“मुख्यमंत्री दुग्ध उत्पादक प्रोत्साहन योजना” के अंतर्गत दूध उत्पादकों एवं अंत्योदय परिवारों को सब्सिडी राशि वितरित की।  
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विधानसभा चुनाव: एक अक्टूबर को हरियाणा में मतदान, किसानों को लुभाने के लिए सरकार ने चला दांव

Raju Sajwan

चुनाव आयोग ने हरियाणा में विधानसभा चुनाव की घोषणा कर दी है। पूरे राज्य में एक अक्टूबर 2024 को एक ही चरण में मतदान होंगे। खास बात यह है कि चुनाव आयोग के संवाददाता सम्मेलन से पहले हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने एक संवाददाता सम्मेलन किया और बताया कि राज्य के 5 लाख 20 हजार किसानों के खातों में 525 करोड़ रुपए की किस्त जारी की गई। यह भुगतान किसानों को 2,000 रुपए प्रति एकड़ बोनस के रूप में किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों तक एक से दो दिन में पैसा पहुंच जाएगा।

सूखे ने बढ़ाई फसल की लागत

दरअसल चालू खरीफ सीजन में हरियाणा के किसानों को शुरुआती समय में सूखे का सामना करना पड़ा था, जिससे फसल की बुआई लागत बढ़ गई थी। सरकार का कहना है कि इसी लागत की भरपाई के लिए यह बोनस दिया गया है। बोनस केवल खरीफ फसलों के साथ-साथ बागवानी की फसलों के लिए भी दिया गया है। इतना ही नहीं जो छोटे किसान हैं, जिनके पास एकड़ से कम जमीन है उन्हें भी 2000 रुपए बोनस दिया जाएगा।

दरअसल जून 2024 में लोकसभा चुनाव परिणाम में हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी को पांच सीटों पर हार का सामना करना पड़ा था, इनमें से ज्यादातर सीटें ग्रामीण क्षेत्र से संबंधित थी और हार की वजह किसानों की नाराजगी माना जा रहा था। यही वजह है कि पिछले दो माह से हरियाणा सरकार लगातार ऐसे कदम उठा रही है, जिससे किसानों की नाराजगी दूर की जा सके।

आज के संवाददाता सम्मेलन में मुख्यमंत्री ने बताया कि इस साल 4 जून से 29 जुलाई तक 87 मिलीमीटर ही बारिश हुई और किसान को ट्यूबवेल व अन्य संसाधनों पर खर्च अधिक करना पड़ा। इससे पहले सरकार ने बताया था कि जलवायु परिस्थितियों की वजह से कीटों और रोगों ने भी फसल को नुकसान पहुंचाया। इन कीट व रोगों के प्रभावों से फसलों को बचाने के लिए भी किसानों की इनपुट लागत अधिक लगानी पड़ी। इसलिए किसानों को बोनस देने का फैसला किया गया।

दुग्ध उत्पदकों को भी सब्सिडी

इससे पहले कल यानी 15 अगस्त 2024 को स्वतंत्रता दिवस के मौके पर मुख्यमंत्री ने बताया कि मुख्यमंत्री दुग्ध उत्पादक प्रोत्साहन योजना के तहत 35 हजार दूध उत्पादकों को अप्रैल, मई और जून, 2024 के लिए 15 करोड़ 59 लाख रुपए की सब्सिडी जारी की गई। इतना ही नहीं, मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा कि प्रधानमंत्री बीमा योजना के तहत हरियाणा में घरों तक दूध सप्लाई करने वालों का बीमा प्रीमियम राज्य सरकार वहन करेगी।

एमएसपी पर 10 फसलों की खरीद

नायब सरकार ने कुछ दिन पहले ही सभी फसलों की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर करने का निर्णय लिया था। बताया गया था कि प्रदेश में अब 10 फसलें रागी, सोयाबीन, कालातिल (नाइजरसीड), कुसुम, जौ, मक्का, ज्वार, जूट, खोपरा और मूंग (समर) की एमएसपी पर खरीद की जाएगी। वर्तमान में प्रदेश सरकार द्वारा 14 फसलों की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य पर की जा रही है। अब हरियाणा की अन्य सभी फसलें न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदी जाएंगी।

बागवानी बीमा और आबियाना

एक प्रेस विज्ञप्ति में यह भी दावा किया गया था कि हरियाणा देश का पहला राज्य है, जिसने बागवानी फसलों को मौसम की मार से बचाने के लिए ‘मुख्यमंत्री बागवानी बीमा योजना’ शुरू की गई है। प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए गौ-पालक किसानों को 30 हजार रुपए की आर्थिक सहायता दी जा रही है।

इससे पहले भी हुई मंत्रिमंडल की बैठक में अंग्रेजों के जमाने से चले आ रहे आबियाना को खत्म कर किसानों पर पिछले आबियाने का 133 करोड़ 55 लाख 48 हजार रुपए बकाया माफ किया गया था।

आढ़तियों को भी लुभाया

मुख्यमंत्री ने आढ़तियों के लिए भी कई बड़ी घोषणाएं की है। धान की आढ़त 45.88 रुपए से बढ़ाकर 55.00 रुपए प्रति क्विंटल करने की घोषणा की। इसके अलावा गेहूं में कमी के कारण आढ़तियों को हो रहे नुकसान की भरपाई सरकार द्वारा की जाएगी, इसके लिए उन्होंने लगभग 12 करोड़ रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की।

विकास चौधरी / सीएसई

आवारा पशुओं की चिंता

प्रदेश के किसान आवारा पशुओं द्वारा फसलों को पहुंचाएं जा रहे नुकसान को लेकर भी नाराज हैं। यही वजह है कि हरियाणा सरकार ने गौशाला संचालकों को भी प्रोत्साहन देने की घोषणा की और कहा कि प्रदेश को बेसहारा गौवंश मुक्त बनाने की योजना के तहत बेसहारा गाय, बछड़ा या बछड़ी पकड़कर अपनी गौशाला में लाने वाले को 600 रुपए प्रति गाय और 800 रुपए प्रति नन्दी की दर से तुरंत नगद भुगतान किया जाएगा। ऐसे पकड़े गए बेसहारा पशुओं में से बछड़ा/बछड़ी के लिए 20 रुपए, गाय के लिए 30 रुपए तथा नन्दी के लिए 40 रुपए प्रतिदिन चारा के लिए अनुदान दिया जाएगा।

हरियाणा सरकार ने एक और महत्वपूर्ण घोषणा उज्ज्वला योजना के तहत रसोई गैस कनेक्शन पाने वाले किसानों के लिए की थी। इस घोषणा में कहा गया था कि प्रदेश में 48 लाख परिवारों को 500 रुपए में गैस का सिलेंडर दिया जाएगा।

शंभू बॉर्डर पर बैठे किसान।

किसानों का मोर्चा जारी

यहां यह उल्लेखनीय है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी का कानून बनाने की मांग को लेकर दिल्ली आ रहे किसानों को अंबाला में शंभू बॉर्डर पर रोका हुआ है और किसान वहीं बॉर्डर पर बैठे हुए हैं।

मोर्च पर जमे किसान संगठन हरियाणा सरकार द्वारा सभी फसलों की एमएसपी पर खरीद की घोषणा पर अपना प्रतिरोध जताते हुए कह चुके हैं कि जब तक पूरे देश में एमएसपी गारंटी कानून नहीं बनेगा तब तक उनका आंदोलन वापस नहीं होगा।