फाइल फोटो: सीएसई 
अर्थव्यवस्था

बर्ड फ्लू के बढ़ते खतरे से खाद्य सुरक्षा पर संकट, एफएओ की चेतावनी

पिछले चार सालों में एवियन इन्फ्लूएंजा (बर्ड फ्लू) का फैलाव बहुत बढ़ गया है

DTE Staff

संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन (एफएओ) ने कहा है कि पिछले चार सालों में एवियन इन्फ्लूएंजा (बर्ड फ्लू) का फैलाव बहुत बढ़ गया है, जिससे मुर्गियों जैसे घरेलू पक्षियों का भारी नुकसान हुआ है। इसने खाद्य सुरक्षा को प्रभावित किया है और मुर्गी उत्पादों की कीमतों को बढ़ा दिया है। साथ ही जंगली पक्षियों में भी इसका फैलाव हुआ है, जिससे जैव विविधता को नुकसान हो रहा है।

एफएओ की ओर से आयोजित एक बैठक में उप महानिदेशक गोडफ्री मगेन्जी ने कहा कि इस बीमारी का फैलाव अभूतपूर्व है, जिससे खाद्य सुरक्षा पर गंभीर असर पड़ रहा है। इससे लोगों की रोजी-रोटी पर असर पड़ रहा है, अर्थव्यवस्था को झटका लग रहा है और उपभोक्ताओं के लिए मुर्गे का मांस और अंडे महंगे हो रहे हैं।

उन्होंने कहा कि पक्षी पालन को बचाने की मुख्य चुनौतियां हैं – ये सुनिश्चित करना कि लोग जो मुर्गियों पर निर्भर हैं, उन्हें मांस और अंडे मिलते रहें। इसके साथ-साथ जैव विविधता, सुरक्षित व्यापार, और किसानों की आजीविका की भी सुरक्षा करनी है।

एफएओ की उप महानिदेशक बेथ बेकडोल ने कहा कि यह एक वैश्विक समस्या है और इसके समाधान के लिए सबको मिलकर काम करना होगा। एफएओ पिछले 20 सालों से इस वायरस के खिलाफ काम कर रहा है और अब एफएओ और विश्व पशु स्वास्थ्य संगठन ने इसे रोकने के लिए एक दस साल की वैश्विक योजना शुरू की है।

बेकडोल ने कहा कि हर देश में मजबूत पशु चिकित्सा प्रणाली होनी चाहिए ताकि हम मिलकर इस बीमारी को फैलने से रोक सकें और जानवरों और इंसानों की सुरक्षा कर सकें।

बैठक में महामारी फंड के लिए भी तीसरी बार वित्तीय प्रस्ताव मांगे गए, जो विश्व बैंक द्वारा चलाया जा रहा है। इसका उद्देश्य महामारी से निपटने के लिए देशों को और अधिक मदद प्रदान करना है, ताकि स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत किया जा सके और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग बढ़े।

बैठक में इंडोनेशिया और सेनेगल के स्थायी प्रतिनिधि, अंतर्राष्ट्रीय पोल्ट्री परिषद, विश्व अंडा संगठन और हेल्थ फॉर एनीमल्स के प्रतिनिधि भी शामिल थे।