फोटो: सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट (सीएसई) 
Waste

2.7 लाख मीट्रिक टन से अधिक विरासती कचरे का कर दिया गया है निपटान: हावड़ा नगर निगम

जुलाई 2023 में कोलकाता महानगर विकास प्राधिकरण की मदद से बेलगाचिया डंपिंग ग्राउंड में विरासती कचरे को प्रोसेस करने का काम शुरू किया गया था

Susan Chacko, Lalit Maurya

हावड़ा नगर निगम (एचएमसी) अपने क्षेत्र में कचरा एकत्र करने का काम कुशलतापूर्वक कर रहा है। इसके प्रबंधन के लिए चार कॉम्पैक्टर स्टेशनों की मदद ली जा रही है। गौरतलब है कि जुलाई 2023 में कोलकाता महानगर विकास प्राधिकरण (केएमडीए) के तत्वावधीन बेलगाचिया डंपिंग ग्राउंड में पुराने कचरे को प्रोसेस करने का काम शुरू किया गया था।

इसका लक्ष्य 39 महीनों के भीतर करीब 10 लाख मीट्रिक टन कचरे का प्रसंस्करण करना है। यह जानकारी नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की पूर्वी बेंच द्वारा दिए आदेश पर 11 जून, 2024 को हावड़ा नगर निगम आयुक्त ने अपने हलफनामे में दी है।

हलफनामे में यह भी कहा गया है कि कचरे की जैव-खनन प्रक्रिया शुरू हो गई है, जिसमें वार्डों से अलग किए गए गीले कचरे को संभालने के लिए "बायो-सिटी" स्थापित करने की योजना है। इसके अलावा विरासती कचरे से प्रसंस्करण से निकलने वाली निष्क्रिय सामग्री और आरडीएफ जैसे उप-उत्पादों का निपटान ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियम (एसडब्ल्यूएम) 2016 के अनुसार किया जा रहा है।

जानकारी दी गई है कि बेलगाचिया ट्रेंचिंग ग्राउंड के जोन 3 में 2.7 लाख मीट्रिक टन से अधिक विरासती कचरे का प्रसंस्करण कर लिया गया है। इसकी वजह से 1.74 एकड़ भूमि को कचरा मुक्त कर दिया गया है।

राज्य शहरी विकास एजेंसी ने अलग किए गए गीले कचरे को प्रोसेस करने के लिए 100 टीपीडी क्षमता के बायोगैस प्लांट लगाने की योजना बनाई है। इसके अलावा, यूएनडीपी के तहत 10 मीट्रिक टन क्षमता वाली प्लास्टिक कचरा प्रबंधन परियोजना पहले ही पूरी हो चुकी है और इसे हावड़ा के बेलगाचिया में स्थापित किया गया है।

शहर के आसपास ट्रेंचिंग ग्राउंड के लिए नई जगह खोजने के प्रयास किए गए हैं, हालांकि उपयुक्त भूमि की कमी के चलते यह प्रयास सफल नहीं हुए हैं। हलफनामे के मुताबिक हावड़ा में हर दिन औसतन 670 मीट्रिक टन कचरा निकलता है, लेकिन डंप साइट के लिए कोई उपयुक्त जगह नहीं मिली है।

मौजूदा समय में हावड़ा नगर निगम, पश्चिम बंगाल सरकार, राज्य शहरी विकास एजेंसी और कोलकाता महानगर विकास प्राधिकरण की मदद से बेलगाचिया डंप साइट पर विरासती कचरे का प्रबंधन कर रहा है। इसे प्रोसेस करने के लिए बायो-माइनिंग का उपयोग किया जा रहा है।

ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियम, 2016 के मुताबिक यह तकनीक नए कचरे को प्रोसेस करने के लिए भूमि को पुनः प्राप्त करने में मदद करती है। 11 वार्डों में स्रोत पर ही कचरे को अलग किया जा रहा है। इस योजना को जल्द ही 14 अन्य वार्डों पर लागू कर दिया जाएगा। साथ ही आगे चलकर इस योजना को हावड़ा नगर निगम के सभी 50 वार्डों में लागू करने की योजना है।

वाघोली-भवाडी-लोनीकांड सड़क मार्ग पर की जाएगी वायु गुणवत्ता की निगरानी: एमपीसीबी

महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (एमपीसीबी) ने एनजीटी को सौंपी अपनी रिपोर्ट में जानकारी दी है कि वाघोली-भवाडी-लोनीकांड सड़क क्षेत्र में दौरे के दौरान सड़क पर जगह-जगह नुकसान देखा गया है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि वाहनों की आवाजाही से वहां धूल उड़ रही थी।

रिपोर्ट में इस बात का भी जिक्र किया गया है कि वहां वायु गुणवत्ता की निगरानी और उसकी विस्तृत जांच की जाएगी। महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने अपनी रिपोर्ट में 11 फरवरी, 2024 को पुणे मिरर में छपी एक खबर का जिक्र किया है। इस खबर के मुताबिक वाघोली में रहने वाले 100 से अधिक लोगों ने बिना सुरक्षा के ट्रकों की आवाजाही के खिलाफ रास्ता रोको विरोध प्रदर्शन किया। इन ट्रकों की आवाजाही से न केवल धूल प्रदूषण हो रहा है साथ ही सड़कों को भी नुकसान पहुंचा है, जिससे दुर्घटना का जोखिम बढ़ गया है।

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने वाघोली-भवाडी-लोनीकांड सड़क का दौरा भी किया है, जो पुणे-नगर राजमार्ग से जुड़ती है। जांच दल ने पाया है कि सड़क के आसपास अल्फा लैंडमार्क, पोस्ट लेकसाइड, स्काईवाटर, लेक पैराडाइज सोसाइटी, धवल शिवतीर्थ और डिफेंस कॉलोनी सहित कई आवासीय सोसाइटियां मौजूद हैं। उन्होंने पाया है कि हर घंटे सड़क से 70 से 80 ट्रक और डंपर गुजरते हैं। हालांकि जांच के दौरान धूल उत्सर्जन से बचने के लिए वो तिरपाल से ढंके पाए गए।