खुदरा महंगाई दर पिछले छह साल के उच्च स्तर पर पहुंच गई है। सबसे अधिक खाने पीने का सामान महंगा हुआ है। सब्जियों की कीमतों में 50 फीसदी तक की वृद्धि देखी गई है। इसकी बड़ी वजह है कि कई राज्यों में हुई बेमौसमी बरसात ने सब्जियों पर सबसे अधिक असर डाला है।
12 फरवरी को राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के आंकड़ों के मुताबिक, जनवरी 2020 में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित खुदरा महंगाई दर 7.59 फीसदी पर पहुंच गई। जो पिछले साल जनवरी 2019 में 1.97 फीसदी थी और एक महीने पहले यानी दिसंबर 2019 में 7.35 फीसदी थी। यह लगातार छठा महीना है, जब महंगाई दर लगातार बढ़ रही है।
खाने-पीने की चीजों की कीमतों में सबसे अधिक वृद्धि हुई है। साल दर साल महंगाई दर देखें तो इसमें 11.79 फीसदी की वृद्धि हुई है। जनवरी 2019 में मूल्य सूचकांक 137.4 था, जो जनवरी 2020 में 153.6 दर्ज किया गया। सबसे अधिक वृद्धि सब्जियों में हुई। सब्जियों का मूल्य सूचकांक जनवरी 2019 में 131.3 थी, जबकि जनवरी 2020 में 197.2 दर्ज किया गया। इस तरह सब्जियों में महंगाई दर में 50.19 फीसदी वृद्धि हुई। इसके अलावा दाल व दलहन उत्पादों पर 16.71 फीसदी, अंड़ों में 10.41 फीसदी, मांस व मछली में 10.50 फीसदी और मसालों में 8.25 फीसदी महंगाई दर में वृद्धि हुई।
एनएसओ के ये आंकड़े बताते हैं कि ग्रामीण क्षेत्रों के मुकाबले शहरों में महंगाई अधिक तेजी से बढ़ी है। ग्रामीण क्षेत्र में महंगाई दर 11.43 फीसदी रही, जबकि शहरों में 12.53 फीसदी रही।
यहां यह उल्लेखनीय है कि पिछले दो-तीन माह से बेमौसमी बरसात की वजह से सब्जियों और दलहन को काफी नुकसान पहुंचा है, जिसका असर महंगाई पर साफ दिख रहा है। जिन राज्यों में महंगाई दर सबसे अधिक रही, उनमें ओडिशा सबसे ऊपर है। यहां महंगाई दर 9.72 फीसदी रही। इसके भारत उत्तर प्रदेश में 9.70 फीसदी, तेलंगाना में 9.55, पश्चिम बंगाल में 8.81, हरियाणा में 8.57, तमिलनाडु में 8.51 रिकॉर्ड की गई। इनमें से अधिकतर राज्य ऐसे हैं, जहां बारिश अधिक और बेमौसमी हुई।