प्रतीकात्मक तस्वीर: आईस्टॉक 
पर्यावरण

तंजावुर पटाखा फैक्ट्री हादसा: पर्यावरण नियमों के उल्लंघन पर एनजीटी में उठे सवाल

द हिन्दू में 19 मई, 2025 को प्रकाशित खबर के आधार पर इस मामले में अदालत ने स्वतः संज्ञान लिया है। खबर के मुताबिक नैवेली थेनपथी गांव में एक अवैध पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट में दो लोगों की मौत हो गई है

Susan Chacko, Lalit Maurya

तमिलनाडु के तंजावुर जिले के नैवेली थेनपथी गांव में अवैध पटाखा इकाई में हुए विस्फोट पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने 29 मई, 2025 को गंभीर चिंता जताई है। कोर्ट ने कहा कि यह घटना पर्यावरण नियमों के उल्लंघन और लागू कानूनों के पालन में भारी चूक को दर्शाती है।

घटना पर स्वतः संज्ञान लेते हुए एनजीटी की दक्षिणी बेंच ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी), तंजा वुर के जिला कलेक्टर और तमिलनाडु प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को नोटिस जारी करने का निर्देश दिया है। इन सभी से हलफनामे के माध्यम से जवाब दाखिल करने को कहा गया है।

यह मामला अंग्रेजी अखबार द हिन्दू में 19 मई, 2025 को प्रकाशित खबर के आधार पर दर्ज किया गया है। खबर के मुताबिक नैवेली थेनपथी गांव में एक अवैध पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट हुआ, जिसमें दो लोगों की मौत हो गई है।

खबर के मुताबिक विस्फोट एक शेड में हुआ, जहां पटाखे बनाए जा रहे थे। धमाके में यह शेड पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। रिपोर्ट के अनुसार यह घटना पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम, 1986 और जन उत्तरदायित्व बीमा अधिनियम, 1991 के प्रावधानों का उल्लंघन को दर्शाती है।

चेन्नई: कैप्टन कॉटन नहर में प्रदूषण पर एनजीटी सख्त, लिया स्वतः संज्ञान

चेन्नई की कैप्टन कॉटन नहर में भारी प्रदूषण की खबर पर संज्ञान लेते हुए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) की दक्षिणी बेंच ने 29 मई, 2025 को तमिलनाडु प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और चेन्नई जिला कलेक्टर को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।

ट्रिब्यूनल ने यह मामला 11 मई, 2025 को डीटी नेक्स्ट में छपी खबर के आधार पर स्वतः संज्ञान लेते हुए दर्ज किया है। खबर में कहा गया है कि चेन्नई में कैप्टन कॉटन नहर गंभीर रूप से प्रदूषित है, जो कचरे की अनियंत्रित डंपिंग और दूषित सीवेज छोड़े जाने की वजह से करीब-करीब बंद हो गई है।

खबर में यह भी जानकारी दी गई है कि सबसे खराब स्थिति एंडरसन रोड के पास, अयनावरम बस स्टैंड के करीब देखी गई, जहां प्लास्टिक और दूसरे कचरे के ढेर ने पानी के बहाव को रोक दिया है। इसके अलावा, नहर में बिना साफ किया सीवेज भी छोड़ा जा रहा है, जिससे इसका पानी और ज्यादा दूषित हो गया है। यह नहर जो कभी उपयोगी जलमार्ग हुआ करती थी, अब बदहाली का शिकार है।

आवेदन में यह भी कहा गया है कि शहर के कुछ इलाकों में कॉर्पोरेट दफ्तरों और रिहायशी इलाकों से निकलने वाला गंदा पानी सीधे जल स्रोतों में छोड़ा जा रहा है और अधिकारी इस पर कोई कार्रवाई नहीं कर रहे।