अर्थव्यवस्था

व्यापार के लिए चाहिए 1.5 लाख करोड़ डॉलर, वर्ना नौकरियों पर है खतरा: एडीबी

Raju Sajwan

वैश्विक स्तर पर व्यापार में लगभग 1.5 लाख करोड़ डॉलर की कमी के चलते नौकरियों और अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ रहा है। एशियन डेवलपमेंट बैंक (एडीबी) के एक नए सर्वेक्षण के मुताबिक,छोटे और मध्यम दर्जे के कारोबारियों (एसएमई) को बड़े स्तर पर पैसे की कमी का सामना करना पड़ रहा है। इतना ही नहीं, महिला कारोबारियों को और ज्यादा बाधाओं का सामना करना पड़ रहा है।

स्टडी रिपोर्ट जारी करने के बाद एडीबी के ट्रेड एवं सप्लाई चेन फाइनेंस के मुखिया स्टीवन बेक ने कहा कि व्यापार में भारी वित्तीय अंतर (फाइनेंशियल गैप) एक वैश्विक चुनौती है, जो न केवल आर्थिक विकास को कम कर रही है, बल्कि गरीबी को दूर करने वाले सभी प्रयासों को नुकसान पहुंचाती है। इसलिए यह जरूरी हो गया है कि वैश्विक विकास के लिए अधिक कुशल, स्थिर और स्थायी व्यापार वित्त चैनल बनाए जाएं। 

ट्रेड फाइनेंस गैप, ग्रोथ, और जॉब पर क्रेंद्रित इस सर्वे में बैंक, कंपनियों और एक्सपोर्ट के लिए क्रेडिट देने वाली एजेंसियों के अलावा दुनिया भर में व्यापार की वित्तीय स्वास्थ्य के बैरोमीटर का व्यापक अध्ययन किया गया।  एडीबी के इस छठे संस्करण में पाया गया कि व्यापार में पैसों की कमी के चलते सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) पर असर पड़ रहा है। खासकर महिला समानता, गरीबी दूर करना, नौकरियां और समावेशी विकास पर इसका बुरा असर पड रहा है।

रिपोर्ट के अनुसार, सर्वेक्षण में पाया गया कि फाइनेंस के लिए छोटे कारोबारियों द्वारा जमा कराए गए आवेदनों को सबसे अधिक (45 प्रतिशत) रद्द कर दिया गया। जबकि बड़े कारोबारियों के 39 फीसदी आवेदनों को रद्द किया गया और बहुराष्ट्रीय कंपनियों के केवल 17 फीसदी आवेदनों को ही रद्द किया गया। खराब बात यह है कि पुरुषों के मुकाबले महिलाओं द्वारा संचालित फर्मों के आवेदनों को अधिक रद्द किया गया। महिलाओं के 44 फीसदी और पुरुषों के 38 फीसदी आवेदन रद्द किए गए।

सर्वेक्षण के दौरान बैंकों के तीन-चौथाई (76 प्रतिशत) से अधिक लोगों ने बताया कि एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग (एएमएल) और नो-योर-कस्टमर (केवाईसी) जैसे नियमों की वजह से उनको व्यापार के विस्तार में बाधा पहुंच रही है। जबकि ये नियम यह सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण हैं कि वैश्विक वित्तीय प्रणाली का उपयोग आतंकवाद या धन को लूटने के लिए तो नहीं किया जाता है।

अध्ययन में शामिल लगभग 60 प्रतिशत बैंकों को उम्मीद है कि अगले 2 वर्षों में व्यापार वित्त में वृद्धि होगी। ब्लॉकचैन और बिग डेटा जैसी तकनीकों में अंतर को कम करने की क्षमता है, लेकिन उनके टेक-अप में उच्च लागत और डिजिटल वित्त के लिए वैश्विक मानकों की कमी से समझौता किया जा रहा है।

रिपोर्ट में सरकार से सिफारिश की गई है कि डिजिटल व्यापार और ई-कॉमर्स पर आम व सामान्य नियम अपनाए जाएं। ताकि वाणिज्यिक लेनदेन आसान हो सके।