पर्यावरण

पूर्वी यूक्रेन में 14 लाख लोग पानी से वंचित

Bhagirath

रूस-यूक्रेन युद्ध से पूर्वी यूक्रेन में पानी और बिजली व्यवस्था पर बेहद बुरा असर पड़ा है। यूनिसेफ का कहना है कि छह हफ्ते से जारी संघर्ष के कारण पूर्वी यूक्रेन में 14 लाख लोग पाइप्ड जलापूर्ति से वंचित हो गए हैं। इसके साथ ही पूरे देश के 46 लाख लोगों पर पानी की सप्लाई से महरूम होने का खतरा बढ़ गया है।

यूनिसेफ के अनुसार, अकेले पूर्वी यूक्रेन में 20 अलग-अलग स्थानों पर जल संरचनाओं को नुकसान पहुंचने की जानकारी मिली है। पूर्वी यूक्रेन में भीषण जंग और विस्फोटक हथियारों के व्यापक इस्तेमाल के कारण आगे जलापूर्ति की स्थिति और बदतर होने की आशंका है। बिजली की कटौती से पानी के पंप बंद हो गए हैं और विस्फोटकों से पाइपलाइन को पहुंचे नुकसान के कारण पानी के प्रवाह में बाधा उत्पन्न हो रही है।

यूनिसेफ ने 13 अप्रैल को जारी अपनी विज्ञप्ति में जानकारी दी कि मारियुपोल में हजारों लोग गंदा पानी इस्तेमाल कर रहे हैं। जहां से भी संभव है, वहीं से लोग पानी ले रहे हैं। डोनेट्स्क और लुहांस्क जैसे बड़े शहरों में जलापूर्ति बंद है। यूनिसेफ ने चेताया है कि अगर होरलिवका का जलाशय सूखता है तो अन्य 3.40 लाख लोग पानी की आपूर्ति से वंचित हो जाएंगे।

सूमी और चरनीहीव शहर में मार्च की शुरुआत में ही गंभीर जल संकट शुरू हो गया था और खारकीव की व्यवस्था भी गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हो गई। यूनिसेफ का कहना है कि इन शहरों और युद्धगस्त अन्य इलाकों में तत्काल पानी की व्यवस्था करना बहुत जरूरी है।

यूनिसेफ में यूक्रेन का प्रतिनिधित्व करने वाले मुरत साहिन का कहना है कि संघर्ष वाले क्षेत्रों में रहने वाले बच्चों पर असुरक्षित पानी की वजह से डायरिया से मरने का खतरा 20 गुणा बढ़ जाता है। उन्होंने कहा कि बच्चे जहां भी हों, पानी तक उनकी पहुंच युद्ध के कारण बाधित नहीं होनी चाहिए। बच्चों के लिए यह मामला जीवन और मरण का है।