पलायन और विस्थापन की पीड़ा कितनी ह्रदय विदारक होती है इसकी कल्पना करना भी मुश्किल है। इसकी दर्द वही समझ सकता है, जो अपने घर से बेघर होता है। भारत में विस्थापन की समस्या कोई नई नहीं है। 1947 में बंटवारे ने जो देश के बीच एक लकीर खींची थी, उसने लाखों लोगों को इधर से उधर अपने घरों को छोड़ कर जाने को मजबूर कर दिया था। तब से लेकर आज तक वजह अलग हो सकती है पर पलायन और विस्थापन की यह प्रक्रिया साल दर साल जारी है। अधिक पढ़ें...