अरविंद ऋतुराज
पंजाब में अफीम की खेती को मान्यता देने की मांग काफी जोर पकड़ रही है। अफीम की खेती करने वाले किसानों का कहना है कि वे उसी दल या उम्मीदवार को वोट देंगे, जो उनकी इस मांग को समझेगा और भरोसा देगा कि जीतने के बाद वे इस मुद्दे को उठाएंगे और अफीम की खेती को वैधता दिलाएंगे।
इस मुद्दे पर स्थानीय किसान संगठन संगरूर में धरना भी दे चुके हैं, बल्कि स्थानीय सांसद धर्मवीर गांधी भी उनका समर्थन कर चुके हैं।
किसानों का कहना है कि पारम्परिक खेती में किसानों को फायदा नहीं हो रहा है, ऐसे में यदि वे अफीम की खेती करते हैं तो उनका मुनाफा बढ़ जाएगा। क्योंकि अफीम की डिमांड दवा उद्योगों में काफी हैं। दर्द निवारक दवा के रूप में अफीम का एक सीमित मात्रा में इस्तेमाल किया जाता है। यदि सरकार अफीम की खेती की इजाजत दे देती है तो किसान पारम्परिक खेती छोड़ कर यह खेती कर सकते हैं।
नशाखोरी पर अध्ययन कर रहे पंजाबी विश्वविद्यालय के शोध छात्र जगमोहन सिंह ने बताया कि अफीम की खेती को मान्यता देकर पंजाब में सिंथेटिक और मेडिकल नशा की भयावह स्थिति को भी कुछ हद तक कम किया जा सकता है। उनका मानना है कि नशाखोरी की लत को रातोंरात खत्म नहीं किया जा सकता है। इसके प्रभाव को धीरे-धीरे क्रमबद्ध तरीक से ही कम किया जा सकता है। अफीम की खेती को मान्यता देना इसी क्रम का एक व्यावहारिक और प्रभावी हिस्सा हो सकता है।
उन्होंने कहा कि कुछ साल पहले तक किसान इस बात को नहीं जानते थे कि अफीम की खेती करना अवैध था, और वे अफीम की खेती करते थे, तब तक सिंथेटिक जैसे घातक नशे का प्रचलन नहीं था। अफीम की लत सिंथेटिक और मेडिकल ड्रग की तुलना में बहुत ही कम घातक है। साथ ही, इसके आर्थिक पहलू भी पंजाब के हित में है। इसलिए किसानों की इस मांग को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
वहीं, क्षेत्र के किसान किसान बेअंत सिंह का कहना है कि पंजाब में दिनों दिन भूजल स्तर गिरता जा रहा है, जिससे धान की खेती प्रभावित हो रही है। जबकि अफीम की खेती में पानी की जरूरत काफी कम होती है। इसलिए अफीम की खेती को मान्यता देनी चाहिए, ताकि पंजाब का किसान का फसल विविधीकरण की ओर बढ़े।
2014 में आम आदमी पार्टी की टिकट पर चुनाव जीत चुके धर्मवीर गांधी संसद में इस मामले को प्राइवेट बिल के तौर उठा चुके हैं। उनका कहना है कि इस पर विचार किया जाना चाहिए और कुछ शर्तों के साथ अफीम की खेती का मान्यता दे देनी चाहिए। अब वह पंजाब डेमोक्रैटिक एलाएंस के तहत नवां पंजाब पार्टी के उम्मीदवार के रूप में पटियाला से चुनाव लड़ रहे हैं।