2024 में वायुमंडल में कार्बन डाइऑक्साइड (सीओटू) का उत्सर्जन रिकॉर्ड स्तर पर बढ़ गया है। यह बात कीलिंग कर्व ने कही है। इसके अनुसार वास्तव में यह जंगल में लगी आग और मानवजनित उत्सर्जन के कारण हुआ है। इसने पिछले सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं।
2024 के लिए औसत सीओटू सांद्रता पिछले वर्ष की तुलना में 3.58 पार्ट पर मिलियन (पीपीएम) अधिक थी। यह 3.41 पीपीएम के पिछली बार हुई रिकॉर्ड वृद्धि को पार कर गया है।
ध्यान रहे कि यूसी सैन डिएगो के स्क्रिप्स इंस्टीट्यूशन ऑफ ओशनोग्राफी के अनुसार 21 जनवरी 2025 तक सीओटू का स्तर 427.1 पीपीएम तक पहुंच गया था। यह वर्षों के मुकाबले सबसे अधिक है।
स्क्रिप्स में सीओटू निगरानी कार्यक्रम का नेतृत्व करने वाले राल्फ कीलिंग ने एक बयान में इस अभूतपूर्व वृद्धि में एल नीनो की महती भूमिका पर विशेष रूप से जिक्र किया। एल नीनो तब होता है जब मध्य और पूर्वी प्रशांत महासागर में सतह का तापमान औसत से ऊपर बढ़ जाता है।
कीलिंग का कहना था कि हालांकि यह अल नीनो घटना 2024 में जल्दी समाप्त हो गई लेकिन अक्सर ऐसा होता है कि अल नीनो घटनाएं सामान्य सीओटू वृद्धि से जुड़ी हुई होती हैं जो अल नीनो घटना के बाद उत्तरी गोलार्ध की गर्मियों तक रहती हैं। उन्होंने कहा कि यह पिछला वर्ष उस पैटर्न में फिट बैठता है लेकिन हो सकता है कि उत्तर और दक्षिण अमेरिका में जंगल की आग ने सीओटू वृद्धि को और बढ़ा दिया है।
जीवाश्म ईंधन का उपयोग सीओटू उत्सर्जन को बढ़ाने में योगदान देता है। हालांकि महासागर और भूमि पारिस्थितिकी तंत्र व आग के बीच उत्सर्जन की दर में उतार-चढ़ाव होता है। स्क्रिप्स ने कहा है कि सीओटू का स्तर न केवल सालों में यह सर्वाधिक है बल्कि यह रिकॉर्ड तेजी से भी बढ़ रहा है।
कीलिंग के अनुसार संख्याएं इस बात की पुष्टि करती हैं कि ग्रह पहले से कहीं अधिक तेज गति से अज्ञात क्षेत्र में प्रवेश कर रहा है क्योंकि इसकी वृद्धि तेज हो रही है। ध्यान रहे कि जंगल की आग ने 2024 में सीओटू के स्तर में रिकॉर्ड वृद्धि को बढ़ाया है।
ध्यान रहे कि ये परिणाम कीलिंग और यूनाइटेड किंगडम मेट ऑफिस के वार्षिक सीओटू के वृद्धि पूर्वानुमानों के अनुरूप ही है। बाद के शोधकर्ताओं के अनुसार यह वृद्धि जलवायु परिवर्तन पर आईपीसीसी यानी अंतर-सरकारी पैनल के अनुमानों के विपरीत है, जो कि दीर्घकालिक औसत वैश्विक तापमान को पूर्व-औद्योगिक स्तरों से 1.5 डिग्री सेल्सियस ऊपर सीमित करने के लिए है।
मेट ऑफिस के प्रमुख रिचर्ड बेट्स ने कहा कि वैश्विक तापमान को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित करने के लिए सीओटू वृद्धि को धीमा करना होगा लेकिन वास्तव में इसके विपरीत हो रहा है।
पिछले साल अल नीनो से मिले प्रोत्साहन के बिना भी जीवाश्म ईंधन के जलने और वनों की कटाई के कारण सीओटू की वृद्धि अब आईपीसीसी के 1.5 डिग्री ल्सियस से आगे निकल जाएगी। ध्यान रहे कि स्क्रिप्स की मई 2024 की रिपोर्ट में मार्च 2023 की तुलना में मार्च 2024 में 4.7 पीपीएम की रिकॉर्ड मासिक वृद्धि दर्ज की गई।
इसने 2015-2016 अल नीनो घटना के दौरान दर्ज 4.1 पीपीएम मासिक वृद्धि के पिछले रिकॉर्ड को तोड़ दिया। जंगल की आग ने 2024 में सीओटू के स्तर में रिकॉर्ड वृद्धि की है। 2024 का मासिक औसत जून 2015 से जून 2016 तक 4.1 पीपीएम के पिछले रिकॉर्ड को पार कर गया जब अल नीनो की स्थिति ने वैश्विक मौसम को सर्वाधिक प्रभावित किया है और इसने सीओटू के स्तर को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।