विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस हर साल सात जून को मनाया जाता है। जिसका उद्देश्य दूषित भोजन से होने वाले खतरों को रोकने, उनका पता लगाने और उनका प्रबंधन करने में मदद करने के लिए ध्यान आकर्षित करना और कार्रवाई करना है। जिससे खाद्य सुरक्षा, लोगों का स्वास्थ्य, आर्थिक समृद्धि, कृषि, बाजार तक पहुंच, पर्यटन और सतत विकास में योगदान मिलता है।
इस बात को सभी जानते हैं कि पर्याप्त मात्रा में सुरक्षित भोजन तक पहुंच जीवन को बनाए रखने और अच्छे स्वास्थ्य के लिए जरूरी है। भोजन के कारण होने वाली बीमारियां आमतौर पर संक्रामक या विषाक्त प्रकृति की होती हैं। अक्सर इन्हें आप खुली आंखों से नहीं देख सकते हैं, जो दूषित भोजन या पानी के द्वारा शरीर में प्रवेश करने वाले बैक्टीरिया, वायरस, परजीवी या रासायनिक पदार्थों के कारण होती हैं।
विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस 2024 का विषय है “खाद्य सुरक्षा: अप्रत्याशित के लिए तैयार रहें, जो डब्ल्यूएचओ के अनुसार, “खाद्य सुरक्षा घटनाओं के लिए तैयार रहने के महत्व पर जोर देता है, चाहे उनके खतरे हल्के या भयानक ही क्यों न हो।”
संयुक्त राष्ट्र की मानें तो हर साल दूषित भोजन के कारण होने वाली बीमारियों के लगभग 60 करोड़ मामले सामने आते हैं। असुरक्षित भोजन मनुष्य के स्वास्थ्य और अर्थव्यवस्थाओं के लिए खतरा है, जो कमजोर और हाशिए पर रहने वाले लोगों, विशेष रूप से महिलाओं और बच्चों, संघर्ष से प्रभावित आबादी और प्रवासियों को असमान रूप से प्रभावित करता है।
दुनिया भर में हर साल लगभग 4,20,000 लोग दूषित भोजन खाने से मर जाते हैं। हर साल पांच साल से कम उम्र के 40 फीसदी बच्चे दूषित भोजन के कारण बीमार पड़ते हैं, जिसमें से 1,25,000 की मौत हो जाती है।
डब्ल्यूएचओ के मुताबिक, दुनिया भर में हर साल दस में से एक व्यक्ति दूषित भोजन का सेवन करने के कारण बीमार पड़ता है। दूषित भोजन खाने से 200 से अधिक बीमारियां होती हैं।
हाल के अनुमानों से पता चलता है कि असुरक्षित भोजन के कारण निम्न और मध्यम आय वाली अर्थव्यवस्थाओं को हर साल उत्पादकता में लगभग 95 बिलियन अमेरिकी डॉलर का नुकसान होता है।
खाद्य एवं कृषि क्षेत्रों में अच्छी स्वच्छता प्रथाओं से खाद्य जनित बीमारियों के पैदा होने और फैलने को कम करने में मदद मिलती है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) और खाद्य एवं कृषि संगठन (एफएओ) इस दिन को मनाने के लिए अन्य देशों और समूहों के साथ मिलकर काम करते हैं। यह अंतर्राष्ट्रीय दिवस यह सुनिश्चित करने के प्रयासों को मजबूत करने का अवसर है कि हम जो भोजन खाते हैं वह सुरक्षित है, सार्वजनिक एजेंडे में खाद्य सुरक्षा को मुख्यधारा में लाया जाए और दुनिया भर में दूषित भोजन के कारण होने वाली बीमारियों को कम किया जाए।
विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस के इतिहास की बात करें तो इसकी शुरुआत दिसंबर 2018 में संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा की गई थी और इसे पहली बार सात जून, 2019 को मनाया गया था। यह खाद्य सुरक्षा से संबंधित मुद्दों का सामना करने और उनसे निपटने तथा दूषित भोजन से होने वाले खतरों पर लगाम लगाने की आवश्यकता के बारे में जनता में जागरूकता बढ़ाने के लिए एक दिन के रूप में समर्पित किया गया था।