ऊर्जा

संसद में आज: देश में 4,462 टन प्रतिदिन क्षमता वाले कचरे से बिजली संयंत्रों को हरी झंडी

31 जुलाई, 2025 तक, पीएम कुसुम योजना के अंतर्गत सौर पंपों और सौर संयंत्रों की स्थापना से 66 लाख टन सीओ2 उत्सर्जन में कमी आई।

Madhumita Paul, Dayanidhi

सदन में उठे एक सवाल के लिखित जवाब देते हुए आज, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा तथा विद्युत राज्य मंत्री श्रीपद येसो नाइक ने राज्यसभा में केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (सीईए) द्वारा प्रदान की गई जानकारी का हवाला दिया। जिसमें कहा गया है कि पिछले तीन सालों और चालू वर्ष के दौरान कचरे से ऊर्जा से 8879.22 मिलियन यूनिट (एमयू) विद्युत उत्पादन हुआ है।

कचरे से ऊर्जा कार्यक्रम के अंतर्गत, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) द्वारा 53 करोड़ रुपये की केंद्रीय वित्तीय सहायता (सीएफए) जारी की गई है। आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय (एमओएचयूए) द्वारा स्वच्छ भारत मिशन-यू 2.0 के अंतर्गत 185.76 करोड़ रुपये के केंद्रीय हिस्से के साथ 4,462 टन प्रतिदिन क्षमता वाले कचरे से बिजली बनाने के संयंत्रों को मंजूरी दी गई है।

ओडिशा में सौर ऊर्जा परियोजनाएं

सदन में पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में आज, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा और विद्युत राज्य मंत्री श्रीपद येसो नाइक ने राज्यसभा में बताया कि 30 जून, 2025 तक, ओडिशा में कुल स्थापित सौर ऊर्जा क्षमता 706.34 मेगावाट है। नाइक ने ओडिशा नवीकरणीय ऊर्जा विकास एजेंसी (ओआरईडीए) से प्राप्त जानकारी का हवाला दिया।

जिसमें कहा गया है कि राज्य में लगभग 486.66 मेगावाट क्षमता की सौर परियोजनाएं कार्यान्वित की जा रही हैं। इनमें से कुछ सौर ऊर्जा परियोजनाओं में मुख्य रूप से पेड़ों की कटाई, वनस्पतियों की सफाई और भूमि अधिग्रहण से संबंधित मुद्दों के कारण देरी हुई है।

कोंकण क्षेत्र में बायोमास और कृषि-अवशेष से ऊर्जा

सदन में उठाए गए एक और सवाल के जवाब में आज, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा तथा विद्युत राज्य मंत्री श्रीपद येसो नाइक ने राज्यसभा में कहा कि मंत्रालय ने 2021 के दौरान, कोंकण क्षेत्र सहित देश में बायोमास से बिजली और खोई-आधारित सह-उत्पादन क्षमता के आकलन के लिए भारतीय प्रशासनिक कर्मचारी महाविद्यालय, हैदराबाद द्वारा एक मूल्यांकन अध्ययन कराया है।

अध्ययन के अनुसार, महाराष्ट्र में रायगढ़ और कोंकण क्षेत्र सहित 2629.55 मेगावाट की अनुमानित क्षमता है।

देश में रूफटॉप सौर ऊर्जा क्षमता और सब्सिडी वितरण की स्थिति

सदन में प्रश्नों का सिलसिला जारी रहा, देश में रूफटॉप सौर ऊर्जा क्षमता व सब्सिडी को लेकर पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में आज, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा और विद्युत राज्य मंत्री श्रीपद येसो नाइक ने राज्यसभा में बताया कि मंत्रालय ने मार्च 2019 में ग्रिड कनेक्टेड रूफटॉप सौर कार्यक्रम के द्वितीय चरण का शुभारंभ किया।

अक्टूबर 2022 में, कार्यक्रम के कार्यान्वयन की समय-सीमा मार्च 2026 तक बढ़ा दी गई थी। हालांकि फरवरी 2024 में प्रधानमंत्री सूर्य घर: मुफ्त बिजली योजना (पीएमएसजी: एमबीवाई) के शुभारंभ के साथ, ग्रिड कनेक्टेड रूफटॉप सौर कार्यक्रम के द्वितीय चरण को पीएमएसजी: एमबीवाई के अंतर्गत समाहित कर लिया गया, जिसका लक्ष्य 2026-27 तक आवासीय क्षेत्र के एक करोड़ घरों में रूफटॉप सौर ऊर्जा स्थापित करना है।

नाइक ने कहा कि पांच अगस्त, 2025 तक इस योजना के तहत कुल 16.78 लाख परिवारों को रूफटॉप सौर ऊर्जा स्थापना से लाभान्वित किया गया है और लाभार्थियों को केंद्रीय वित्तीय सहायता (सीएफए) के रूप में 9280.88 करोड़ रुपये की राशि वितरित की गई है।

पीएम-कुसुम योजना के अंतर्गत स्टैंडअलोन सौर पंप

सदन में एक और प्रश्न का उत्तर देते हुए आज, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा और विद्युत राज्य मंत्री श्रीपद येसो नाइक ने राज्यसभा में कहा कि पीएम कुसुम एक मांग-आधारित योजना है। राज्यों द्वारा प्राप्त मांग और प्रगति के आधार पर क्षमता का आवंटन किया जाता है। पीएम कुसुम योजना के घटक-बी के अंतर्गत, 14 लाख पंप स्थापित करने का लक्ष्य है, जिनमें से 31 जुलाई, 2025 तक 8.53 लाख सौर पंप स्थापित हो चुके हैं।

इन सौर पंपों की स्थापना से डीजल पंपों का स्थान ले लिया और कृषि क्षेत्र के डी-डीजलीकरण में योगदान दिया है। 31 जुलाई, 2025 तक, यह अनुमान है कि पीएम कुसुम योजना के अंतर्गत सौर पंपों और सौर संयंत्रों की स्थापना से 66 लाख टन सीओ2 उत्सर्जन में कमी आई है।

देश में लखपति दीदी योजना

सदन में उठे एक सवाल के जवाब में आज, ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लोकसभा में कहा कि लखपति दीदी, दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (डीएवाईएनआरएलएम) की एक पहल और परिणाम है।

अब तक 1,48,32,258 स्वयं सहायता समूह महिलाओं को लखपति दीदी के रूप में सक्षम बनाया गया है। हिमाचल प्रदेश राज्य में 82,176 लखपति दीदी को सक्षम बनाया गया है। इसके मंत्रालय स्तर पर जिलावार आंकड़े नहीं रखे जाते हैं।

आंध्र प्रदेश में प्राकृतिक खेती

आंध्र प्रदेश में प्राकृतिक खेती को लेकर पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में आज, कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री रामनाथ ठाकुर ने लोकसभा में बताया कि राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन (एनएमएनएफ) के अंतर्गत वर्ष 2024-25 के लिए आंध्र प्रदेश को 94.371 लाख रुपये आवंटित किए गए हैं। इस आवंटन में से 47.185 लाख रुपये जारी किए जा चुके हैं।

वर्ष 2025-26 के लिए आवंटित धनराशि 12251.46 लाख रुपये है, जिसमें से 5810.8875 लाख रुपये जारी किए जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि जिलेवार निधि आवंटन केंद्र द्वारा नहीं किया जाता है।

प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण (पीएमएवाई-जी) के अंतर्गत लक्ष्य प्राप्ति

सदन में उठाए गए एक सवाल के लिखित जवाब में आज, ग्रामीण विकास मंत्रालय में राज्य मंत्री चंद्रशेखर पेम्मासानी ने लोकसभा में कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में "सभी के लिए आवास" के लक्ष्य को हासिल करने के लिए, ग्रामीण विकास मंत्रालय एक अप्रैल 2016 से प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण (पीएमएवाई-जी) को क्रियान्वित कर रहा है।

इसका उद्देश्य पात्र ग्रामीण परिवारों को सहायता प्रदान करना है। इसका समग्र लक्ष्य 2029 तक बुनियादी सुविधाओं से युक्त 4.95 करोड़ पक्के मकानों का निर्माण करना है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने वित्त वर्ष 2024-25 से 2028-29 के दौरान दो करोड़ अतिरिक्त ग्रामीण मकानों के निर्माण हेतु प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण (पीएमएवाई-जी) के कार्यान्वयन को मंजूरी दी है।

चार अगस्त, 2025 तक, 4.95 करोड़ घरों के कुल लक्ष्य में से, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को 4.12 करोड़ घर आवंटित किए जा चुके हैं, जिनमें से 3.85 करोड़ घरों को मंजूरी दी जा चुकी है और 2.82 करोड़ से अधिक घर पूरे हो चुके हैं।