खान-पान

दुनिया में 15.5 करोड़ लोग कर रहे जबरदस्त खाद्य संकट का सामना, पांच वर्षों में सबसे ज्यादा बुरे हालात अब

Lalit Maurya

2020 के दौरान दुनिया के 55 देशों के करीब 15.5 करोड़ लोग गंभीर रूप से खाद्य संकट का सामना कर रहे हैं जोकि पिछले वर्ष की तुलना में 2 करोड़ ज्यादा है| इससे पहले 2019 में करीब 13.5 करोड़ लोग गंभीर खाद्य संकट का सामना कर रहे थे| यह जानकारी आज संयुक्त राष्ट्र द्वारा आज जारी नई रिपोर्ट 2021 ग्लोबल रिपोर्ट ऑन फूड क्राइसिस में सामने आई है| यही नहीं रिपोर्ट के मुताबिक गंभीर रूप से खाद्य संकट का सामना कर रहे लोगों का यह आंकड़ा अपने पिछले पांच वर्षों के उच्चतम स्तर पर पहुंच चुका है|

यदि खाद्य सुरक्षा की स्थिति देखी जाए तो अफ्रीका में स्थिति सबसे ज्यादा खराब थी| गंभीर रूप से खाद्य संकट का सामना कर रहे हर तीन में से दो लोग अफ्रीका से ही सम्बन्ध रखते हैं| 2020 में अकेले अफ्रीका महाद्वीप में रहने वाले 9.8 करोड़ लोग गंभीर खाद्य संकट का सामना कर रहे थे| हालांकि यमन, अफ़ग़ानिस्तान, हैती और सीरिया जैसे देशों में भी स्थिति कोई खास अच्छी नहीं है| यह सभी देश भी गंभीर खाद्य संकट का सामना करने वाले 10 प्रमुख देशों में शामिल थे| वहीं अकेले बुर्किना फासो, दक्षिण सूडान और यमन के करीब 133,000 लोगों की स्थिति सबसे ज्यादा खराब थी जिन्हें भुखमरी से बचाने के लिए तुरंत मदद की जरुरत है| यदि ऐसा न हुआ तो उनका जीवन और जीविका संकट में पड़ जाएगी|

यदि इस रिपोर्ट में शामिल 55 देशों की बात करें तो वहां रहने वाले बच्चों की स्थिति भी ज्यादा अच्छी नहीं है, वो इस खाद्य संकट का दबाव झेल रहे हैं| 2020 में यहां रहने वाले पांच वर्ष से कम उम्र के करीब 7.5 करोड़ बच्चे स्टंटिंग का शिकार थे| जिसका मतलब है कि वो अपनी उम्र के अन्य बच्चों के लिहाज से काफी छोटे थे, जबकि 1.5 करोड़ बच्चे वेस्टिंग का शिकार थे, जिसका मतलब है कि वो बच्चे अपनी ऊंचाई के लिहाज से काफी पतले थे|

जलवायु परिवर्तन, कोविड-19 और संघर्ष के कारण बिगड़ी स्थिति

रिपोर्ट की मानें तो इस गंभीर खाद्य असुरक्षा की स्थिति के लिए जलवायु परिवर्तन, संघर्ष और कोरोना महामारी के कारण उपजा आर्थिक संकट मुख्य रूप से जिम्मेवार था|

रिपोर्ट के अनुसार 2020 में इस खाद्य संकट का सबसे बड़ा कारण आपसी संघर्ष और तनाव था जिसके चलते करीब 10 करोड़ लोग प्रभावित हुए थे| वहीं 2019 में संघर्ष ने 7.7 करोड़ लोगों को गंभीर खाद्य संकट को झेलने के लिए मजबूर कर दिया था| जिसका मतलब है कि उसमें 30 फीसदी का इजाफा हुआ है|

जहां 2019 में जलवायु परिवर्तन और उसके कारण आई आपदाएं खाद्य संकट का दूसरा बड़ा कारण थी वो 2020 में कोरोना महामारी के चलते तीसरे स्थान पर पहुंच गई हैं| 2020 में महामारी के कारण उपजे आर्थिक संकट के चलते 17 देशों में करीब 4 करोड़ लोग गंभीर खाद्य संकट का सामना करने को मजबूर थे| यह आंकड़ा 8 देशों में 2019 में 2.4 करोड़ था|

जिस तरह से इस महामारी ने दुनिया भर में अर्थव्यवस्थाओं को नुकसान पहुंचाया है| उसके चलते खाद्य संकट और बढ़ जाएगा| ऐसे में 2030 तक 850 करोड़ की आबादी का पेट भरने और उन्हें पोषण देने के लिए पहले के मुकाबले कहीं ज्यादा ध्यान देना होगा|

वहीं जलवायु परिवर्तन के कारण आने वाले आपदाओं ने 1.5 करोड़ लोगों को भुखमरी के कगार पर जाने के लिए मजबूर कर दिया था जबकि 2019 में यह संख्या 3.4 करोड़ थी| हालांकि रिपोर्ट का अनुमान है कि 2021 में संघर्ष और तनाव के चलते बड़ी संख्या में लोग खड़ा संकट का सामना करने को मजबूर हो जाएंगें| इसके बावजूद जलवायु परिवर्तन और उसके कारण आने वाली आपदाओं को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता|