राष्ट्रीय ग्रीन हाइड्रोजन मिशन के तहत बसों और ट्रकों में हाइड्रोजन का उपयोग
सदन में पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में आज, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा और बिजली राज्य मंत्री श्रीपद येसो नाइक ने राज्यसभा में बताया कि राष्ट्रीय हाइड्रोजन मिशन के हिस्से के रूप में, मंत्रालय ने 14 फरवरी 2024 को यातायात के क्षेत्र में ग्रीन हाइड्रोजन के उपयोग के लिए पायलट परियोजनाओं के कार्यान्वयन के लिए योजना दिशा-निर्देश जारी किए थे।
इस योजना के तहत ऑटोमेटिव रिसर्च एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एआरएआई) को योजना कार्यान्वयन एजेंसी (एसआईए) के रूप में नामित किया गया था। एआरएआई और सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (एमओआरटीएच) की सिफारिश के आधार पर, एमएनआरई ने कुल 37 वाहनों (बसों और ट्रकों) और नौ हाइड्रोजन ईंधन भरने वाले स्टेशनों वाली पांच पायलट परियोजनाओं को मंजूरी दी है।
ये वाहन देश भर में 10 अलग-अलग मार्गों पर चलेंगे, जैसे ग्रेटर नोएडा - दिल्ली - आगरा, भुवनेश्वर - कोणार्क - पुरी, अहमदाबाद - वडोदरा - सूरत, साहिबाबाद - फरीदाबाद - दिल्ली, पुणे - मुंबई, जमशेदपुर - कलिंग नगर, तिरुवनंतपुरम - कोच्चि, कोच्चि - एडापल्ली, जामनगर - अहमदाबाद और एनएच-16 विशाखापत्तनम - बय्यावरम। चयनित पायलट परियोजनाओं के लिए भारत सरकार से कुल वित्तीय सहायता 208 करोड़ रुपये है।
देश में नई कृषि तकनीक और बीज की किस्में
नई कृषि तकनीक और बीजों को लेकर सदन में उठे एक सवाल के जवाब में आज, कृषि और किसान कल्याण राज्य मंत्री भागीरथ चौधरी ने लोकसभा में बताया कि 22-24 फरवरी, 2025 के दौरान आयोजित पूसा कृषि विज्ञान मेले के दौरान सात प्रमुख कृषि फसलों की कुल 79 नई अधिक उपज देने वाली किस्में, फलों की 11 और सब्जियों की 31 किस्में प्रदर्शित की गई।
चौधरी ने कहा कि इसके अलावा 18 जैव उर्वरकों और जैव-सूत्रीकरणों, मृदा परीक्षण उर्वरक अनुशंसा मीटर, जेडएन-लोडेड नैनो क्ले पॉलीमर कंपोजिट, स्पीडीसीड वायबिलिटी किट टीएम, ब्रूचिड प्रबंधन के लिए पॉलीमर कंपोजिट बीज कोटिंग, पुमेलो छिलके और चावल की भूसी से निकाला गया नैनोसेल्यूलोज, इंस्टेंट नूडल्स के लिए मटर की फली का पाउडर, स्नैक पफ्स और मफिन में पके केले के पाउडर को बाय-प्रोडक्ट्स के साथ क्रियाशील बनाया गया। कार्यक्रम के दौरान आठ नए कृषि उपकरणों का भी प्रदर्शन किया गया।
देश में पवन ऊर्जा उत्पादन की स्थिति
सदन में उठाए गए एक सवाल के जवाब में आज, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा और बिजली राज्य मंत्री श्रीपद येसो नाइक ने राज्यसभा में बताया कि 28 फरवरी, 2025 तक देश में तटवर्ती पवन ऊर्जा की कुल स्थापित क्षमता लगभग 48.58 गीगावाट है।
उन्होंने कहा, संशोधित मॉडल और निर्माताओं की सूची (आरएलएमएम) के अनुसार, वर्तमान में देश में 14 पवन टरबाइन निर्माता हैं, जिनके पास 31 पवन टरबाइन मॉडल उपलब्ध हैं। सबसे अधिक क्षमता वाली एकल टरबाइन इकाई 5.2 मेगावाट है।
महाराष्ट्र के सूखा प्रभावित जिले
महाराष्ट्र में सूखे को लेकर सदन में उठे एक प्रश्न के उत्तर में आज, कृषि और किसान कल्याण राज्य मंत्री रामनाथ ठाकुर ने अपने लिखित जवाब में लोकसभा में कहा कि महाराष्ट्र ने खरीफ, 2023 के दौरान सूखा घोषित किया था। राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया कोष (एनडीआरएफ) से 2690.32 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता की मांग करते हुए एक ज्ञापन दिया था।
ज्ञापन के अनुसार, सूखा प्रभावित जिले नासिक, धुले, नंदुरबार, जलगांव, पुणे, सोलापुर, सतारा, सांगली, कोल्हापुर, छत्रपति संभाजीनगर, जालना, बीड, लातूर, धाराशिव और बुलढाणा थे। ज्ञापन के जवाब में, एक अंतर-मंत्रालयी केंद्रीय दल (आईएमसीटी) का गठन किया गया, जिसने 12 से 15 दिसंबर, 2023 के दौरान राज्य के सूखा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया।
आईएमसीटी द्वारा दौरा किए गए जिले महाराष्ट्र के नासिक, नंदुरबार, जलगांव, पुणे, सोलापुर, धाराशिव, बीड, छत्रपति संभाजीनगर और जालना थे। आईएमसीटी द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट को राष्ट्रीय कार्यकारी समिति (एससी-एनईसी) की उप-समिति के समक्ष रखा गया और एससी एनईसी की सिफारिशों पर विचार करने के बाद, उच्च स्तरीय समिति ने पाया कि व्यय की राहत का पहला प्रभार हमेशा राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष पर होता है।
क्योंकि महाराष्ट्र सरकार के पास एसडीआरएफ खाते में 2261.24 करोड़ रुपये (30 अक्टूबर, 2023 तक) की पर्याप्त धनराशि थी, इसलिए एनडीआरएफ से कोई अतिरिक्त सहायता की सिफारिश नहीं की गई।
जनजातीय क्षेत्रों में पशुपालन में लगे किसान
आज सदन में उठाए गए एक सवाल के जवाब में, मत्स्य पालन, पशुपालन एवं डेयरी राज्य मंत्री एस.पी. सिंह बघेल ने लोकसभा में कहा कि पशुपालन एवं डेयरी विभाग (डीएएचडी) पशुपालन में लगे किसानों के बारे में आंकड़े तैयार नहीं करता है। हालांकि 20वीं पशुधन गणना के अनुसार, जनजातीय क्षेत्रों सहित देश में लगभग 10.08 करोड़ परिवार हैं जिनके पास कम से कम एक पशु है।
गोवा में नारियल और सुपारी के बागानों को प्रभावित करने वाली बीमारियां
सदन में पूछे गए एक प्रश्न का लिखित उत्तर आज, कृषि और किसान कल्याण राज्य मंत्री रामनाथ ठाकुर के द्वारा लोकसभा में दिया गया। ठाकुर ने कहा कि कृषि और किसान कल्याण विभाग, केंद्रीय एकीकृत कीट प्रबंधन केंद्र (सीआईपीएमसी), गोवा और राज्य कृषि विभाग के माध्यम से दक्षिण गोवा में नारियल और सुपारी के बागानों में कीटों और बीमारियों के संक्रमण की निगरानी के लिए नियमित सर्वेक्षण करता है। जिसमें पाया गया है कि नारियल के बागानों और सुपारी के बागानों में लाल ताड़ घुन, रहिनोसेरोस गुबरैला और कली सड़न रोगों का संक्रमण का स्तर कम है।
नारियल विकास बोर्ड गोवा में नारियल किसानों को तकनीकी और वित्तीय सहायता प्रदान करता है और नारियल पर प्रौद्योगिकी मिशन (टीएमओसी) योजना के तहत केंद्रीय रोपण फसल अनुसंधान संस्थान, तमिलनाडु कृषि विश्वविद्यालय, राज्य कृषि विश्वविद्यालयों आदि के सहयोग से नारियल में कीट और रोग प्रबंधन के लिए प्रौद्योगिकी विकसित करने के लिए 83 परियोजनाओं की सहायता की है। पिछले पांच सालों के दौरान गोवा के विभिन्न क्षेत्र उन्मुख विकास योजनाओं को लागू करने के लिए 2.65 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई है।
मनरेगा के लिए फंड
सदन में उठे एक सवाल के जवाब में आज, ग्रामीण विकास मंत्रालय में राज्य मंत्री कमलेश पासवान ने लोकसभा में बताया कि वित्त वर्ष 2024-25 के लिए महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (महात्मा गांधी नरेगा) के लिए 86,000 करोड़ रुपये का बजट आवंटन किया गया है। जो कि बजट अनुमान (बीई) चरण में योजना के लिए अब तक का सबसे अधिक आवंटन है। वित्तीय वर्ष 2025-26 में, सरकार ने ग्रामीण रोजगार के लिए निरंतर समर्थन सुनिश्चित करते हुए इस आवंटन को 86,000 करोड़ रुपये पर बरकरार रखा है।