केंद्र सरकार ने स्पष्ट किया है कि कोरोनावायरस वैक्सीन स्वैच्छिक होगा, इसके लिए किसी को बाध्य नहीं किया जाएगा। सरकार ने यह भी कहा है कि दुनिया के अन्य देशों की तरह भारत में दी जाने वाली वैक्सीन भी प्रभावी होगी।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से कोरोना वैक्सीन से संबंधित सभी जरूरी प्रश्नों का उत्तर दिया गया है। इसमें कहा गया है कि देश के हर नागरिक को वैक्सीन लेना चाहिए, लेकिन इसके लिए बाध्य नहीं किया जाएगा।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह भी कहा है कि वैक्सीन की दूसरी डोज लेने के दो सप्ताह बाद शरीर में एंटीबॉडी डेवलप होते हैं, जिससे किसी वायरस से सुरक्षा की जा सकती है।
कैसे दी जाएगी वैक्सीन
मंत्रालय के मुताबिक, सबसे पहले स्वास्थ्य कर्मचारियों और फ्रंट लाइन वर्कर्स को वैक्सीन दी जाएगी। इसके बाद 50 साल से अधिक उम्र वाले लोगों को वैक्सीन दी जाएगी। इसके बाद आम लोगों को उनके रजिस्टर्ड मोबाइल फोन पर एसएमएस भेजकर उन्हें वैक्सीन देने के लिए बुलाया जाएगा, ताकि भीड़भाड़ से बचा जा सके।
मंत्रालय ने सलाह दी है कि बेशक वैक्सीन के लिए बाध्य नहीं किया जाएगा, लेकिन अपनी व अपने परिवार की सुरक्षा के लिए लोगों को कोरोना की वैक्सीन लेनी चाहिए।
सीरम की वैक्सीन लैब टेस्ट में सफल
नेशनल लैबोरेट्री फॉर टेस्टिंग वैक्सीन के क्वालिटी टेस्ट में सीरम इंस्टिट्यूट की कोरोना वैक्सीन कोविशील्ड पास हो गई है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ड्रग कंट्रोलर की मंजूरी मिलने के बाद यह वैक्सीन बाजार में आ जाएगी।
ऑक्सफोर्ड की वैक्सीन के नतीजे
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा तैयार की जा रही वैक्सीन के बारे में बयान जारी कर कहा है कि कोरोनावायरस वैक्सीन का बूस्टर डोज मरीजों में एंटीबॉडी बनाने में सफल रहा है। जिन्हें डबल डोज दी गई है, उनमें सिंगल डोज की तुलना में उन मरीजों की रोग प्रतिरोधक क्षमता ज्यादा बेहतर देखी गई है।
सिंगापुर में मंजूरी
उधर सिंगापुर में फाइजर बायोएनटेक के कोरोनावायरस वैक्सीन को मंजूरी दे दी गई है। हालांकि यहां भी वैक्सीन लगवाना लोगों के लिए स्वैच्छिक रखा गया है।