ऊर्जा

नए सोलर पैनल डिजाइन से पैदा हो सकती है 10 गुना अधिक सौर ऊर्जा

अक्षय ऊर्जा क्षेत्र लगातार हल्के पदार्थों में सोलर सेल के प्रकाश अवशोषण को बढ़ाने के लिए नए तरीकों की तलाश कर रहा है।

Dayanidhi

सूर्य के प्रकाश का अवशोषण सौर सेल तकनीक के लिए महत्वपूर्ण है। इसलिए नैनो फोटोनिक संरचनाएं उनकी क्षमता में सुधार को लेकर एक बहुत अच्छी तकनीक के रूप में उभरी हैं। एक नए अध्ययन में कहा गया है कि चेकरबोर्ड लाइनों में सौर पैनलों को डिजाइन करने से उनकी सूर्य के प्रकाश को अवशोषित करने की क्षमता 125 फीसदी बढ़ जाती है।

शोधकर्ताओं का कहना है कि पतले, हल्के और अधिक लचीले सौर पैनलों का उत्पादन अधिक हो सकता है, जिनका उपयोग अधिक घरों को बिजली देने में किया जा सकता है।

यह अध्ययन यॉर्क विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं के नेतृत्व में, लिस्बन के नोवा विश्वविद्यालय की साझेदारी में आयोजित किया गया। अध्ययन में जांचा गया कि सोलर सेल में सूर्य के प्रकाश के अवशोषण पर अलग-अलग सतह के डिजाइन ने किस तरह प्रभाव डाला है। यह अध्ययन ऑप्टिका नामक पत्रिका में प्रकाशित हुआ है।

वैज्ञानिकों ने पाया कि चेकरबोर्ड डिज़ाइन से प्रकाश के फैलने में सुधार हुआ, जिसने प्रकाश के अधिक अवशोषित होने की संभावना को बढ़ाया। अवशोषित प्रकाश से ही बिजली बनती है।

अक्षय ऊर्जा क्षेत्र लगातार हल्के पदार्थों में सोलर सेल के प्रकाश अवशोषण को बढ़ाने के लिए नए तरीकों की तलाश कर रहा है। इनका उपयोग छत की टाइलों से लेकर नाव और अलग-अलग जगह लगे उपकरणों तक के उत्पादों में किया जा सकता है।

सोलर ग्रेड सिलिकॉन- का उपयोग सौर सेल बनाने के लिए किया जाता है। यह ऊर्जा उत्पादन करने के लिए सबसे अच्छा है, इसलिए पतले सेल बनाने और सतह के डिजाइन को बदलने से उन्हें सस्ता और अधिक पर्यावरण के अनुकूल बनाया जा सकता है।

भौतिक विभाग से डॉ. क्रिश्चियन शूस्टर ने कहा हमने पतले सोलर सेल के प्रकाश अवशोषण को बढ़ाने के लिए एक सरल तकनीक बनाई है। हमारे अधिक परिष्कृत डिजाइनों ने प्रकाश अवशोषण को बढ़ाया है। गहरे पैनल अधिक प्रकाश को अवशोषित करते है। समतल संरचना के पैनल कम प्रकाश अवशोषित करते है।

डॉ. शूस्टर ने बताया कि हमारा डिजाइन सौर सेल के लिए अधिक प्रकाश अवशोषित करने के सभी प्रासंगिक पहलुओं को पूरा करता है। यह सरल और व्यावहारिक संरचनाओं को बनाने की बात करता है।

यह डिजाइन सौर सेल को पतले, लचीली सामग्री में जोड़ने की क्षमता प्रदान करता है, इसलिए अधिकतर जगहों में सौर ऊर्जा का उपयोग करने का अधिक अवसर पैदा करता है।

अध्ययन से पता चलता है कि डिजाइन सिद्धांत न केवल सौर सेल या एलईडी क्षेत्र में, बल्कि शोर से बचने के लिए ढाल, हवा से न टूटने वाले पैनल, न फिसलने वाली सरफेस, बायोसेंसिंग एप्लिकेशन और परमाणु शीतलन जैसे उपयोगों के लिए भी इसका प्रयोग किया जा सकता है।

डॉ. शूस्टर ने कहा कि इस सिद्धांत से हम अवशोषक सामग्री की समान मात्रा के साथ दस गुना अधिक सौर ऊर्जा उत्पन्न कर सकते है। दस गुना पतली सौर सेल फोटोवोल्टिक्स को तेजी से बढ़ा सकती हैं, जो सौर ऊर्जा उत्पादन में वृद्धि कर सकती हैं, और हमारे कार्बन फुटप्रिंट को कम कर सकती हैं।

सिलिकॉन के कच्चे माल को संसोधित कर ऊर्जा सुचालकता को बढ़ाया जा सकता है, दस गुना पतली सिलिकॉन सेल न केवल आसानी से संसोधित हो जाती हैं, बल्कि इसमें खर्च भी कम होगा, इसलिए एक ऐसी अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा जिसमें पर्यावरणीय जोखिम सबसे कम होंगे।