स्तन कैंसर से वैश्विक स्तर पर निपटने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन ( डब्ल्यूएचओ ) ने नौ मार्च को एक नए अभियान की शुरुआत की। इस अभियान का मकसद 2040 तक स्तन कैंसर से होने वाली मौतों को ढाई फीसद कम करना है। इस अभियान का फोकस कम आय वाले देशों में 2040 तक वैश्विक स्तर पर स्तन कैंसर से होने वाली 25 लाख मौतों को कम करना है, जहां इस बीमारी से निपटने की गति तुलनात्मक तौर पर धीमी है।
डब्ल्यूएचओ की विज्ञप्ति के मुताबिक, अभियान में मदद के लिए वह जल्द ही ‘हियरिंग द काॅल आफ वीमन विद ब्रेस्ट कैंसर’ नाम से एक इवेंट की मेजबानी करेगा, जिसमें वैश्विक कैंसर समुदाय के सामने अभियान को पेश किया जाएगा।
संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य संबंधी इकाई (डब्ल्यूएचओ) ने बताया, ज्यादातर उच्च आय वाले देशों में
स्तन कैंसर मरीजों का परीक्षण 80 फीसद तक बढ़ाने से उनकी उम्र पांच साल तक बढ़ जाती है। भारत के लिए यह आंकड़ा 66 फीसद और दक्षिण अफ्रीका के लिए 40 फीसद है। कैंसर पर शोध करने वाली एक इंटरनेशनल एजेंसी की दिसंबर 2020 में जारी रिपोर्ट के मुताबिक, महिलाओं में कैंसर से होने वाली हर छठी मौत स्तन कैंसर से होती है, और दुनिया में परीक्षण के बाद पाए जाने वाले सबसे काॅमन कैंसर में अब इसने लंग कैंसर को पीछे छोड़ दिया है।
डब्ल्यूएचओ का लक्ष्य दुनिया भर की सरकारों को स्तन कैंसर के परीक्षण और इसके इलाज के तंत्र को मजबूत बनाने में दिशा देना है, जिससे कि वे दूसरी तरह के कैंसर से निपटने की क्षमता भी विकसित कर सकें। डब्ल्यूएचओ इसके लिए संयुक्त राष्ट्र की अन्य एजेंसियों और अपने अन्य सहयोगी संगठनों के साथ सामंजस्य बनाएगा।
अभियान का नेतृत्व करने जा रहे बेन एंडरसन के मुताबिक, ‘ वैश्विक सहयोगियों, विशेषज्ञों और अन्य संगठनों को अभियान के जरिए संचालित किया जाएगा, जिससे वे स्तन कैंसर के इलाज के लिए पहले से चल रही गतिविधियों की पड़ताल कर सकें, विस्तृत कार्ययोजना तैयार कर सकें और अलग-अलग सेक्टरों में काम कर सकने वाले वर्किंग समूहों को तैयार कर सकें।
इसमें स्तन कैंसर का समय से परीक्षण, उसके व्यापक इलाज और जरूरी देखभाल जैसी चीजें शामिल होंगी। स्तन कैंसर को नियंत्रित करने के लिए दुनिया भर के विशेषज्ञों का एक साथ आने की संभावना बहुत ज्यादा है। ऐसा इसिलए क्योंकि हम जो हासिल कर सकते हैं, उसे लेकर हम काफी उत्साहित हैं । ’
अभियान के जरिए इसमें शामिल देशों को स्तन कैंसर से जुड़ी घटनाओं पर आधारित एक तकनीकी पैकेज दिया जाएगा। इसे ऑनलाइन लर्निंग प्लेटफार्म के अलावा अन्य तरह के सिस्टम से जोड़ा जाएगा, जिसके अगले साल से शुरू होने की उम्मीद है। इस पैकेज में डब्ल्यूएचओ के कैंसर से निपटने के पहले के तरीकों और उत्पादों को शामिल किया जाएगा, जिससे कि स्तन कैंसर से निपटने के लिए दुनिया भर में एक व्यापक कार्ययोजना बनाई जा सके।
इसी कड़ी में डब्ल्यूएचओ और इंटरनेशनल एटामिक एनर्जी एजेंसी द्वारा मार्च में संयुक्त रूप से प्रकाशित जर्नल ‘ टेक्निकल स्पेसीफिकेशंस ऑफ रेडियोथिरैपी इक्विपमेंट फाॅर कैंसर ट्रीटमेंट’ कैंसर से निपटने में रेडियोथिरैपी उपकरणों के उपयोग और उनके इंतजामों को दिशा देता है। जर्नल, वैश्विक स्तर पर स्तन कैंसर के अभियान के विकास और उसकी उपलब्धियों को भी रेखांकित करता है।
स्तन कैंसर से लड़ने में वैश्विक स्तर पर योगदान देने वाले प्लेटफार्म, एबीसी ग्लोबल एलायंस की महासचिव एगुइलर के मुताबिक, ‘स्तन कैंसर की जंग जीतने वाली महिला और एक वकील के तौर पर मैं डब्ल्यूएचओ के नए अभियान को लेकर उत्साहित हूं,। इससे इस बीमारी से लड़ रही दुनिया भर की हजारों महिलाओं के जीवन में फर्क पड़ेगा।’