पेड़ों को काट बढ़ता विनाश; प्रतीकात्मक तस्वीर: आईस्टॉक 
जंगल

पेड़ों की अवैध कटाई और मिट्टी बिक्री पर एनजीटी सख्त, हरियाणा सरकार से मांगा जवाब

चरखी दादरी की कदमा पंचायत के सरपंच पर लगे आरोप, अदालत ने समिति रिपोर्ट को बताया “अस्पष्ट और अधूरी”

Susan Chacko, Lalit Maurya

  • नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने हरियाणा सरकार से चरखी दादरी में पेड़ों की अवैध कटाई और मिट्टी बिक्री पर जवाब मांगा है।

  • एनजीटी ने इस मामले में हरियाणा के प्रधान मुख्य वन संरक्षक और अन्य अधिकारियों को नोटिस जारी किया है।

  • अदालत ने जांच समिति की रिपोर्ट को अधूरी बताते हुए दोबारा जांच के आदेश दिए हैं।

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने हरियाणा सरकार से चरखी दादरी जिले की कदमा ग्राम पंचायत में पेड़ों की अवैध कटाई और मिट्टी बेचने के मामले पर जवाब मांगा है। यह आरोप कदमा ग्राम पंचायत के सरपंच पर लगा है।

10 नवंबर 2025 को एनजीटी ने इस मामले में हरियाणा के प्रधान मुख्य वन संरक्षक, चरखी दादरी के वन अधिकारी और हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को भी नोटिस जारी करते हुए एक महीने के भीतर अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।

अदालत ने मामले की निष्पक्ष सुनवाई के लिए कदमा ग्राम पंचायत के सरपंच की मौजूदगी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही, एनजीटी ने इस मामले की जांच कर रही संयुक्त समिति की रिपोर्ट पर नाराजगी जताई है।

अदालत ने रिपोर्ट को “अधूरी, अस्पष्ट और तथ्यहीन” बताया। एनजीटी ने कहा कि समिति ने आवेदक की शिकायतों से जुड़े सभी पहलुओं की सही तरीके से जांच नहीं की और न ही अपने निष्कर्ष स्पष्ट रूप से पेश किए हैं।

ऐसे में अदालत ने संयुक्त समिति को निर्देश दिया है कि वह आवेदक की शिकायत से जुड़े सभी पहलुओं की दोबारा जांच करे और अपने स्पष्ट निष्कर्षों के साथ अतिरिक्त रिपोर्ट दाखिल करे। अदालत ने जांच स्थलों के ड्रोन वीडियो भी रिपोर्ट के साथ प्रस्तुत करने के आदेश दिए गए हैं।

इस मामले में आवेदक महेंद्र सिंह ने अदालत को बताया कि उन पर आवेदन वापस लेने के लिए दबाव बनाया जा रहा है। उनका आरोप है कि बदराह विधानसभा के विधायक उमेद पतवास और उपमंडल अधिकारी (एसडीएम) ने उन्हें धमकाया है। इस पर एनजीटी ने चरखी दादरी के पुलिस अधीक्षक को निर्देश दिया कि वे इन धमकियों की जांच करें और आवेदक की सुरक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाएं।

पश्चिम बंगाल के बनेश्वर शिव दिघी जैव विविधता क्षेत्र में अवैध निर्माण पर एनजीटी सख्त, कार्रवाई के दिए आदेश

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) की पूर्वी पीठ ने पश्चिम बंगाल के कूचबिहार स्थित बनेश्वर शिव दिघी जैव विविधता धरोहर क्षेत्र में किए अतिक्रमण और अवैध निर्माण को हटाने के आदेश दिए हैं। 7 नवंबर 2025 को अदालत ने अधिकारियों से कहा है कि यह कार्रवाई कानूनी प्रक्रिया के तहत की जाए।

अदालत ने संबंधित विभागों को यह भी निर्देश दिया है कि वे इस जैव विविधता क्षेत्र और यहां पाए जाने वाले गंभीर रूप से संकटग्रस्त काले मुलायम खोल वाले कछुए (ब्लैक सॉफ्टशेल कछुए) की सुरक्षा और संरक्षण के लिए ठोस कदम उठाएं। अदालत ने तीन महीने के भीतर इस संबंध में कार्रवाई रिपोर्ट दाखिल करने का भी आदेश दिया है।

कूचबिहार के उपमंडल अधिकारी द्वारा 28 मई 2025 को दाखिल रिपोर्ट में बताया गया है कि क्षेत्र में किया गया निर्माण अवैध है और इसे पुलिस की मदद से हटाया जाएगा।

बनेश्वर शिव दिघी जैव विविधता धरोहर क्षेत्र न सिर्फ धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह दुर्लभ और विलुप्ति के कगार पर पहुंचे काले मुलायम खोल वाले कछुओं का एक महत्वपूर्ण आवास भी है।