स्वास्थ्य

राहत भरी खबर, अफ्रीका में कम हो रहे हैं कोविड-19 के मामले

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि अफ्रीका में कोविड-19 के मामलों में पहली बार साप्ताहिक मामलों में खासी गिरावट दर्ज की गई है

DTE Staff


कोविड-19 महामारी को लेकर अफ्रीका से एक राहत भरी खबर आई है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने 20 जनवरी 2022 को कहा कि अफ्रीका में कोविड-19 के मामलों में पहली बार साप्ताहिक मामलों में खासी गिरावट दर्ज की गई है।

डब्ल्यूएचओ के मुताबिक 16 जनवरी को समाप्त सप्ताह में नए रिपोर्ट किए गए मामलों में 20 प्रतिशत की गिरावट देखी गई, जबकि मौतों में भी 8 प्रतिशत की गिरावट आई।

यहां यह उल्लेखनीय है कि दक्षिण अफ्रीका में सबसे पहले ओमिक्रॉन वेरिएंट के मामले सामने आए थे। जिसकी वजह से वहां तेजी से कोविड-19 के मामले बढ़े थे, लेकिन अब पिछले चार सप्ताह से ओमिक्रॉन के मामलों में भी कमी आई है।

अफ्रीका के शेष सभी महाद्वीप में मामलों में कमी आई है, लेकिन केवल केवल उत्तरी अफ्रीका में कोविड-19 के मामलों में 55 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई।

संयुक्त राष्ट्र की वेबसाइट के मुताबिक डब्ल्यूएचओ के अफ्रीका के क्षेत्रीय निदेशक डॉ. मत्शिदिसो मोएती ने यह जानकारी देते हुए बताया कि पिछली लहर के मुकाबले वर्तमान लहर मामलों के बढ़ने, उच्च स्तर तक पहुंचने और फिर कमी आने में काफी अंतर देखा गया, लेकिन इतना जरूर रहा कि वर्तमान लहर के दौरान मामलों की गंभीरता कम रही, मौतें कम हुई और अस्पताल में भर्तियां भी कम हुई।

उन्होंने कहा कि जब तक वायरस के संक्रमण का प्रसार जारी है, तब तक महामारी की दूसरी लहर आने की आशंका बनी रहेगी। इनसे बचने के लिए अफ्रीका को न केवल टीकाकरण को व्यापक बनाना चाहिए, बल्कि लोगों के जीवन को बचाने और इस महामारी से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए समानता की दृष्टिकोण अपनाना होगा, ताकि सब लोगों को इलाज मिल सके।

अब तक के आंकड़े बताते हैं कि दुनिया के अन्य देशों के मुकाबले अफ्रीका महाद्वीप में मृत्य अनुपात सबसे अधिक है। और यहां मेडिकल ऑक्सीजन की उपलब्धता एक चुनौती बनी हुई है।

मोइती ने कहा कि जिस तरह अफ्रीका को वेक्सीन के मामले में भेदभाव का सामना करना पड़ा, उसी तरह दवाओं और इलाज के मामले में भी अफ्रीका से भेदभाव पूर्ण रवैया नहीं अपनाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि सब तक जांच, वेक्सीन और इलाज पहुंचाने से ही महामारी से निपटने का सबसे आसान रास्ता है और दुनिया के किसी भी क्षेत्र को इससे वंचित नहीं रखा जाना चाहिए।

अफ्रीका में भले ही वेक्सीन की आपूर्ति बढ़ रही है, लेकिन अभी भी वहां टीकाकरण की दर कम बनी हुई है। अब तक यहां की आबादी के कुल 10 प्रतिशत हिस्से को ही टीका लग पाया है। मोइती के अनुसार पूरी आबादी तक पहुंचने के लिए टीकाकरण में तेजी लाने के लिए महत्वपूर्ण प्रयासों की आवश्यकता है।