स्वास्थ्य

बिहार में स्वाइन फ्लू के 11 मामले, प्रशासन सतर्क

Pushya Mitra

इन दिनों पूरी दुनिया के तरह बिहार भी कोराना वायरस के संक्रमण के खतरे का सामना कर रहा है। हालांकि इस दौरान बिहार में अब तक कोरोना वायरस से संक्रमित एक भी मरीज के मिलने की पुष्टि नहीं हुई है, मगर इसी दौरान राज्य के 11 लोगों में स्वाइन फ्लू की पुष्टि हो गयी है। भागलपुर और रोहतास जिले में पिछले कुछ दिनों में 340 से अधिक सूअरों की मौत हो गयी है, इससे भी स्वाइन फ्लू तेजी से फैलने की आशंका गहरा गयी है। इस बीच राज्य के पटना और गया में कौओं की संदिग्ध परिस्थितियों में मौतें हुईं, उनमें से एक कौवे में बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई है। हालांकि पशुपालन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि अभी तक राज्य में बिक रहे चिकन में कहीं से बर्ड फ्लू होने की जानकारी नहीं मिली है।

गुरुवार को पटना स्थित आरएमआरआई अस्पताल के निदेशक डॉ प्रदीप दास ने जानकारी दी कि बुधवार को लिए गए स्वाइन फ्लू के 21 सैंपलों में से तीन में और गुरुवार को एक में स्वाइन फ्लू के लक्षण मिले हैं। इस तरह हाल के दिनों में हुए कुल जांच में स्वाइन फ्लू के 11 मामले सामने आये हैं। खबर यह भी है कि कोरोनावायरस के संक्रमण की जांच करा रहे एक युवक को लक्षण न मिलने पर छोड़ दिया गया, मगर बाद में उसमें स्वाइन फ्लू के लक्षण कंफर्म हुए, फिर उसे एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। राज्य में स्वाइन फ्लू फैलने के खतरे की आशंका को इस बात से भी बल मिल रहा है, क्योंकि पिछले कुछ दिनों में राज्य के भागलपुर में 310 से अधिक और रोहतास जिले में 30 के करीब सूअरों की मौत रहस्यमय परिस्थितियों में हो गयी।

हालांकि भागलपुर में सूअरों की रहस्यमय मृत्यु के बारे में वहां के डीएम प्रवण कुमार ने यह कहते हुए स्पष्टीकरण दिया कि उन्हें स्वाइन फीवर हुआ था, स्वाइन फ्लू नहीं। उन्होंने कहा कि भागलपुर नगर निगम को सभी प्रभावित इलाकों को सेनीटाइज करने और शवों को हटाने का निर्देश दिया गया है। इससे भागलपुर और आसपास के कई वार्ड प्रभावित हैं। भागलपुर में तो पिछले तीन दिनों में 78 सूअरों की मौत हो गई। रोहतास में दस दिनों में 30 से अधिक सूअरों की मौत के बाद वहां का प्रशासन इसकी जांच कर रहा है।

इस बीच राज्य में कई जगह से कौओं के संदिग्ध परिस्थितियों में मौत होने की भी खबरें हैं। पटना शहर के कई इलाकों से पिछले दिनों कौओं के मरने के बाद उनके शव की जांच कराई गई तो उसमें एक कौए में बर्ड फ्लू के लक्षण मिले। इसी तरह गया शहर में भी संदिग्ध परिस्थितियों में मृत कौवों के दिखने की खबर मिली है। इन खबरों के बाद राज्य का वन विभाग और पशुपालन विभाग पटना जू और संबंधित इलाकों को सेनिटाइज करने में जुटा है। पशुपालन विभाग का दावा है कि अभी तक किसी पॉल्ट्री उत्पाद में बर्ड फ्लू के लक्षण नहीं मिले हैं।

कोरोना वायरस के संक्रमण के खतरे से भयभीत लोगों ने वैसे भी पॉल्ट्री उत्पादों और मांसाहार का सेवन काफी कम कर दिया है। मगर लगातार स्वाइन फ्लू के मरीज मिलने और कौवों में बर्ड फ्लू की पुष्टि होने से कोरोना वायरस के दौर में बिहार में एक अलग तरह के खतरे के उत्पन्न होने की आशंका बलवती हो गयी है।