एक नई तकनीक जो क्वांटम डॉट सौर सेल की दक्षता में सुधार कर उसकी क्षमता को बढ़ाकर 11.53 फीसदी कर सकती है। यह सौर सेल द्वारा सूर्य के प्रकाश से बिजली उत्पन्न करने की चुनौतियों को हल करके इसकी क्षमता को बढ़ाता है।
इससे पहले किए गए एक अध्ययन में बताया गया था कि जैविक सौर सेल में ऊर्जा की हानि होती है। जो प्रकाश को पूरी तरह से बिजली में नहीं बदल सकता है। इसको लेकर टीम की योजना थी कि ऊर्जा का नुकसान कम हो साथ ही बढ़े हुए चार्ज जनरेशन क्षमता को मिलाकर नई सामग्रियों को डिजाइन किया जाए, जो अब क्वांटम डॉट सौर सेल के रूप में सामने आई है।
यूएनआईएसटी के स्कूल ऑफ एनर्जी एंड केमिकल इंजीनियरिंग में प्रोफेसर सुंग-योन जंग के नेतृत्व में एक शोध दल ने एक फोटोवोल्टिक उपकरण विकसित किया है जो कार्बनिक पॉलिमर का उपयोग करके क्वांटम डॉट सौर सेल की क्षमता को बढ़ाता है।
सौर सेल एक विशेषता का उपयोग करती हैं, जिसमें इलेक्ट्रॉनों और होल को अवशोषित परत में उत्पन्न किया जाता है। मुक्त इलेक्ट्रॉनों और होल तब सेल के माध्यम से चलते हैं और होल को भरते हैं। यह इलेक्ट्रॉनों के होल की वह गति है जो बिजली उत्पन्न करते हैं। इसलिए कई इलेक्ट्रॉन के होल में जोड़ी बनाना, उनका घूमना एक अच्छे सौर सेल के डिजाइन के लिए महत्वपूर्ण है। यह अध्ययन एडवांस्ड एनर्जी मैटेरियल्स नामक पत्रिका में प्रकाशित हुआ है।
शोध दल ने क्वांटम डॉट सोलर सेल्स के एक तरफ के ऑर्गेनिक होल ट्रांसपोर्ट मटीरियल (एचटीएम) को बेहतर एक्सट्रैक्ट और ट्रांसपोर्ट होल में बदल दिया। इसका कारण यह है कि नए बने कार्बनिक पॉलिमर न केवल बेहतर होल बनाने की क्षमता रखता है, बल्कि इलेक्ट्रॉनों और होल को पुन: साथ जुड़ने से रोकता है। इससे शोध दल 11.53 फीसदी बिजली प्राप्त करने में सफल रहे।
प्रोफेसर जंग कहते हैं यह अध्ययन होल में घूमने की समस्या को हल करता है, जो क्वांटम डॉट सोलर सेल में बिजली बनाने के लिए अब तक बड़ी बाधा रही है।