कलकत्ता उच्च न्यायालय ने अपने एक आदेश में केंद्र सरकार को उपभोक्ताओं के लिए केरोसिन की रियायती दर निर्धारित करने के लिए नीतिगत निर्णय लेने का निर्देश दिया है। साथ ही कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार से केरोसिन की कीमतें निर्धारित करने के लिए न्यूनतम कर और शुल्क लगाने को भी कहा है।
आदेश में कहा गया है कि इससे देश के सबसे गरीब तबके को मदद मिलेगी जो अपने घरों को रोशन करने के साथ-साथ खाना पकाने के लिए मिट्टी के तेल पर निर्भर हैं। इसके साथ ही वो इसके लिए गाय के गोबर या कोयले जैसी सामग्री का भी उपयोग करते हैं।
न्यायमूर्ति बिबेक चौधरी ने अपने आदेश में कहा है कि, "पीडीएस केरोसिन योजना, 2016 के तहत सब्सिडीयुक्त कीमत तय करना केंद्र सरकार की जिम्मेवारी है। कोर्ट ने इस बात पर भी जोर दिया है कि तेल कंपनियां आयात पार्टी मूल्य निर्धारण के आधार पर केरोसिन की कीमत तय नहीं कर सकती।"
गौरतलब है कि याचिका दायर करने वाले खुद राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2015 के तहत राशन कार्ड धारक और प्राथमिकता वाले परिवार के सदस्य हैं। इस याचिका में उन्होंने पूछा है कि क्या सार्वजनिक वितरण प्रणाली में मिट्टी के तेल की ऊंची कीमतें उचित हैं।
विशेष आयोजनों के दौरान आवारा कुत्तों को पकड़ने और छोड़ने की कार्रवाई में नियमों का सख्ती किया जाए पालन: दिल्ली उच्च न्यायालय
दिल्ली उच्च न्यायालय ने अधिकारियों को सड़कों से कुत्तों को पकड़ने और छोड़ने से संबंधित पशु जन्म नियंत्रण नियम, 2023 के तहत निर्धारित सभी प्रावधानों का कड़ाई से पालन करने का निर्देश दिया है।
यह निर्णय अनीता सैंटियागो नामक महिला द्वारा दायर जनहित याचिका (पीआईएल) के बाद आया है। अपनी इस याचिका में उन्होंने स्वतंत्रता दिवस, गणतंत्र दिवस और हाल ही में जी20 शिखर सम्मेलन, 2023 के दौरान दिल्ली में सड़क से कुत्तों को पकड़ने और बाद में छोड़ने के लिए दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) द्वारा अपनाई गई व्यवस्था की ओर कोर्ट का ध्यान दिलाया है।
याचिकाकर्ता के वकील का कहना है कि कुत्तों को पकड़ने और छोड़ने के लिए एक विस्तृत तंत्र पशु जन्म नियंत्रण नियम, 2023 के तहत निर्धारित किया गया है और एमसीडी द्वारा उसका कड़ाई से पालन किया जाना चाहिए। नियमानुसार कुत्तों को पकड़ने के तुरंत बाद उन्हें नंबर वाले कॉलर पहनाए जाने चाहिए ताकि उनका उचित रिकॉर्ड रखा जा सके।
इसकी मदद से बाद में कुत्तों को उसी इलाके में छोड़ा जा सकता है, जहां से उन्हें पकड़ा गया था। उन्होंने यह भी कहा कि एमसीडी को इसके लिए भारतीय पशु कल्याण बोर्ड (एडब्ल्यूबीआई) की सहायता लेनी चाहिए।
वहीं एमसीडी के वकील की दलील है कि जी20 शिखर सम्मेलन की तैयारी के लिए कुत्तों को पकड़ने की प्रक्रिया में एबीसी नियमों का कड़ाई से पालन किया गया था। उन्हें भारतीय पशु कल्याण बोर्ड की सहायता से रिहा करने की प्रक्रिया पहले ही शुरू कर दी गई है। भारतीय पशु कल्याण बोर्ड के वकील ने भी इसकी पुष्टि की है।
महेंद्रगढ़ में अवैध खनन के मामले में एनजीटी ने दिए जांच के आदेश
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने 12 सितंबर, 2023 को अवैध खनन के मामले में दायर शिकायत पर एक संयुक्त समिति को जांच करने का निर्देश दिया है। मामला हरियाणा में महेंद्रगढ़ जिले की नांगल चौधरी तहसील के मुसनोटा ढांडी जोखला वली गांव का है।
इस समिति में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) और हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (एचएसपीसीबी) के सदस्य सचिवों के साथ हरियाणा खनन विभाग के निदेशक, संबंधित प्रभागीय वन अधिकारी (डीएफओ) और महेंद्रगाह के जिला मजिस्ट्रेट भी शामिल होंगे।
कोर्ट के निर्देशानुसार समिति साइट का निरीक्षण करेगी और की जा रही गतिविधियों के साथ आसपास के पर्यावरण, जीवन और संपत्ति पर पड़ते प्रभावों का आंकलन करेगी। साथ ही वो पेड़ों की अवैध कटाई के आरोप की भी जांच करेगी और पर्यावरण की बहाली के लिए ड्राफ्ट तैयार करेगी। एनजीटी ने समिति से आठ सप्ताह के भीतर रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है।
बता दें कि मुसनोटा ढांडी जोखला वली गांव में रहने वाले पूरन सिंह द्वारा 26 अगस्त 2023 को भेजे पत्र के आधार पर मामला दायर किया गया था। उनके मुताबिक उन्होंने पहले भी मां संतोषी खनिज उद्योग की शिकायत की थी। कार्रवाई शुरू हुई तो उक्त इकाई ने व्यवसाय बंद कर दिया, जिसकी वजह से मामले को भी बंद कर दिया गया था। हालांकि, जून 2023 में, पिछले मालिक ने खदानें किसी और को बेच दीं और अब उस व्यक्ति ने खनन गतिविधियां फिर से शुरू कर दी है।