केंद्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने आज संसद में आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25 पेश किया। सर्वेक्षण की मुख्य बातें निम्न हैं;
भारत की वास्तविक जीडीपी वृद्धि वित्त वर्ष 2025 में 6.4 फीसदी रहने की उम्मीद (राष्ट्रीय आय के अग्रिम अनुमान के अनुसार) है, जो दशक के औसत के नजदीक है।
वास्तविक सकल मूल्य वर्धन (जीवीए) के वित्त वर्ष 2025 में 6.4 फीसदी रहने का अनुमान है।
वैश्विक अर्थव्यवस्था 2023 में 3.3 फीसदी की दर से बढ़ी, आईएमएफ ने अगले 5 वर्षों के लिए 3.2 फीसदी वृद्धि का अनुमान लगाया था
वित्त वर्ष 2026 में वास्तविक जीडीपी वृद्धि 6.3 से 6.8 के बीच बढ़ेगी
खुदरा मुद्रा स्फीति वित्त वर्ष 2024 के 5.4 फीसदी से घटकर अप्रैल-दिसंबर, 2024 में 4.9 प्रतिशत रह गई
पूंजीगत व्यय में वित्त वर्ष 2021 से वित्त वर्ष 2024 के दौरान निरंतर सुधार हुआ है, आम चुनावों के बाद कैपेक्स में जुलाई-नवंबर, 2024 के दौरान 8.2 फीसदी की वृद्धि (वर्ष दर वर्ष) दर्ज की गई
बैंक ऋण में स्थिर गति से वृद्धि हुई है और यह जमा राशि के लगभग बराबर हो गई है
भारत के बीमा बाजार में वृद्धि जारी है, कुल बीमा प्रीमियम में वित्त वर्ष 2024 में 7.7 फीसदी की दर से वृद्धि हुई और यह 11.2 लाख करोड़ तक पहुंच गई
भारत का बाहरी ऋण पिछले कुछ वर्षों से स्थिर रहा है, सितंबर, 2024 के अंत में बाहरी ऋण और जीडीपी का अनुपात 19.4 फीसदी रहा है।
कीमतें और मुद्रा स्फीति
आईएमएफ के अनुसार वैश्विक मुद्रा स्फीति दर 2024 में 5.7 फीसदी रही, जो 2022 में 8.7 फीसदी के शीर्ष पर थी
भारत में खुदरा मुद्रा स्फीति वित्त वर्ष 2024 के 5.4 फीसदी के मुकाबले वित्त वर्ष 2025 (अप्रैल-दिसंबर, 2024) में घटकर 4.9 फीसदी रह गई
आरबीआई और आईएमएफ का अनुमान है कि भारत की उपभोक्ता मूल्य स्फीति वित्त वर्ष 2026 में 4 फीसदी लक्ष्य के अनुरूप रहेगी
जलवायु-सहनीय फसल किस्मों और कृषि तौर-तरीकों में सुधार, चरम जलवायु घटनाओं के प्रभावों को कम करने और दीर्घावधि में मूल्य स्थिरता हासिल करने के लिए आवश्यक है।
नवीकरणीय ऊर्जा
दिसंबर, 2024 तक सौर और पवन ऊर्जा की नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता में वर्ष दर वर्ष 15.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई है
भारत की कुल स्थापित क्षमता में नवीकरणीय ऊर्जा की हिस्सेदारी 47 फीसदी हो गई है
ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली तक पहुंच में सुधार हुआ है, 18,374 गांवों तथा 2.9 करोड़ घरों को बिजली की सुविधा मिली
जल एवं स्वच्छता
जल जीवन मिशन के तहत, योजना की शुरूआत से अब तक 12 करोड़ परिवारों को नल से पेय जल आपूर्ति की सुविधा मिली है
स्वच्छ भारत मिशन-ग्रामीण के चरण-2 के तहत मॉडल श्रेणी में अप्रैल से नवंबर, 2024 तक 1.92 लाख गांवों को ओडीएफ + घोषित किया गया है इससे ओडीएफ + गांवों की कुल संख्या 3.64 लाख हो गई है
शहरी क्षेत्रों में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 89 लाख आवासों का निर्माण हुआ है
कृषि और खाद्य प्रबंधन
कृषि और इससे संबंधित क्षेत्रों ने वित्त वर्ष 2024 के (प्रारंभिक अनुमानों) में मौजूदा आधार पर सकल घरेलू उत्पाद में 16 प्रतिशत का योगदान रहा है।
बागवानी, मवेशी और मत्स्य इत्यादि क्षेत्र कृषि क्षेत्र के सम्पूर्ण विकास के चालक रहे हैं।
वर्ष 2024 में खरीफ खाद्यान्न उत्पादन 1647.05 लाख मीट्रिक टन (एलएमटी) तक पहुंचने की उम्मीद है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 89.37 एलएमटी की वृद्धि दर्शाती है।
वर्ष 2011-12 से 2021-22 के लिए मत्स्य पालन क्षेत्र ने 8.7 प्रतिशत की उच्चतम चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) रही, जिसके बाद पशुधन 5.8 प्रतिशत की सीएजीआर के साथ दूसरे स्थान पर है
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) 2013 और प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेवाई) ने खाद्य सुरक्षा के दृष्टिकोण में एक मौलिक बदलाव को चिन्हित किया।
अगले पांच वर्षों के लिए पीएमजीकेएवाई के तहत मुफ्त खाद्यान्न का प्रावधान राष्ट्रीय खाद्य और पोषण सुरक्षा को पूरा करने के लिए सरकार की दीर्घकालिक प्रतिबद्धबता और दूरदृष्टि को दर्शाता है।
31 अक्टूबर तक पीएम किसान के तहत 11 करोड़ से अधिक किसानों को लाभ मिला है, जबकि 23.61 लाख किसान पीएम किसान मानधन के तहत नामांकित हैं।
जलवायु और पर्यावरण
वर्ष 2047 तक विकसित राष्ट्र का दर्जा प्राप्त करने की भारत की महत्वाकांक्षा मूल रूप से समावेशी और सतत विकास के दृष्टिकोण में निहित है।
भारत गैर-जीवाश्म ईंधन स्रोतों से 2,13,701 मेगावाट की संस्थापित बिजली उत्पादन क्षमता सफलतापूर्वक स्थापित की है, जो वर्ष 2030 तक 50 प्रतिशत तक पहुंचने के एनडीसी के अद्यतित लक्ष्य की तुलना में 30 नवम्बर, 2024 तक कुल क्षमता का 46.8 प्रतिशत है।
भारतीय वन संरक्षण 2024 के अनुसार वर्ष 2005 और वर्ष 2023 के बीच 2.29 बिलियन टन सीओ2 के समतुल्य का अतिरिक्त कार्बन सिंक बनाया गया है।
भारत के नेतृत्व वाले वैश्विक अभियान, लाइफस्टाइल फॉर एनवायरमेंट (लाइफ) का उद्देश्य देश के स्थिरता संबंधी प्रयासों को बढ़ाना है।
वर्ष 2030 तक अनुमान है कि लाइफ के प्रयासों से उपाय कम खपत और कम कीमतों के माध्यम से वैश्विक स्तर पर उपभोक्ताओं का लगभग 440 बिलियन अमेरिकी डॉलर बचा सकते हैं।
सामाजिक क्षेत्र
सरकार का सामाजिक सेवा व्यय (संयुक्त रूप से केंद्र और राज्यों कें संबंध में) वित्त वर्ष 21 से वित्त वर्ष 25 तक 15 प्रतिशत की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर से बढ़ा है।
स्वास्थ्य
वित्त वर्ष 2015 से वित्त वर्ष 2022 के बीच देश के कुल स्वास्थ्य व्यय में सरकारी स्वास्थ्य व्यय की हिस्सेदारी 29.0 प्रतिशत से बढ़कर 48.0 प्रतिशत हो गई है। इसी अवधि के दौरान कुल स्वास्थ्य व्यय में लोगों द्वारा किए जाने वाले आउट-ऑफ-पॉकेट एक्पेंडिचर की हिस्सेदारी 62.6 प्रतिशत से घटकर 39.4 प्रतिशत हो गई।
आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबीपीएम-जेएवाई) ने परिवारों के जेब खर्च में उल्लेखनीय कमी लाने में निर्णायक भूमिका निभाई है जिसके अधीन 1.25 लाख करोड़ रुपये से अधिक की बचत दर्ज की गई है।
रोजगार और कौशल विकास
बेरोजगारी दर 2017-18 (जुलाई-जून) के 6.0 प्रतिशत की तुलना में घटकर 2023-24 में 3.2 प्रतिशत रह जाने के साथ भारतीय श्रम बाजार के संकेतकों में सुधार हुआ है।
10-24 वर्ष के आयु वर्ग में लगभग 26 प्रतिशत जनसंख्या होने के साथ, भारत वैश्विक स्तर पर सबसे युवा राष्ट्रों में से एक के तौर पर विशेष जन सांख्यिकी अवसर के मुहाने पर है।
महिला उद्यमशीलता को प्रोत्साहन देते हुए सरकार ने आसान कर्ज, विपणन समर्थन, कौशल विकास और महिला स्टार्ट-अप्स को समर्थन आदि से जुड़ी कई पहलों की शुरुआत की है।