दिल्ली सरकार ने राजधानी में स्वच्छ और सस्ती ऊर्जा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से घरेलू उपभोक्ताओं के लिए एक बड़ी घोषणा की है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की अध्यक्षता में 20 मई, 2025 को हुई कैबिनेट बैठक में घरों में रूफटॉप सौर पैनल लगाने पर 1.08 लाख रुपए तक की कुल सब्सिडी देने का फैसला किया गया है। हालांकि, एक्सपर्ट्स मानते हैं कि इसका जमीन पर उतरना इतना आसान भी नहीं होगा।
दिल्ली स्थित थिंक टैंक सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट के रीन्यूबल एनर्जी प्रोग्राम मैनेजर बिनीत दास ने कहा "दिल्ली सरकार द्वारा घरेलू स्तर पर 3 किलोवाट के सौर पैनल लगाने के लिए 30,000 रुपए राज्य द्वारा और 78,000 रुपए केंद्र के द्वारा बढ़ी हुई सब्सिडी देना रूफटॉप सोलर को तेजी से अपनाने की दिशा में एक साहसिक कदम है। हालांकि, इसमें कुछ गंभीर कमियां भी हैं।"
कैबिनेट की मंजूरी के तहत 3 किलोवाट तक की सौर ऊर्जा प्रणाली पर पहले से मिलने वाली 78,000 रुपए की केंद्र सरकार की सब्सिडी के अतिरिक्त अब दिल्ली सरकार की ओर से भी अधिकतम 30,000 रुपए की सीधी वित्तीय सहायता दी जाएगी। यह मुफ्त बिजली योजना - स्टेट टॉप अप के तहत लागू किया जा रहा है, जिसके लिए सरकार ने 50 करोड़ रुपए का बजट आवंटित किया है।
पहले सब्सिडी 2,000 से 10,000 रुपए प्रति किलोवाट के बीच थी, लेकिन अब इसे मानक रूप से 10,000 रुपए प्रति किलोवाट निर्धारित किया गया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा, "दिल्ली सरकार पूरे देश में सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए सबसे अधिक वित्तीय सहायता प्रदान कर रही है।" उन्होंने बताया कि सरकार का लक्ष्य है कि अगले तीन वर्षों में 2.3 लाख घरों पर रूफटॉप सोलर पैनल लगाए जाएं।
दिल्ली सोलर नीति 2023 में हुए इस संशोधन के बाद अब घरेलू उपभोक्ता प्रति माह 30,000 रुपए तक की सब्सिडी का लाभ उठा सकते हैं। इससे बिजली बिलों में भारी कटौती होगी और उपभोक्ता ग्रिड पर अपनी निर्भरता भी कम कर सकेंगे।
सरकार ने यह भी बताया कि इस योजना को अधिक प्रभावशाली और समावेशी बनाने के लिए वित्तीय संस्थानों के साथ साझेदारी की जा रही है, जिससे इच्छुक उपभोक्ताओं को आसान ऋण विकल्प मिल सकें और वे बिना किसी बड़ी प्रारंभिक लागत के सौर ऊर्जा अपनाने में सक्षम हो सकें।
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देने के मामले में दिल्ली सरकार पूरे देश में सबसे अधिक वित्तीय सहायता प्रदान कर रही है। उन्होंने यह भी बताया कि सरकार ने अगले कुछ वर्षों में 2.3 लाख आवासीय रूफटॉप सोलर पावर सिस्टम लगाने का लक्ष्य तय किया है।
मीडिया रिपोर्ट्स में मुख्यमंत्री के हवाले से कहा गया , “सौर ऊर्जा को अपनाना आसान और किफायती बनाने के लिए दिल्ली सरकार वित्तीय संस्थानों के साथ साझेदारी कर रही है ताकि उपभोक्ताओं को आसान ऋण विकल्प उपलब्ध कराए जा सकें।”
दास के मुताबिक, "2.3 लाख इंस्टॉलेशन के लिए तय किया गया 50 करोड़ रुपए का बजट काफी कम है। इसका मतलब है कि प्रति इकाई केवल 2,174 रुपए की राशि ही उपलब्ध होगी यह सरकार द्वारा वादा की गई 30,000 रुपए प्रति परिवार की सब्सिडी से काफी कम है, जिससे वित्तीय घाटे की आशंका पैदा होती है।"
उन्होंने आगे कहा " प्रति माह 4,200 रुपए की बचत का दावा ठोस आंकड़ों से समर्थित नहीं है, जिससे इन लाभों के अतिशयोक्तिपूर्ण होने की आशंका है। तीन वर्षों में 2.3 लाख प्रणालियों की स्थापना के लिए मज़बूत आपूर्ति श्रृंखला और प्रशिक्षित श्रमिकों की जरूरत होगी, अन्यथा लक्ष्य हासिल करना मुश्किल होगा।"