यह दिन पर्यावरण संरक्षण पर जोर देता है, क्योंकि बड़े पैमाने पर पशुपालन बहुत ज्यादा संसाधनों की खपत करता है और ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन के लिए जिम्मेवार है।  फोटो साभार: आईस्टॉक
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विश्व शाकाहारी दिवस: जानें शाकाहार के फायदे और महत्व

मौजूदा खाद्य प्रणाली ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन और दुनिया भर में 30 फीसदी से अधिक बीमारियों को बढ़ा कर लोगों के स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाती है

Dayanidhi

जब भी खाने की बात आती है, तो मनुष्य मुख्य रूप से सर्वाहारी होते हैं। सर्वाहारी जो नियमित रूप से पौधों, जानवरों, शैवाल और कवक सहित विभिन्न सामग्रियों का सेवन करता है। दुनिया भर में ऐसे लोग भी हैं जो विभिन्न कारणों से पूरी तरह से शाकाहारी रहते हैं। इसलिए हर साल दुनिया भर में एक अक्टूबर को विश्व शाकाहारी दिवस मनाया जाता है।

यह दिन मांस-मुक्त जीवन शैली को बढ़ावा देने के लिए है और साथ ही पशु अधिकारों, पर्यावरणीय स्थिरता और मानव स्वास्थ्य के लिए भी मुकाबला करने का दिन है। यह शाकाहार और इसके फायदों के बारे में जागरूकता बढ़ाने का दिन है और लोगों को पौधों पर आधारित भोजन अपनाने के लिए प्रोत्साहित करता है।

विश्व शाकाहारी दिवस के इतिहास की बात करें तो इसकी की स्थापना 1977 में उत्तरी अमेरिकी शाकाहारी सोसायटी (एनएवीएस) द्वारा की गई थी और 1978 में अंतर्राष्ट्रीय शाकाहारी संघ द्वारा इसका समर्थन किया गया था। यह 1976 में जॉर्जिया के ओगलथोरपे में एनएवीएस सम्मेलन में सामने आया, जहां प्रतिभागियों ने शाकाहारियों के लिए एक दिन बनाने की मांग की थी। एक अक्टूबर को 1847 में इंग्लैंड में शाकाहारी सोसायटी की स्थापना करने के लिए चुना गया था। तब से, यह दिन सालाना मनाया जाता है और अब एक वैश्विक आंदोलन बन गया है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की एक रिपोर्ट के मुताबिक, यूरोपीय क्षेत्र में, ज्यादा से ज्यादा लोग स्वास्थ्य से संबंधित कारणों के साथ-साथ जलवायु परिवर्तन और पशु कल्याण के बारे में नैतिक विचारों के कारण पौधों पर आधारित आहार की ओर रुख कर रहे हैं। कुछ देशों में आहार पैटर्न में बदलाव अभी-अभी सामने आ रहे हैं, जबकि अन्य में यह प्रवृत्ति तेजी से बढ़ रही है। फिर भी शाकाहारी और शाकाहारी आहार के लंबे समय के स्वास्थ्य प्रभावों पर सबूत अभी भी अधूरे हैं

वहीं, दिसंबर 2023 में कॉप 28 के दौरान एक घोषणा पत्र में, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अध्यक्ष डॉ. टेड्रोस एडनॉम घेब्रेयसस ने दुनिया भर में स्वास्थ्य और जलवायु संकटों से निपटने के लिए पौधों पर आधारित आहार की ओर रुख करने का आह्वान किया।

उन्होंने कहा कि मौजूदा खाद्य प्रणाली ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन और दुनिया भर में 30 फीसदी से अधिक बीमारियों को बढ़ा कर लोगों के स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाती है और पौधों पर आधारित भोजन से सालाना 80 लाख लोगों की जान बच सकती है। उन्होंने आहार में सुधार और जलवायु परिवर्तन को कम करने के लिए नीतियों को लागू करने में देशों का समर्थन करने के लिए संगठन की प्रतिबद्धता को सबके सामने रखा।

विश्व शाकाहारी दिवस पौधे आधारित जीवन शैली के फायदों के बारे में जागरूकता बढ़ाकर पशु कल्याण, पर्यावरण संरक्षण और मानव स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है। यह दिन लोगों को ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने, क्रूरता मुक्त खेती को बढ़ावा देने और समग्र कल्याण में सुधार करने के लिए शाकाहारी जीवन शैली अपनाने के लिए प्रोत्साहित करता है।

यह दिन पर्यावरण संरक्षण पर जोर देता है, क्योंकि बड़े पैमाने पर पशुपालन बहुत अधिक संसाधनों की खपत करता है और ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन के लिए जिम्मेवार है। शाकाहारी जीवन शैली अपनाने से ग्रह का स्वास्थ्य स्वस्थ हो सकता है। साथ ही शाकाहारी भोजन अपनाने से हृदय रोग, स्ट्रोक और कैंसर जैसी बड़ी जानलेवा बीमारियों को कम करने में भी मदद मिल सकती है।