अर्थव्यवस्था

संसद में आज: ग्रामीण क्षेत्रों के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में 8638 एलोपैथिक डॉक्टरों के पद खाली

मैसर्स भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड ने देश में कोवैक्सिन के तीसरे चरण की प्रभावकारिता परीक्षण किया है, जिसमें टीके की प्रभावशीलता 77.8 फीसदी बताई गई है

Madhumita Paul, Dayanidhi

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी ग्रामीण स्वास्थ्य सांख्यिकी 2019-20 (31 मार्च 2020 तक) के अनुसार राज्य/केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा प्रदान की गई जानकारी के आधार पर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (पीएचसी) में 8638 एलोपैथिक डॉक्टरों और 3168 सामान्य ड्यूटी चिकित्सा अधिकारियों की रिक्तियां हैं। (एलोपैथिक), 2348 सर्जन, 1949 प्रसूति और स्त्री रोग विशेषज्ञ, 2224 चिकित्सक और भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी) में 1910 बाल रोग विशेषज्ञ की रिक्तियां हैं। यह आज स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार ने राज्यसभा में बताया।

इलेक्ट्रिक वाहन नीति

भारी उद्योग मंत्रालय ने देश में इलेक्ट्रिक/हाइब्रिड वाहनों (एक्सईवी) को अपनाने को बढ़ावा दिया है। इसके लिए 2015 में भारत में हाइब्रिड और इलेक्ट्रिक वाहनों (फेम इंडिया) के तेजी से अपनाने और विनिर्माण नामक एक योजना तैयार की है, यह आज भारी उद्योग में राज्य मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर ने लोकसभा में बताया।

वर्तमान में फेम इंडिया योजना के दूसरे चरण को 5 वर्ष की अवधि के लिए लागू किया जा रहा है। इसके लिए 01 अप्रैल, 2019 में 10,000 करोड़ रुपये का कुल बजटीय प्रावधान रखा गया। यह चरण सार्वजनिक और साझा परिवहन के विद्युतीकरण करने पर आधारित है। सब्सिडी के माध्यम से 7090 ई-बसों, 5 लाख ई-3 व्हीलर, 55000 ई-4 व्हीलर पैसेंजर कारों और 10 लाख ई-2 व्हीलर का लक्ष्य रखा गया है। 

बाढ़ से कृषि भूमि को नुकसान

गृह मंत्रालय (एमएचए) द्वारा प्रदान की गई जानकारी के अनुसार, 25.11.2021 तक मौसम संबंधी आपदाओं/खतरों के कारण प्रभावित फसल क्षेत्र, कर्नाटक में सबसे अधिक 13.98 लाख हेक्टेयर है, उसके बाद राजस्थान में 6.79 लाख हेक्टेयर और बिहार में 5.80 लाख हेक्टेयर शामिल है। यह जानकारी कृषि और किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने लोकसभा में दी। 

कृषि वानिकी के अंतर्गत भूमि

कृषि वानिकी योजना पर उप मिशन के तहत कृषि वानिकी के तहत 93809.27 हेक्टेयर वास्तविक भूमि लाई गई है, यह आज कृषि और किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने लोकसभा में बताया।

तोमर ने कहा कि केंद्रीय कृषि वानिकी अनुसंधान संस्थान झांसी, यू.पी., भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के तहत किसानों के लाभ के लिए विभिन्न कृषि- पारिस्थितिकी क्षेत्रों और भूमि उपयोग की स्थितियों के लिए उपयुक्त 35 कृषि वानिकी मॉडल विकसित किए हैं।

कचरे से ऊर्जा उत्पादन

कुल 10 नग बिजली पैदा करने के लिए कचरे से ऊर्जा संयंत्रों की संख्या और 6 है। यह आज बिजली और नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आर के सिंह ने राज्यसभा में बताया। उन्होंने कहा देश में नगरपालिका के ठोस कचरे (एमएसडब्ल्यू) से बायो-सीएनजी पैदा करने के लिए संयंत्रों की स्थापना की गई है।

केंद्रीय वन पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा एमएसडब्ल्यू से ऊर्जा पैदा करने के लिए परियोजनाओं की स्थापना हेतु पर्यावरण मंजूरी (ईसी) प्रदान की जाती है। सिंह ने कहा कि ऐसी परियोजनाओं से संबंधित ईसी के लिए नगर पालिकाओं से कोई आवेदन मंत्रालय के पास लंबित नहीं है।

कोविड -19 वैक्सीन के दुष्प्रभाव

30 नवंबर 2021 तक कोविड-19 टीकों की कुल 123.25 करोड़ खुराक दी जा चुकी हैं और टीकाकरण के बाद 49,819 प्रतिकूल घटनाएं बताई गई हैं, जो कोविड-19  टीकाकरण कार्यक्रम के तहत लगाए गए कुल खुराक का 0.004 फीसदी है, यह आज स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार ने राज्यसभा में बताया।

कोविशील्ड और कोवैक्सिन की प्रभावकारिता

मेसर्स सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की कोविशिल्ड वैक्सीन ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और एस्ट्राजेनेका द्वारा विकसित ऑक्सफोर्ड/एस्ट्राजेनेका वैक्सीन का तकनीकी हस्तांतरण है।

ऑक्सफोर्ड / एस्ट्राजेनेका वैक्सीन के लिए प्रभावकारिता अध्ययन ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और एस्ट्राजेनेका द्वारा विदेशों में आयोजित किया गया था और मेसर्स सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने देश में चरण II / III प्रतिरक्षा-ब्रिजिंग क्लिनिकल परीक्षण किया है। कोविशील्ड के अनुमोदन के समय ऑक्सफोर्ड/एस्ट्राजेनेका वैक्सीन की समग्र अंतरिम प्रभावकारिता 63.09 फीसदी बताई गई है।

मैसर्स भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड ने देश में कोवैक्सिन के तीसरे चरण की प्रभावकारिता परीक्षण किया है, जिसमें टीके की प्रभावशीलता 77.8 फीसदी बताई गई है। यह जानकारी आज स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार ने राज्यसभा में दी। 

भारत में सीरोलॉजिकल सर्वेक्षण

सरकार ने अतीत में टीबी रोग के फैलने का सर्वेक्षण और टीबी संक्रमण सर्वेक्षण किए हैं। हाल ही में राष्ट्रीय स्तर पर टीबी रोग के फैलने का सर्वेक्षण 2019 से 2021 की अवधि के दौरान किया गया था, जिसमें राष्ट्रीय स्तर और राज्य समूह स्तर पर टीबी रोग की व्यापकता का अनुमान लगाने के लिए लगभग पूरे देश को कवर किया गया था, यह आज स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार ने राज्यसभा में बताया।

साथ ही डेंगू, चिकनगुनिया, हेपेटाइटिस, डिप्थीरिया, खसरा और रूबेला के लिए संयुक्त सीरोसर्वे आईसीएमआर-राष्ट्रीय महामारी विज्ञान संस्थान द्वारा आयोजित किया गया था। दिए गए नमूनों में, डीईएनवी संक्रमण (डेंगू) की सिरोप्रवैलेंस 48.7 फीसदी थी। दिए गए नमूनों में डिप्थीरिया में, 5 से 17 वर्ष की आयु के 29.7 फीसदी बच्चे डिप्थीरिया से प्रतिरक्षित थे, 10.5 फीसदी गैर-प्रतिरक्षा थे और 59.8 फीसदी आंशिक रूप से प्रतिरक्षित थे। 5 से 8 वर्ष की आयु के बच्चों के दिए गए नमूनों में हेपेटाइटिस बी में 1.1 फीसदी क्रोनिक कैरियर थे। पवार ने कहा कि खसरा और रूबेला के सीरो सर्वे के परिणाम एमआर टीकाकरण के बाद प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया में उल्लेखनीय वृद्धि पाई गई है।