प्रतीकात्मक फोटो: निशा दत्ता और अविजीत साधु आईस्टॉक माध्यम से 
स्वास्थ्य

बिहार में बर्ड फ्लू: स्कूली बच्चों को दोपहर के भोजन में नहीं मिलेंगे अंडे

बिहार के तीन जिलों में बर्ड फ्लू की पुष्टि के बाद स्कूलों में मिड-डे-मील में दिए जाने वाले अंडों पर रोक लगा दी गई है

Mohd Imran Khan

बिहार सरकार ने 11 मार्च, 2025 को पटना, भागलपुर और जहानाबाद जिलों में बर्ड फ्लू की पुष्टि के बाद एहतियाती कदम उठाते हुए सरकारी स्कूलों में हजारों बच्चों को दिए जाने वाले मध्याह्न भोजन (मिड- डे-मील) में अंडा देने पर रोक लगा दी है।

राज्य शिक्षा विभाग के एक अधिकारी ने 12 मार्च को बताया कि बर्ड फ्लू के बढ़ते मामलों के कारण केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय द्वारा बिहार सहित सभी राज्यों को जारी किए गए अलर्ट के बाद यह कदम उठाया गया।

प्राथमिक शिक्षा और मिड-डे-मील निदेशक साहिला ने कहा, "अंडों की जगह सेब या केले जैसे मौसमी फल दिए जाएंगे। स्थिति सामान्य होने के बाद विभाग संबंधित जिला अधिकारियों को सूचित करेगा कि अंडे को फिर से कब शामिल करना है।"

बिहार में 70,000 से अधिक स्कूलों में मिड-डे-मील योजना लागू की गई है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार 70,202 स्कूलों में मिड-डे-मील परोसा जाता है। इस योजना के तहत औसतन एक करोड़ बच्चे प्रतिदिन पका हुआ भोजन खाते हैं।

राज्य सरकार मिड-डे-मील योजना के तहत कक्षा 1 से 8 तक के स्कूली छात्रों को हर शुक्रवार को अंडे उपलब्ध कराती है। शाकाहारी छात्रों को मौसमी फल दिए जाते हैं। प्राथमिक विद्यालय शिक्षा के विशेषज्ञों ने कहा कि बर्ड फ्लू के कारण हजारों स्कूली बच्चे, जिनमें से अधिकांश गरीब पृष्ठभूमि से हैं, पोषण के एक समृद्ध स्रोत अंडे से वंचित रह जाएंगे।

स्कूली छात्रों को प्रोटीन प्रदान करने और अन्य स्वास्थ्य लाभों के लिए मिड-डे-मील में अंडे शामिल किए गए थे। राज्य में बर्ड फ्लू की आशंका के चलते सरकार ने कई उपाय शुरू किए हैं। साथ ही जनता से अपील की है कि वे घबराएं नहीं। पिछले सप्ताह अधिकारियों ने संवेदनशील स्थानों पर मुर्गियों और बत्तखों को मारने का आदेश दिया, जो संक्रमित क्षेत्रों के 1 किलोमीटर के दायरे में हैं।

पिछले कुछ दिनों में अकेले भागलपुर में 3,000 से अधिक मुर्गियों को मारा गया है और सैकड़ों अंडे नष्ट किए गए हैं। सरकार ने स्थानीय मीडिया के माध्यम से लोगों से मौजूदा स्थिति को देखते हुए चिकन और अंडे खाने से बचने की अपील भी की है।

सरकारी अस्पतालों को अलर्ट रहने, एहतियात बरतने और बुखार, नाक बहने और सांस फूलने की शिकायत लेकर आने वाले मरीजों का रक्त परीक्षण कराने के बाद उनका इलाज करने का निर्देश दिया गया है।

27 फरवरी, 2025 को पटना में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के परिसर में मुर्गियां मृत पाई गईं। उनके नमूने जांच के लिए भोपाल स्थित राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशु रोग संस्थान भेजे गए। स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, जांच के नतीजों से पुष्टि हुई कि पक्षियों की मौत बर्ड फ्लू या एच5एन1 से हुई है।

बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने कहा कि राज्य में बर्ड फ्लू की पुष्टि के बाद स्वास्थ्य विभाग स्थिति पर नजर रख रहा है।

पटना स्थित संजय गांधी जैविक उद्यान व चिड़ियाघर अलर्ट पर है और पक्षियों और जानवरों की सुरक्षा के लिए एहतियाती कदम उठाए गए हैं, जैसे पक्षियों के पिंजरों के पास कीटनाशकों का छिड़काव किया जा रहा है।

पड़ोसी झारखंड में भी बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई है और इसके प्रसार को रोकने के लिए मुर्गियों और बत्तखों को मारना शुरू कर दिया गया है।