहानी

1 करोड़ से ज्यादा मामलों के साथ भारत, अमेरिका के बाद दूसरा सबसे ज्यादा प्रभावित देश बना हुआ है। वास्तव में, भारत में दूसरे सभी एशियाई देशों की तुलना में ज्यादा मामले दर्ज किए गए हैं। एक मात्र सांत्वना की बात यह है कि जून से अभी तक पहली बार दिसंबर में भारत में 10 लाख से कम (7.8 लाख) मामले दर्ज किए गए। देश में अगस्त और सितंबर में दुनिया में सबसे ज्यादा मामले दर्ज किए गए थे। दिसंबर में, मामलों के लिहाज से भारत पांचवां सबसे ज्यादा प्रभावित देश था। महामारी के चलते देश में कम से कम 1,48,000 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें से सिर्फ दिसंबर में ही 10,000 लोगों की मौत हो गई थी।

कोविड मुक्त नववर्ष की आशा के साथ शुभकामनाएं देने वालों के लिए, हकीकत यही है कि दुनिया का अभी तक वायरस से जूझना एक बड़े झटके जैसा है। नए और परिवर्तित रूप के साथ यूके में वायरस के नए स्ट्रेन के सामने आने के साथ, हम इंसान द्वारा इस सूक्ष्म वायरस को परास्त करने की सिर्फ उम्मीद ही कर सकते हैं। अभी तक, गुजरे वर्ष की तुलना में परिणाम स्थिर रहने के साथ यह हार और जीत के बीच की स्थिति नजर आती है।