लासंसद का बजट सत्र जारी है, आज चीन द्वारा ब्रह्मपुत्र नदी पर बांध को लकेर सदन में पूछे गए एक सवाल के जवाब में, विदेश मंत्रालय में राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने राज्यसभा में बताया कि भारत सरकार ने तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र में यारलुंग त्सांगपो (ब्रह्मपुत्र की ऊपरी इलाके) नदी की निचले और एक बड़ी बांध परियोजना को मंजूरी दिए जाने की चीन की घोषणा पर ध्यान दिया है।
सिंह ने कहा कि सरकार ब्रह्मपुत्र नदी से संबंधित सभी घटनाक्रमों पर सावधानीपूर्वक नजर रख रही है, जिसमें चीन द्वारा जलविद्युत परियोजनाओं को विकसित करने की योजनाएं भी शामिल हैं और अपने हितों की रक्षा के लिए आवश्यक उपाय किया जा रहा है, जिसमें निचले इलाकों में रहने वाले भारतीय नागरिकों के जीवन और आजीविका की सुरक्षा के लिए निवारक और सुधारात्मक उपाय शामिल हैं।
हरित जलवायु निधि
सदन में पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में विदेश मंत्रालय में राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने राज्यसभा में कहा कि भारत सरकार ग्रीन क्लाइमेट फंड (जीसीएफ) के साथ जुड़ रही है। अब तक भारत को जल, स्वच्छ ऊर्जा, तटीय, आजीविका, परिवहन, मध्यम और लघु उद्यम तथा जलवायु स्टार्ट-अप सहित क्षेत्रों में जलवायु परिवर्तन को कम करने और अनुकूलन करने के लिए 803.9 मिलियन अमरीकी डॉलर के कुल आवंटन के साथ बारह परियोजनाओं व कार्यक्रमों को मंजूरी दी गई है।
प्रत्येक परियोजना व कार्यक्रम की अलग-अलग समयसीमा और संवितरण है। इनमें से प्रत्येक परियोजना के प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष लाभार्थी हैं। जीसीएफ परियोजनाओं व कार्यक्रमों में जलवायु अनुकूलन क्षेत्र शामिल हैं जिनमें लोगों और समुदायों की आजीविका, स्वास्थ्य, भोजन, जल सुरक्षा और पारिस्थितिकी तंत्र और पारिस्थितिकी तंत्र सेवाएं शामिल हैं।
ओखला कूड़े से ऊर्जा संयंत्र के कारण प्रदूषण
आज सदन में उठे एक सवाल के जवाब में, विदेश मंत्रालय में राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने राज्यसभा में बताया कि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) के साथ मिलकर सितंबर 2020 में ओखला में कूड़े से ऊर्जा संयंत्र या वेस्ट टू एनर्जी प्लांट का निरीक्षण किया था।
स्टैक उत्सर्जन निगरानी के परिणामों से पता चला कि डाइऑक्सिन और फ्यूरान, पार्टिकुलेट मैटर (पीएम2.5) और हाइड्रोजन क्लोराइड (एचसीएल) जैसे पैरामीटर सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट रूल्स, 2016 में निर्धारित सीमा से अधिक थे। इसके बाद, डीपीसीसी ने इकाई को गैर-अनुपालन के लिए निर्देश जारी किया था और पांच लाख रुपये का पर्यावरण मुआवजा लगाया था। पर्यावरण मुआवजे की राशि इकाई द्वारा जमा की गई थी।
सिंह ने कहा कि इसके अलावा, पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम, 1986 की धारा पांच के तहत सीपीसीबी द्वारा पांच अप्रैल, 2021 को डीपीसीसी को नियमित निगरानी के माध्यम से अपशिष्ट से ऊर्जा (डब्ल्यूटीई) संयंत्र के अनुपालन को सुनिश्चित करने और निरीक्षण रिपोर्ट प्रस्तुत करने के साथ-साथ किसी भी अनुपालन न करने के लिए की गई कार्रवाई का विवरण प्रस्तुत करने का निर्देश जारी किया गया था।
देश में चालू परमाणु ऊर्जा संयंत्र
देश में परमाणु ऊर्जा संयंत्र को लेकर सदन में पूछे गए प्रश्न के लिखित उत्तर में, कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन तथा प्रधानमंत्री कार्यालय के राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने राज्यसभा में बताया कि वर्तमान में देश में स्थापित परमाणु ऊर्जा क्षमता में 24 रिएक्टर शामिल हैं, जिनकी कुल क्षमता 8180 मेगावाट है। इनमें से, वर्तमान में एक रिएक्टर, आरएपीएस-1 विस्तारित शटडाउन के तहत है और तीन रिएक्टर, टीएपीएस-1 और 2 तथा एमएपीएस-1 नवीनीकरण के लिए परियोजना मोड में हैं। शेष बीस रिएक्टर चालू हैं।
वार्षिक भूजल गुणवत्ता रिपोर्ट, 2024
आज, सदन में उठाए गए एक सवाल के जवाब में, जल शक्ति राज्य मंत्री राज भूषण चौधरी ने लोकसभा में कहा कि केंद्रीय भूजल बोर्ड (सीजीडब्ल्यूबी) द्वारा तैयार की गई वार्षिक भूजल गुणवत्ता रिपोर्ट 2024, देश भर में फैले 15,259 निगरानी वाली जगहों से भूजल के नमूने और विश्लेषण पर आधारित है।
रिपोर्ट का मुख्य उद्देश्य पीने और कृषि उद्देश्यों के लिए उपयोग किए जाने वाले भूजल में विद्युत चालकता (ईसी), फ्लोराइड, आर्सेनिक, भारी धातु, नाइट्रेट आदि जैसे विभिन्न जल गुणवत्ता मापदंडों का अध्ययन करना है। रिपोर्ट में कुछ राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के अलग-अलग इलाकों में मानव उपभोग के लिए निर्धारित सीमा से अधिक उपरोक्त प्रदूषकों की मौजूदगी पाई गई है। इसके अलावा, रिपोर्ट में किसी नए उभरते प्रदूषक की पहचान नहीं की गई है।