भारत में चार मार्च को राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस (एनएसडी) मनाया जाता है। यह दिन हर उद्योग के लिए सुरक्षा और एहतियाती उपायों को प्राथमिकता देने के महत्व पर जोर देता है। इसका उद्देश्य एक सुरक्षित और स्वस्थ वातावरण बनाना है और यह सुनिश्चित करना है कि हर कोई उन सुरक्षा दिशा-निर्देशों से अवगत हो जिनका हर कंपनी पालन करती है।
हर कंपनी को एक सुरक्षित और स्वस्थ वातावरण बनाने की जरूरत है। कंपनी को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हर कोई सुरक्षा दिशा-निर्देशों से भली भांति अवगत हो। यह दिन राष्ट्रीय सुरक्षा सप्ताह की शुरुआत का भी प्रतीक है, जो जीवन के सभी क्षेत्रों में सुरक्षा को बढ़ावा देने का एक प्रयास है।
श्रम मंत्रालय ने भारतीय राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद (एनएससी) की स्थापना की और राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस की शुरुआत 4 मार्च 1966 में हुई। राष्ट्रीय सुरक्षा, सार्वजनिक स्वास्थ्य और पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देना इसका इस दिन का उद्देश्य रहा है।
इसकी स्थापना के सात साल बाद यानी 1972 में पहली बार राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस मनाया गया। आज पर्यावरण, काम करने वाली जगह, स्वास्थ्य और सड़क से जुड़े सभी सुरक्षा नियमों के बारे में लोगों की जानकारी बढ़ाने का दिन है।
साल 2000 में, राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद को बॉम्बे पब्लिक ट्रस्ट अधिनियम, 1950 के अंतर्गत एक सार्वजनिक ट्रस्ट के रूप में पंजीकृत किया गया था। लोगों को सुरक्षा उपायों और नीतियों के बारे में शिक्षित करने के लिए विभिन्न कार्यक्रम और पहल आयोजित की जाती हैं।
राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस 2025 की थीम "विकसित भारत के लिए सुरक्षा और कल्याण महत्वपूर्ण है"। यह राष्ट्र के विकास में सुरक्षा की अहम भूमिका को सामने लाती है, क्योंकि देश की प्रगति न केवल उसके आर्थिक या औद्योगिक विकास से मापी जाती है, बल्कि उसके लोगों की सुरक्षा और कल्याण से भी मापी जाती है।
काम करने वाली जगह पर उचित स्वास्थ्य सुनिश्चित करने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस मनाना जरूरी है। हर एक कर्मचारी को अपने रोजगार से संतुष्ट होने के लिए, सुरक्षा के प्रति सक्रिय नजरिया विकसित किया जाना चाहिए, साथ ही कार्यस्थल पर खतरों को पहचानने और दुर्घटनाओं और खतरनाक स्थितियों और पदार्थों के संपर्क में आने को कम करने की रणनीति भी होनी चाहिए।
सुरक्षित रूप से काम करने की प्रतिबद्धता से आने वाले भारतीय श्रमिकों के लिए एक सकारात्मक उदाहरण बनता है। हर एक कर्मचारी को सुरक्षित रूप से काम करने और अपनी आजीविका को बनाए रखने के बीच चयन करने में सक्षम होना चाहिए और सुरक्षा को हमेशा पहले स्थान पर रखना चाहिए।