स्वच्छ ऊर्जा को तेजी से अपना रहे भारत में उत्तर प्रदेश एक अहम भूमिका निभा रहा है। चीनी उद्योग से निकलने बायोप्रोडक्ट यानी प्रेसमड से लेकर कृषि अवशेष, नगरपालिका का ठोस कचरा और मवेशियों का गोबर जैसे प्रचुर संसाधन राज्य को कंप्रेसड बायोगैस (सीबीजी) का प्रमुख उत्पादक बना सकते हैं।
राज्य में इन आसानी से उपलब्ध फीडस्टॉक्स का उपयोग करके,ऊर्जा आत्मनिर्भरता के लिए प्रयास कर सकता है।
राज्य में इस दिशा में प्रयास भी शुरू कर दिए हैं। राज्य सरकार की नई बायोएनर्जी नीति 2022 काफी प्रगतिशील है और अन्य राज्यों की तुलना में काफी बदलाव किए गए हैं। खासकर बायो एनर्जी प्लांट लगाने वालों को काफी प्रोत्साहन दिया गया है।
आबादी और संसाधन की दृष्टि से देश के बड़े राज्यों में शुमार उत्तर प्रदेश एक मिसाल कायम कर सकता है। डाउन टू अर्थ की एक खास सीरीज फ्यूचर फ्यूल्स के लिए उत्तर प्रदेश के इन प्रयासों की जमीनी पड़ताल की गई, जिसमें कई उत्साहजनक प्रयास दिखाई दिए। इन प्रयासों को आप हमारी इस वीडियो स्टोरी में देख सकते हैं।