ईवी चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर की स्थापना
संसद के शीतकालीन सत्र में पक्ष और विपक्ष के बीच गतिरोध जारी है जिसके कारण दोनों सदनों की कार्यवाही बार-बार स्थगित हो रही है। इसी बीच संसद में आज पूछे गए एक प्रश्न के लिखित उत्तर में, केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने लोकसभा में बताया कि विद्युत मंत्रालय ने देश में ईवी चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर नेटवर्क को सुविधाजनक बनाने के लिए 17 सितंबर 2024 को “इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर की स्थापना और संचालन के लिए दिशा-निर्देश-2024” जारी किए हैं।
दिशा-निर्देशों के अनुसार, निजी संस्थाओं सहित सभी संस्थाओं को ईवी चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने और संचालित करने की अनुमति है। 30 नवंबर 2024 तक, सार्वजनिक और निजी संस्थाओं द्वारा कुल 25,202 सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशन स्थापित किए गए हैं।
ईवी चार्जिंग स्टेशन को लेकर सदन में उठे एक और प्रश्न का जवाब में, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन जयराम गडकरी ने लोकसभा में विद्युत मंत्रालय से प्राप्त जानकारी का हवाला देते हुए बताया कि देश में अब तक 25202 चार्जिंग स्टेशन विकसित किए जा चुके हैं। उपरोक्त के अलावा, राष्ट्रीय राजमार्गों (एनएच)/एक्सप्रेसवे के किनारे विकसित की जा रही वे साइड एमेनिटी (डब्ल्यूएसए) सुविधाओं के एक हिस्से के रूप में 50 ईवी चार्जिंग स्टेशन चालू किए जा चुके हैं।
पंजाब में भूजल की गुणवत्ता
पंजाब में भूजल की गुणवत्ता को लेकर उठाए गए एक सवाल का जवाब देते हुए आज, जल शक्ति मंत्री सी आर पाटिल ने लोकसभा में पंजाब सरकार के द्वारा दी गई जानकारी का हवाला देते हुआ कहा, राज्य अपने जल आपूर्ति स्रोतों का नियमित परीक्षण करता है, यानी एक बार रासायनिक मापदंडों के लिए और दो बार जीवाणु संबंधी मापदंडों के लिए, परीक्षण मॉनसून के मौसम से पहले और उसके बाद किया जाता है।
साल 2023-24 के दौरान, जैसा कि पंजाब ने जेजेएम-डब्ल्यूक्यूएमआईएस पोर्टल के हवाले से बताया है कि परीक्षण प्रयोगशालाओं में 33,107 पानी के नमूनों और स्थानीय स्तर पर टेस्टिंग किट का उपयोग करके 1,46,504 पानी के नमूनों का परीक्षण किया गया है। नौ दिसंबर, 2024 तक, राज्य में 2024-25 के दौरान अब तक प्रयोगशालाओं में 46,397 नमूनों और एफटीके का उपयोग करके 1,01,793 नमूनों का परीक्षण किया गया है।
पेट्रोल में एथेनॉल मिश्रण
आज सदन में पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय में राज्य मंत्री सुरेश गोपी ने लोकसभा में जानकारी देते हुए कहा कि भारत में एथेनॉल मिश्रण के लिए 2020-25 का रोडमैप, एक अंतर-मंत्रालयी समिति द्वारा तैयार किया गया है। जिसमें एथेनॉल आपूर्ति वर्ष 2020-21 से 2025-26 के लिए औसत एथेनॉल मिश्रण लक्ष्यों का अनुमान लगाया गया है।
सार्वजनिक क्षेत्र की ओएमसीएस ने जून, 2022 में पेट्रोल में 10 फीसदी एथेनॉल मिश्रण का लक्ष्य हासिल कर लिया है, यानी 2021-22 के दौरान लक्ष्य से पांच महीने पहले यह हासिल हो गया है। साल 2022-23 में एथेनॉल का मिश्रण बढ़कर 12.06 फीसदी और 2023-24 के दौरान लगभग 14.6 फीसदी हो गया है। रोडमैप के अनुसार, एक सफल ई-20 कार्यक्रम देश के हर साल लगभग चार बिलियन अमेरिकी डॉलर बचा सकता है।
हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले में हाथी परियोजना
हिमाचल प्रदेश में हाथी परियोजना को लेकर उठाए गए एक सवाल के जवाब में आज, केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय में राज्य मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह ने राज्यसभा में बताया कि मंत्रालय ने हिमाचल प्रदेश के द्वारा प्रस्तुत वार्षिक संचालन योजना के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान, केंद्र प्रायोजित योजना- प्रोजेक्ट टाइगर एंड एलीफेंट (सीएसएस-पीटीएंडई) के तहत 19.61 लाख रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की है।
जिसका उद्देश्य मुख्य रूप से हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले में मानव-हाथी संघर्ष के मुद्दों से निपटना है। प्रस्ताव में अन्य बातों के साथ-साथ, निवास वाले सीमांत क्षेत्रों में मधुमक्खी पालन प्रशिक्षण और मधुमक्खी पालन शामिल है।
गिर वन के आसपास पारिस्थितिकी संवेदनशील क्षेत्र
सदन में पूछे गए एक अन्य प्रश्न के लिखित उत्तर में आज, केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय में राज्य मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह ने राज्यसभा में कहा कि मंत्रालय ने 18 सितंबर 2024 को मसौदा अधिसूचना जारी की है, जिसमें राज्य सरकार से प्राप्त प्रस्ताव के आधार पर गुजरात राज्य में गिर राष्ट्रीय उद्यान, गिर, मिटियाला और पनिया वन्यजीव अभयारण्य जैसे चार संरक्षित क्षेत्रों को शामिल करते हुए एक एकीकृत पारिस्थितिकी संवेदनशील क्षेत्र (ईएसजेड) की घोषणा की गई है।
प्रस्तावित पारिस्थितिकी संवेदनशील क्षेत्र 2.78 किमी से 9.50 किमी तक फैला हुआ है, जो 2,061.77 वर्ग किमी (2,06,177 हेक्टेयर) के क्षेत्र को कवर करता है, जिसमें 196 गांव और 17 नदी गलियारे शामिल हैं।
मुल्लापेरियार में नए बांध का निर्माण
आज सदन में उठाए गए एक और सवाल के जवाब में, राज्य मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह ने राज्यसभा में जानकारी देते हुए बताया कि मंत्रालय को आठ मई, 2024 को परिवेश पोर्टल पर 39 हेक्टेयर (सीसीए 92963 हेक्टेयर) क्षेत्र में पेरियार नदी पर प्रस्तावित नए मुल्लापेरियार बांध के लिए पर्यावरणीय प्रभाव आकलन (ईआईए) अध्ययन करने हेतु संदर्भ की शर्तों (टीओआर) के अनुदान के लिए एक प्रस्ताव प्राप्त हुआ था। यह बांध मेसर्स सिंचाई डिजाइन एवं अनुसंधान बोर्ड (आईडीआरबी), केरल सरकार द्वारा केरल के जिला इडुक्की के तालुक पीउमाडे गांव में स्थित है।
इसमें शामिल अंतर-राज्यीय मुद्दों को देखते हुए, मंत्रालय ने केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी), जल शक्ति मंत्रालय के परामर्श से इस मुद्दे की जांच-पड़ताल की। सीडब्ल्यूसी ने 16 जुलाई, 2024 के पत्र के माध्यम से अन्य बातों के साथ-साथ जानकारी दी कि सर्वोच्च न्यायालय ने मुल्लापेरियार बांध के सुरक्षा पहलुओं का आकलन करने के लिए 2010 में एक समिति का गठन किया था।
इसके बाद, मूल वाद संख्या 3/2006 में दिनांक सात, मई, 2014 के अपने निर्णय के माध्यम से सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि केरल राज्य द्वारा पेरियार नदी पर एक नया बांध बनाने के लिए, इस संबंध में राज्यों के बीच एक समझौता होना चाहिए और केरल द्वारा की गई पेशकश को तमिलनाडु पर नहीं थोपा जा सकता है।
मूल वाद संख्या 3/2006 में अवमानना याचिका (सी) संख्या 96/2019 में सर्वोच्च न्यायालय के दिनांक 11 फरवरी, 2019 के आदेश में कहा गया है कि "कि क्या कोई अध्ययन किया जा सकता है या नहीं, इस पर हमेशा विचार किया जा सकता है और यदि प्रतिवादी इस तरह की किसी अनुमति के लिए इस न्यायालय में कोई आवेदन करते हैं तो केरल राज्य की ओर से इस कदम पर सवाल उठाया जा सकता है"।