राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) ने 7 जनवरी को राष्ट्रीय आय का पहला अग्रिम अनुमान जारी किया। जिसमें केवल कृषि को छोड़कर अर्थव्यस्था के लगभग सभी क्षेत्रों में गिरावट रहने का अनुमान लगाया गया है।
एनएसओ के मुताबिक, देश की अर्थव्यवस्था में चालू वित्त वर्ष (2020-21) में 7.7 प्रतिशत की गिरावट का अनुमान है, जबकि इससे पिछले वित्त वर्ष 2019-20 में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 4.2 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई थी। इसके लिए कोविड-19 वैश्विक महामारी को मुख्य कारण बताया गया है।
एनएसओ के अनुसार, '' साल 2020-21 में स्थिर मूल्य (2011-12) पर वास्तविक जीडीपी या जीडीपी 134.40 लाख करोड़ रुपए रहने का अनुमान है। जबकि 2019-20 में जीडीपी का शुरुआती अनुमान 145.66 लाख करोड़ रुपए रहा है। इस तरह 2020-21 में वास्तविक जीडीपी में अनुमानत: 7.7 प्रतिशत की गिरावट आएगी।
गौरतलब है कि भारत में कोरोनावायरस संक्रमण का प्रसार रोकने के लिए मार्च 2020 के अंत में पूरे देश में लॉकडाउन घोषित किया गया था, जिसका असर चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही (अप्रैल से जून 2020) में दिख गया।
पहली तिमाही में जीडीपी में 23.9 फीसदी की गिरावट आई थी। हालांकि तब भी कृषि क्षेत्र में वृद्धि का अनुमान लगाया गया था।
इसके बाद दूसरी तिमाही में जीडीपी में सिर्फ 7.5 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। काफी हद तक लॉकडाउन हटने के बाद वित्त वर्ष की दूसरी छमाही से हालात में सुधार आ रहा है। आर्थिकि गतिविधियां काफी हद तक शुरू हो चुकी है।
एनएसओ की रिपोर्ट बताती है कि कोरोना महामारी और लॉकडाउन के दौरान कृषि क्षेत्र का प्रदर्शन काफी अच्छा रहा है। ऐसे में चालू वित्त वर्ष में कृषि क्षेत्र की वृद्धि दर 3.5 फीसदी रहने का अनुमान है। वहीं उद्योग क्षेत्र में 10.3 फीसदी और सेवा क्षेत्र में 9.8 फीसदी गिरावट का अनुमान है। खनन क्षेत्र में 12.4 फीसदी की गिरावट आएगी। वहीं, मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में 9.4 फीसदी और कंस्ट्रक्शन सेक्टर में 12.6 फीद की गिरावट आएगी।
रिपोर्ट के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष में व्यक्तिगत खपत में -9.5 फीसदी रहने का अनुमान है, जो पिछले साल 5.3 फीसदी थी।
रिपोर्ट में सरकार के कुल खर्च में पिछले साल के मुकाबले इस साल कम करने का अनुमान लगाया गया है। सरकार का कुल खर्च इस साल 5.8 फीसदी रहने का अनुमान लगाया गया है, जो पिछले साल 11.8 फीसदी था।
वहीं, सकल पूंजी निर्माण (ग्रॉस कैपिटल फॉर्मेशन) में 14.5 फीसदी की गिरावट का अनुमान है, जिसमें पिछले साल 2.8 फीसदी की गिरावट आई थी। वहीं, देश के नॉमिनल जीडीपी में वित्त वर्ष 2020-21 में 4.5 फीसदी की गिरावट का अनुमान है।