दुनिया में जिस तरह ऊर्जा क्षेत्र में निवेश बढ़ रहा है, 2023 में उसके चलते 25 लाख नए रोजगार पैदा हुए हैं। इस तरह ऊर्जा क्षेत्र अब करीब सात करोड़ लोगों को जीविका दे रहा है।
इंटरनेशनल एनर्जी एजेंसी (आईईए) द्वारा जारी नई रिपोर्ट के मुताबिक ऊर्जा क्षेत्र में 2023 के दौरान नौकरियों में 3.8 फीसदी की वृद्धि हुई है। देखा जाए तो यह आंकड़ा अन्य क्षेत्रों में नौकरियों में हुई 2.2 फीसदी की वृद्धि से अधिक है। ऊर्जा क्षेत्र में जहां नौकरियों में वृद्धि हुई है उनमें ऊर्जा आपूर्ति, बिजली संयंत्र, ऊर्जा दक्षता और वाहन निर्माण जैसे क्षेत्र शामिल हैं।
“वर्ल्ड एनर्जी एम्प्लॉयमेंट रिपोर्ट 2024” के मुताबिक दुनिया में वैश्विक ऊर्जा संकट को ध्यान में रखते हुए जिस तरह स्वच्छ ऊर्जा से जुड़ी तकनीकों पर ध्यान दिया जा रहा है, उसकी वजह से ऊर्जा क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर पैदा हो रहे हैं। हालांकि इस क्षेत्र में कुशल श्रमिकों की कमी अभी भी चिंता का विषय बनी हुई है।
रिपोर्ट में इस बात पर भी प्रकाश डाला है कि दुनिया में स्वच्छ ऊर्जा के साथ-साथ, जीवाश्म ईंधन के क्षेत्र में भी नौकरियों में बढ़ोतरी हुई है। आंकड़ों के मुताबिक जहां 2023 में स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में 15 लाख नए अवसर पैदा हुए। वहीं जीवाश्म ईंधन क्षेत्र में भी नौकरियों में तेजी से वृद्धि हुई है।
गौरतलब है कि 2023 में इस क्षेत्र ने भी 940,000 नए रोजगार सृजित किए हैं। देखा जाए तो नौकरियों में यह वृद्धि दुनिया के करीब-करीब हर क्षेत्रों में दर्ज की गई है। हालांकि इनकी रफ्तार में अंतर रहा है।
उदाहरण के लिए जहां चीन में ऊर्जा क्षेत्र में नौकरियों में जो वृद्धि हुई है, उसमें स्वच्छ ऊर्जा का योगदान 90 फीसदी से भी अधिक है। मतलब की वहां ऊर्जा क्षेत्र की नौकरियों में हुई 90 फीसदी की वृद्धि स्वच्छ ऊर्जा की वजह से थी, जबकि दूसरी तरफ मध्य पूर्व में ऊर्जा क्षेत्र की नौकरियों में हुई 80 फीसदी वृद्धि जीवाश्म ईंधन से जुड़ी थी।
सौर ऊर्जा के क्षेत्र में पैदा हुए पांच लाख नए अवसर
अंतराष्ट्रीय ऊर्जा संगठन के मुताबिक साल दर साल स्वच्छ ऊर्जा से जुड़ी नौकरियों में 4.6 फीसदी की वृद्धि हुई है। हालांकि देखा जाए तो इसमें स्वच्छ ऊर्जा से जुड़े सभी क्षेत्रों का योगदान रहा है, लेकिन सौर ऊर्जा इसमें सबसे आगे है, जिसने 2023 में 500,000 से ज्यादा नए अवसर पैदा किए हैं। हालांकि इस दौरान अन्य क्षेत्रों में वृद्धि जारी रही, लेकिन उन्हें विभिन्न जटिलताओं से जूझना पड़ा है, जिसकी वजह से उनमें प्रगति धीमी रही है।
इसी तरह इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) और बैटरी निर्माण के क्षेत्र में भी रोजगार में वृद्धि हुई है। इस क्षेत्र ने 410,000 नए अवसर पैदा किए हैं। देखा जाए तो इसके लिए कहीं न कहीं दुनिया में इलेक्ट्रिक वाहनों की बढ़ती मांग एक बड़ी वजह है। आज इन गाड़ियों की बिक्री वैश्विक कार बाजार के करीब 20 फीसदी तक पहुंच गई है।
हालांकि यह उद्योग बढ़ती लागतों और वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धा जैसी चुनौतियों का सामना कर रहा है। वहीं दूसरी तरफ कुछ पवन ऊर्जा कम्पनियों में छंटनी हुई, लेकिन रिकॉर्ड संख्या में नई परियोजनाओं के निर्माण के चलते उद्योग में कुल मिलाकर नौकरियों में वृद्धि हुई है।
महामारी के बाद अवसरों में वृद्धि के साथ तेल और गैस क्षेत्र ने 2023 में 600,000 से ज्यादा नए रोजगार पैदा हुए हैं। हालांकि कोयला उत्पादन में बेहतर दक्षता के साथ लगातार तीसरे साल कोयला क्षेत्र से जुड़ी नौकरियों में करीब एक फीसदी की गिरावट आई है।
रिपोर्ट में इस बात की भी पुष्टि हुई है कि 2023 के दौरान ऊर्जा क्षेत्र में नौकरियों की वृद्धि मुख्य रूप से विनिर्माण क्षेत्र द्वारा प्रेरित थी। वहीं पिछले वर्षों में निर्माण और स्थापना क्षेत्र में वृद्धि हुई थी। यह बदलाव इसलिए हुआ क्योंकि स्वच्छ ऊर्जा निर्माण में निवेश 70 फीसदी बढ़कर 200 बिलियन डॉलर हो गया है। मतलब की कंपनियां बढ़ती मांग और नई नीतियों को ध्यान में रखते हुए अच्छा-खासा निवेश कर रही हैं।
रिपोर्ट में ऊर्जा क्षेत्र में कुशल श्रमिकों की कमी को लेकर भी चिंता जताई है। यह कमी खासकर उन क्षेत्रों में खल रही है जिनमें विशेष कौशल की आवश्यकता होती है, जैसे कि बिजली ग्रिड और परमाणु ऊर्जा के साथ काम करना।
लगातार दूसरे वर्ष, 27 देशों में किए सर्वेक्षण में शामिल 190 से अधिक ऊर्जा कंपनियों ने कहा कि उनकी योजना नई भर्ती की थी, लेकिन उन्हें योग्य कर्मियों को ढूंढने में कठिनाई का सामना करना पड़ा है। यही वजह है कि रिपोर्ट में कौशल और प्रशिक्षण में अधिक निवेश पर जोर दिया है।
हालांकि कई विकसित अर्थव्यवस्थाओं में निर्माण क्षेत्र में श्रमिकों की कमी हाल के स्तर से घटी है, लेकिन अभी भी श्रमिकों को ढूंढना मुश्किल है, 75 फीसदी कंपनियों ने माना है कि उन्हें योग्य श्रमिक खोजने में संघर्ष करना पड़ा है। इससे मजदूरी बढ़ रही है और यही एक कारण है कि अन्य क्षेत्रों की तुलना में ऊर्जा क्षेत्र में मजदूरी तेजी से बढ़ी है।
प्रारंभिक आंकड़ों को देखते हुए रिपोर्ट में इस बात की भी उम्मीद जताई है कि 2024 के दौरान ऊर्जा क्षेत्र से जुड़ी नौकरियों में तीन फीसदी की वृद्धि हो सकती है, जो पिछले साल की तुलना में कम है। देखा जाए तो इसके लिए कुशल श्रमिकों की कमी, उच्च ब्याज दरें और ऊर्जा परियोजनाओं में नियोजित बदलाव जैसे कारण जिम्मेवार हैं।