इन दिनों पूरे जर्मनी के यार्डों और बालकनी की रेलिंग पर सोलर पैनल लटक रहे हैं। फोटो: आईस्टॉक amriphoto.com
ऊर्जा

पहल: जलवायु परिवर्तन से मुकाबले के लिए बॉलकनी में लटकाए सोलर पैनल

Anil Ashwani Sharma

पूरी धरती के लिए सबसे बड़ी चुनौती बन चुके जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए जर्मनी के लोगों ने एक एक अनोखी पहल शुरू की है। यहां के लोगों ने जीवाश्म ईंधन की बजाय सौर ऊर्जा का अधिक से अधिक इस्तेमाल करना शुरू किया और सौर ऊर्जा के उत्पादन के लिए अपने घर की बॉलकनी तक में सोलर पैनल लगाने शुरू कर दिए हैं।

इन दिनों पूरे जर्मनी के यार्डों और बालकनी की रेलिंग पर सोलर पैनल लटकते दिख रहे हैं, जो सस्ते दामों और सरकार द्वारा ढीले किए गए कड़े नियमों के कारण संभव हो पाया है।

ध्यान रहे कि रूस द्वारा यूक्रेन पर आक्रमण करने के बाद जर्मनी में बिजली की कीमतें तेजी से बढ़ गई हैं और अब वे लगभग 25 यूरो सेंट प्रति किलोवाट पर स्थिर हो गई हैं, लेकिन यह यूरोप में सबसे महंगी दर है। यह भी एक बड़ा कारण है कि जर्मनी में तेजी से सौलर पैनल का प्रसार हो रहा है।

न्यूयार्क टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक पूरे जर्मनी में लोग बिना किसी इलेक्ट्रीशियन या भारी औजारों की जरूरत के बिना हल्के सोलर पैनल स्वयं ही लगा रहे हैं। बर्लिन में स्थिरता (सस्टनेबिलिटी) के लिए आयोजित व्यापार मेले में एक ऐसा नया गैजेट तेजी से बिक रहा जो एक सोलर पैनल जितना छोटा था और उसे बालकनी के किनारे लगे तारों पर आसानी से लटका कर लगाया जा सकता है और फिर उसे दीवार के सॉकेट में प्लग करके सीधे अपने घर में सूरज से पैदा होने वाली ऊर्जा पहुंचाई जा सकती है। स्थानीय लोगों का कहना है कि हमे इस बात की बेहद खुशी है कि ऐसी कोई चीज भी बाजार में मौजूद है, जिससे हम अपनी खुद की बिजली पैदा कर सकते हैं और अधिक स्वतंत्र हो सकते हैं।

प्रत्येक हल्के पैनल से केवल एक लैपटॉप चार्ज करने या एक छोटा रेफ्रिजरेटर चलाने के लिए पर्याप्त बिजली मिलती है। लेकिन जर्मनी के घरों की बालकनी में लटकते सोलर पैनल के चलते शांति पूर्वक एक बड़ा परिवर्तन देखने में आ रहा है। और इससे हरित क्रांति को और बढ़ावा मिल रहा है। सबसे बड़ी बात यह है कि इसके लिए उन्हें कोई बड़ा निवेश करने, इलेक्ट्रीशियन को खोजने या भारी उपकरणों का उपयोग करने की आवश्यकता नहीं पड़ रही है।

इन पैनलों की विशेषता है कि कुछ भी ड्रिल या हथौड़ा चलाने आदि आवश्यकता नहीं है। आप उन्हें गीले कपड़े धोने के बाद जिस प्रकार से बालकली में लटकाते हैं, उन्हें भी बस लटकाना भर है। जर्मनी में पांच लाख से ज्यादा सिस्टम अब तक स्थापित किए जा चुके हैं और नए कानूनों ने सौर पैनल स्थापना के नियमों को शिथिल कर दिया है, जिससे इसके लगाने में और तेजी देखी जा रही है। जर्मन नियामक फेडरल नेटवर्क एजेंसी के अनुसार वर्ष के पहले छह महीनों में देश ने नौ गीगावाट सौर ऊर्जा उत्पादित की गई है। एजेंसी के अध्यक्ष क्लॉस मुलर ने कहा कि हम विशेष रूप से सौर प्रतिष्ठानों में निरंतर वृद्धि देख रहे हैं। 2023 के अंत में कुल क्षमता की तुलना में लगभग 10 प्रतिशत अधिक सौर ऊर्जा पैदा की गई थी। इसमें से दो-तिहाई हिस्सा इमारतों की बालकनी में स्थापित किए गए सोरल पैनल से संभव हुआ।

ध्यान रहे कि रूस की प्राकृतिक गैस पर निर्भरता से दूर जाने के अपने प्रयास के तहत यूरोपीय संघ 2030 तक सौर ऊर्जा के स्रोतों के माध्यम से उत्पादित बिजली की मात्रा को चौगुना करके 600 गीगावाट तक ले जाना चाहता है। रायस्टैड एनर्जी के अनुसार इस वर्ष जर्मनी द्वारा किसी भी अन्य यूरोपीय देश की तुलना में अधिक सौर ऊर्जा क्षमता पैदा की है। रायस्टैड एनर्जी के विश्लेषक निकोलस लुआ ने कहा कि जर्मनी में बेचे जाने वाले कुछ सौर पैनल यूरोपीय कंपनियों द्वारा बनाए जाते हैं, लेकिन अधिकांश चीन में उत्पादित होते हैं।

जेनिक नोल्डेन (जिन्होंने दो दोस्तों के साथ मिलकर सोलागो जर्मन स्टार्ट-अप जो छत पर सौर पैनल और प्लग-इन को बेचता है) ने कहा कि उनके अधिकांश ग्राहक खुद ही पैनल लगाने में रुचि रखते हैं। इस क्षेत्र में स्वयं सोलर पैनल लगाने वालों के सवालों से प्रेरित होकर नोल्डेन ने ऑनलाइन वीडियो पोस्ट करना शुरू कर दिया, जिसमें बताया गया कि पैनल कैसे काम करते हैं, साथ ही उन्हें कैसे प्लान, इंस्टॉल किया जाए।

 न्यूयार्क टाइम्स में  प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार जर्मनी में हाल ही में पारित कानून भी शामिल हैं जो प्रभावी रूप से मकान मालिकों और सहकारी बोर्डों को सोलर पैनल की स्थापना के लिए किए जाने वाले बोझिल पंजीकरण की जरूरतों को खत्म किया गया है। इन परिवर्तनों ने एक साथ व्यक्तिगत सौर प्रणाली स्थापित करने के विचार को व्यापक उपभोक्ता आधार के लिए आकर्षक बना दिया है।

जर्मनी के एक सौर पैनल लगाने वाले उद्यमी क्रिस्चियन ऑफेनहेसल ने कहा कि हम अधिक विविधता, अधिक वृद्ध लोगों और अधिक महिलाओं को इस मामले में भागीदारी करते देख रहे हैं। वह कहते हैं कि हमारा उद्देश्य छोटे पैमाने पर सौर ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देना है। उन्होंने कहा कि एक बढ़ता हुआ उपयोगकर्ता समूह युवा लोगों का है, जिनके परिवार जलवायु परिवर्तन के बारे में सबसे अधिक चिंतित हैं। वह कहते हैं कि वे योगदान देना चाहते हैं, भले ही यह प्रति वर्ष 100 यूरो डॉलर से कम की बचत हो, वे इसे खुशी से स्वीकार कर रहे हैं क्योंकि यह अगली पीढ़ी के लिए है। यूरोप में कहीं और यदि प्लग-इन सोलर पैनल लोकप्रिय है तो वह है नीदरलैंड। कीमतों में लगातार गिरावट के कारण फ्रांस, इटली और स्पेन में भी रुचि बढ़ रही है।