अर्थव्यवस्था

2020 में एशिया प्रशांत क्षेत्र को व्यापार में हुआ 1.60 लाख करोड़ रुपए का नुकसान

संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक आयोग एशिया और प्रशांत के अनुसार 2020 में एशिया पैसिफिक क्षेत्र को व्यापार में करीब 160,39,507 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ

Lalit Maurya

संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक आयोग एशिया और प्रशांत (यूएन ईएससीएपी) द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार 2020 में एशिया पैसिफिक क्षेत्र को व्यापार में करीब 160,39,507 करोड़ रुपए (220,000 करोड़ डॉलर) का नुकसान हुआ था। यह जानकारी महामारी से पहले हुए विकास के पूर्वानुमान के आधार पर सामने आई है। इसमें सबसे ज्यादा मार सेवाओं पर पड़ी है। इसी तरह विदेशी निवेश में भी भारी गिरावट देखने को मिली है। गौरतलब है कि 1930 में आई महामंदी के बाद यह पहला मौका है जब दुनिया इतनी बड़ी मंदी का सामना कर रही है।

पता चला है कि कोरोना महामारी और लॉकडाउन के चलते अंतरराष्ट्रीय व्यापार और निवेश पर गहरा असर पड़ा है। ऐसे में जरुरी है कि सप्लाई चेन को जल्द दुरुस्त किया जाए। यह बात संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक आयोग (एशिया और प्रशांत) द्वारा व्यापार और निवेश के लिए गठित समिति के सातवें सत्र (25 से 29 जनवरी 2021) में सामने आई है।

दुनिया की बड़ी आर्थिक शक्तियां और देश पहले ही संरक्षणवाद और राष्ट्रवाद के चलते पिछड़ रहे हैं ऐसे में यह महामारी व्यापार के लिए सबसे बड़े खतरे के रूप में उभरी है। जिसने व्यापारिक तनाव को और बढ़ा दिया है।

संयुक्त राष्ट्र की अंडर सेक्रेटरी जनरल और ईएससीएपी की एग्जिक्यूटिव सेक्रेटरी अरमिडा सालसियह एलिसजाहबाना के अनुसार हमें नए सहयोग ढांचे के निर्माण और मौजूदा में विस्तार करने की जरुरत है। इनमें व्यापक क्षेत्रीय आर्थिक भागीदारी, पेपरलेस ट्रेड की सुविधा पर किया समझौता और एशिया-पैसिफिक ट्रेड एग्रीमेंट शामिल हैं। उनके अनुसार कोविड-19 से उबरने के बाद व्यापार को जिन चुनौतियों का सामना करना होगा, उसके लिए इस क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने की अधिक तत्परता से जरूरत है। व्यापार और निवेश में पहले ही सुधार के संकेत मिले हैं। 2020 की आखिरी तिमाही में व्यापार पुराने ढर्रे पर लौटता दिख रहा है।

महामारी के कारण आई मंदी से उबरने के लिए जरुरी है आपसी सहयोग 

इस वर्ष, समिति ने महामारी के प्रभावों को दूर करने और देशों के बीच अधिक से अधिक सहयोग बढ़ाने के लिए कई सिफारिशों का समर्थन किया है।

इसमें विशेष रूप से कोविड-19 से जुड़े क्षेत्रों में एकपक्षीय संरक्षणवादी कार्यों का विरोध करने के लिए प्रतिबद्धता दिखाने की बात कही है। सतत विकास के समर्थन में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को बढ़ावा देने के लिए ठोस प्रयास करने की बात कही है। साथ ही डिजिटल व्यापार सम्बन्धी नियमों में सामंजस्य और नियमों पर आधारित बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली को सुरक्षित और मजबूत करने की बात मानी है।

दुनिया भर में यह कोरोना वायरस अब तक 10 करोड़ से ज्यादा लोगों को अपनी गिरफ्त में ले चुका है, जबकि इसके चलते 22 लाख से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है। अभी भी दुनिया के कई देशों में लॉकडाउन जारी है। जिसका समाज के साथ-साथ व्यापार और अर्थव्यवस्था पर व्यापक असर पड़ रहा है।