गांव की महिलाओं ने शुरुआती दो-तीन वर्षों तक अपने स्तर और संसाधनों से जंगल की सफाई और बाड़बंदी की। इसी दौरान महिलाएं सिल्वी पाश्चर के विकास के लिए काम कर रहे गैर लाभकारी संगठन बाइफ के संपर्क में आईं। सिल्वी पाश्चर व्यवस्था में वन और चारागाह को एकीकृत कर कई लाभ लिए जाते हैं। बाइफ ने महिलाओं की जंगल को पुनजीर्वित करने की रुचि को देखते हुए मदद का हाथ बढ़ाया और मानर गांव को अपनी परियोजना में शामिल कर लिया। इस परियोजना के तहत 2003-04 से व्यवस्थित और वैज्ञानिक ढंग से जंगल में गतिविधियां शुरू हुईं।
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