असहिष्णुता, भेदभाव और हिंसा का मुकाबला करने के लिए दुनिया भर में संवाद और सहयोग को प्रोत्साहित करने के लिए 1995 में इस दिन की घोषणा की गई थी।  फोटो साभार: आईस्टॉक
राजकाज

आज के दिन क्यों मनाया जाता है अंतर्राष्ट्रीय सहिष्णुता दिवस, महात्मा गांधी से क्या है संबंध?

असहिष्णुता, भेदभाव और हिंसा का मुकाबला करने के लिए दुनिया भर में संवाद और सहयोग को प्रोत्साहित करने के लिए 1995 में इस दिन की घोषणा की गई थी

Dayanidhi

हर साल 16 नवंबर को अंतर्राष्ट्रीय सहिष्णुता दिवस मनाया जाता है। इसका उद्देश्य लोगों में बढ़ती असहिष्णुता से उत्पन्न होने वाली नकारात्मकता के बारे में जागरूकता बढ़ाना था। जिससे शांतिपूर्ण और समावेशी समाजों के निर्माण के लिए एक बुनियादी सिद्धांत के रूप में सहिष्णुता या सहनशीलता पर जोर देने के लिए संयुक्त राष्ट्र महासभा ने इस विचार को सामने रखा।

असहिष्णुता, भेदभाव और हिंसा का मुकाबला करने के लिए दुनिया भर में संवाद और सहयोग को प्रोत्साहित करने के लिए 1995 में इस दिन की घोषणा की गई थी। इस घोषणा में इस बात पर जोर दिया गया कि सहिष्णुता केवल एक नैतिक कर्तव्य नहीं है, बल्कि शांति और सामाजिक सद्भाव के लिए एक कानूनी और राजनीतिक आवश्यकता है।

इसके अलावा उसी साल 16 नवंबर को यूनेस्को द्वारा सहिष्णुता पर सिद्धांतों की घोषणा तैयार की गई थी। संयुक्त राष्ट्र ने 1995 में अंतर्राष्ट्रीय सहिष्णुता दिवस के उपलक्ष्य में महात्मा गांधी की 125वीं जयंती को श्रद्धांजलि देने का फैसला किया।

सहिष्णुता होती क्या है?

'सहिष्णुता' या 'सहनशीलता' शब्द का मतलब किसी चीज को सहना या स्वीकार करना, भले ही वह गलत हो या किसी तरह से अस्वीकार्य हो, लेकिन उसे होने से रोकना नहीं। सहिष्णुता का मतलब है अलग-अलग लोगों और उनके विचारों, विश्वासों और पृष्ठभूमि को समझना और उनका सम्मान करना है।

यह निष्पक्ष और स्वीकार करने के बारे में है, भले ही आप असहमत हों। दूसरी ओर असहिष्णुता इसके विपरीत है, जहां लोग दूसरों के मतभेदों का सम्मान या स्वीकार नहीं करते हैं।

अंतर्राष्ट्रीय सहिष्णुता दिवस 2024 की थीम ‘विश्व भर में सम्मान और समझ को बढ़ावा देना’ है, जैसा कि नाम से पता चलता है, अंतर्राष्ट्रीय सहिष्णुता दिवस का उद्देश्य असहिष्णुता के खतरों के बारे में जन जागरूकता पैदा करना और संस्कृतियों, धर्मों और राष्ट्रीयताओं के बीच आपसी समझ को बढ़ावा देना है।

इस दिन की स्थापना का मुख्य उद्देश्य शैक्षणिक संस्थानों के छात्रों और आम जनता में यह धारणा स्थापित करना था कि सहिष्णुता समाज का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।

अंतर्राष्ट्रीय सहिष्णुता दिवस के लिए यूनेस्को का विषय आज की दुनिया में काफी महत्व रखता है, जहां भेदभाव, नस्लवाद और धार्मिक असहिष्णुता जैसे मुद्दे आम हैं।

अंतर्राष्ट्रीय सहिष्णुता दिवस के मुख्य उद्देश्यों में सहिष्णुता की समझ बढ़ाना और यह कैसे शांतिपूर्ण और स्वागत करने वाले समुदायों को बनाने में मदद कर सकता है।

हर किसी के प्रति खुले, समझदार और दयालु होने की इच्छा का समर्थन करना, चाहे उनकी पृष्ठभूमि या संस्कृति कुछ भी क्यों न हो। लोगों को असहिष्णु, अनुचित और पक्षपाती होने के खतरों के बारे में बताना और सिखाना। मानव अधिकारों के महत्व को बताना और सभी के साथ समान व्यवहार करना।

मानवाधिकारों के सम्मान पर आधारित समाजों का निर्माण करना, जहां भय, अविश्वास और हाशिए पर जाने की जगह, भागीदारी और मतभेदों के प्रति सम्मान हो।

अंतर्राष्ट्रीय सहिष्णुता दिवस पर, उन लोगों द्वारा उत्पन्न बढ़ते खतरे को पहचान करना जो विभाजन का प्रयास करते हैं और संवाद, सामाजिक सामंजस्य और आपसी समझ द्वारा बनाए गए रास्तो पर चलने का संकल्प करना है।